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'मन की बात' सीजन II में बोले मोदी- पानी की एक-एक बूंद कीमती - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता से 'मन की बात' कार्यक्रम से लोगों से साझा हुए. उनका यह कार्यक्रम करीब 4 महीने के अंतराल के बाद आयोजित हुआ. दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह पहला 'मन की बात' कार्यक्रम है.

पीएम मोदी.
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Published : Jun 30, 2019, 11:04 AM IST

Updated : Jun 30, 2019, 1:13 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार मन की बात कार्यक्रम किया. मन की बात का यह कार्यक्रम चुनाव खत्म होने के बाद पहली बार हो रहा है. 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिरी बार मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया था.

इसी कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को लोकसभा चुनाव तक रोकने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आपातकाल को याद करते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है और 19 महीने के दौरान लोगों को लगा कि उनसे कुछ छीन लिया गया है. मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद अपने पहले 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में लोकतांत्रिक भावना के बारे में बात करते हुए कहा कि आपातकाल का सिर्फ राजनीतिक दलों और उसके नेताओं ने ही नहीं बल्कि आम जनता ने भी विरोध किया था.

उन्होंने कहा, "जब आपातकाल लागू किया गया था, तो इसका सिर्फ राजनीतिक दलों द्वारा विरोध नहीं किया गया था या यह महज जेल की सलाखों तक सीमित नहीं था. आम आदमी के दिल में गुस्सा था. लोकतंत्र के छिन जाने की लोगों में बेचैनी थी. हमें लोकतांत्रिक अधिकारों के महत्व का एहसास उस समय हुआ जब इसे हमसे छीन लिया गया."

मोदी ने कहा, 'भारत गर्व से कह सकता है कि नियम और कानून से परे लोकतंत्र हमारी विरासत और संस्कृति है. आम आदमी ने आपातकाल की पीड़ा को महसूस किया था.'

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया का पैमाना हर भारतीय को गौरवान्वित करता है.

उन्होंने कहा, 'भारत ने बस अभी सबसे बड़ा चुनाव पूरा किया है. चुनाव का पैमाना बहुत बड़ा था. यह हमारे लोकतंत्र में लोगों के विश्वास के बारे में बताता है.'

आपातकाल के अलावा, प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया क्योंकि देश के बड़े हिस्सों में सूखे की मार है.

लोकसभा चुनाव के कारण चार महीने के विराम के बाद मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के साथ लौटे. यह आखिरी बार फरवरी में प्रसारित किया गया था.

पीएम मोदी ने कहा-

  • मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मज़बूती, ताक़त और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.
  • स्वस्थ लोग स्वस्थ समाज बनाने में मदद करते हैं और योगा इसमें सहायक है. इसी कारण से योगा किसी समाज सेवा से कम नहीं है.
  • योग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्राइम मिनिस्टर अवार्ड की घोषणा, अपने आप में मेरे लिए एक बड़े संतोष की बात थी. यह पुरस्कार दुनिया भर के कई संगठनों को दिया गया है.
  • शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहां इंसान हो और योग के साथ जुड़ा हुआ न हो. योग ने इतना बड़ा रूप ले लिया है.
  • 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया.
  • सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. पूरे देश में जल संकट से निपटने के लिए कोई फॉर्मूला नहीं हो सकता. इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रयास किए जाने चाहिए.
  • मैंने ग्राम प्रधानों को जल संरक्षण के महत्व और ग्रामीण भारत में इस विषय पर जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाने के लिए एक पत्र लिखा.
  • पिछले कुछ महीनों में कई लोगों ने पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में लिखा है. जल संरक्षण पर अधिक जागरूकता देखकर मुझे खुशी हुई.
  • मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.
  • जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था. जन-जन के दिल में एक आक्रोश था.
  • भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है और उस विरासत को लेकर हम पले-बड़े लोग हैं.
  • 2019 कैा चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था. लोखों शिक्षकों अधिकारियों और कर्मचारियों की दिन-रात मेहनत से चुनाव संभव हुआ.
  • हाल में लोकतंत्र का पर्व हमारे देश में संपन्न हुआ. इस महापर्व में 61 करोड़ लोगों ने मतदान किया.
  • चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था. हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे.
  • लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात करने का मौका मिल रहा है.

लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के कुछ दिन बाद से ही पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण बंद किया था, जिसके बाद मार्च, अप्रैल और मई में मन की बात का प्रसारण नहीं हुआ. उनके आखिरी मन की बात का प्रसारण 24 फरवरी को हुआ था.

PM modi etv bharat
पीएम मोदी का ट्वीट.

पीएम मोदी ने मई के आखिरी रविवार को फिर मन की बात के साथ वापसी करेंगे, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद व्यस्त कार्यक्रमों के चलते मई में इसका प्रसारण न हो सका. पीएम ने 30 मई को शपथ ली, जिसके बाद इस कार्यक्रम को अगली तारीख के लिए टाल दिया गया.

पीएम मोदी मन के बात कार्यक्रम की जानकारी ट्वीट कर के दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सकारात्मकता की शक्ति और 130 करोड़ भारतीयों की ताकत की जश्न मनाने चार महीने बाद मन की बात एक बार फिर वापस आ रहा है. कल सुबह 11 बजे सुने.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार मन की बात कार्यक्रम किया. मन की बात का यह कार्यक्रम चुनाव खत्म होने के बाद पहली बार हो रहा है. 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिरी बार मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया था.

इसी कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को लोकसभा चुनाव तक रोकने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आपातकाल को याद करते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है और 19 महीने के दौरान लोगों को लगा कि उनसे कुछ छीन लिया गया है. मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद अपने पहले 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में लोकतांत्रिक भावना के बारे में बात करते हुए कहा कि आपातकाल का सिर्फ राजनीतिक दलों और उसके नेताओं ने ही नहीं बल्कि आम जनता ने भी विरोध किया था.

उन्होंने कहा, "जब आपातकाल लागू किया गया था, तो इसका सिर्फ राजनीतिक दलों द्वारा विरोध नहीं किया गया था या यह महज जेल की सलाखों तक सीमित नहीं था. आम आदमी के दिल में गुस्सा था. लोकतंत्र के छिन जाने की लोगों में बेचैनी थी. हमें लोकतांत्रिक अधिकारों के महत्व का एहसास उस समय हुआ जब इसे हमसे छीन लिया गया."

मोदी ने कहा, 'भारत गर्व से कह सकता है कि नियम और कानून से परे लोकतंत्र हमारी विरासत और संस्कृति है. आम आदमी ने आपातकाल की पीड़ा को महसूस किया था.'

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया का पैमाना हर भारतीय को गौरवान्वित करता है.

उन्होंने कहा, 'भारत ने बस अभी सबसे बड़ा चुनाव पूरा किया है. चुनाव का पैमाना बहुत बड़ा था. यह हमारे लोकतंत्र में लोगों के विश्वास के बारे में बताता है.'

आपातकाल के अलावा, प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया क्योंकि देश के बड़े हिस्सों में सूखे की मार है.

लोकसभा चुनाव के कारण चार महीने के विराम के बाद मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के साथ लौटे. यह आखिरी बार फरवरी में प्रसारित किया गया था.

पीएम मोदी ने कहा-

  • मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मज़बूती, ताक़त और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.
  • स्वस्थ लोग स्वस्थ समाज बनाने में मदद करते हैं और योगा इसमें सहायक है. इसी कारण से योगा किसी समाज सेवा से कम नहीं है.
  • योग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्राइम मिनिस्टर अवार्ड की घोषणा, अपने आप में मेरे लिए एक बड़े संतोष की बात थी. यह पुरस्कार दुनिया भर के कई संगठनों को दिया गया है.
  • शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहां इंसान हो और योग के साथ जुड़ा हुआ न हो. योग ने इतना बड़ा रूप ले लिया है.
  • 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया.
  • सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. पूरे देश में जल संकट से निपटने के लिए कोई फॉर्मूला नहीं हो सकता. इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रयास किए जाने चाहिए.
  • मैंने ग्राम प्रधानों को जल संरक्षण के महत्व और ग्रामीण भारत में इस विषय पर जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाने के लिए एक पत्र लिखा.
  • पिछले कुछ महीनों में कई लोगों ने पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में लिखा है. जल संरक्षण पर अधिक जागरूकता देखकर मुझे खुशी हुई.
  • मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.
  • जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था. जन-जन के दिल में एक आक्रोश था.
  • भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है और उस विरासत को लेकर हम पले-बड़े लोग हैं.
  • 2019 कैा चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था. लोखों शिक्षकों अधिकारियों और कर्मचारियों की दिन-रात मेहनत से चुनाव संभव हुआ.
  • हाल में लोकतंत्र का पर्व हमारे देश में संपन्न हुआ. इस महापर्व में 61 करोड़ लोगों ने मतदान किया.
  • चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था. हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे.
  • लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात करने का मौका मिल रहा है.

लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के कुछ दिन बाद से ही पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण बंद किया था, जिसके बाद मार्च, अप्रैल और मई में मन की बात का प्रसारण नहीं हुआ. उनके आखिरी मन की बात का प्रसारण 24 फरवरी को हुआ था.

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पीएम मोदी का ट्वीट.

पीएम मोदी ने मई के आखिरी रविवार को फिर मन की बात के साथ वापसी करेंगे, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद व्यस्त कार्यक्रमों के चलते मई में इसका प्रसारण न हो सका. पीएम ने 30 मई को शपथ ली, जिसके बाद इस कार्यक्रम को अगली तारीख के लिए टाल दिया गया.

पीएम मोदी मन के बात कार्यक्रम की जानकारी ट्वीट कर के दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सकारात्मकता की शक्ति और 130 करोड़ भारतीयों की ताकत की जश्न मनाने चार महीने बाद मन की बात एक बार फिर वापस आ रहा है. कल सुबह 11 बजे सुने.

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Last Updated : Jun 30, 2019, 1:13 PM IST
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