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दक्षिण भारत की पहली 'किसान रेल' फलों के साथ दिल्ली रवाना

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को नई दिल्ली और अमरावती से एक वीडियो लिंक के माध्यम से किसान रेल को हरी झंडी दिखाई. यह 'किसान रेल' दक्षिण भारत के अनंतपुरमू से 322 टन ताजा फल लेकर राष्ट्रीय राजधानी की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी पहुंचेगी.

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किसान रेल
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Published : Sep 9, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 6:03 PM IST

अमरावती/नई दिल्ली : रेलवे ने ताजे फल व सब्जियों समेत अन्य कृषि उत्पादों के तीव्र और सुगम परिवहन के लिए बुधवार को एक और किसान रेल चलाई. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्श नगर के लिए रवाना हुई. यह दक्षिण भारत से चलने वाली पहली किसान रेल है. किसानों को कृषि बाजारों से जोड़ने के लिए चलाई गई यह 'किसान रेल' बुधवार को अनंतपुरम से 322 टन ताजे फल व सब्जियां लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी के लिए लेकर रवाना हुई है.

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कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से फल-सब्जी अब आएगी सीधे दिल्ली.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने ‘किसान रेल’ को नई दिल्ली और अमरावती से एक वीडियो लिंक के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह देश की दूसरी ‘किसान रेल’ है.

बता दें कि इस ट्रेन में 14 पार्सल वैन हैं और यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, अनंतपुरमू के सांसद टी रंगैया, दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गजानन माल्या, अनंतपुरमू के जिला कलेक्टर जी. चंद्रुडू, गुंटकल रेल मंडल के प्रबंधक आलोक तिवारी और अन्य इस आयोजन में शामिल हुए.

'किसान रेल' किसानों, विशेष रूप से बागवानी करने वालों के लिए एक वरदान के रूप में आई है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपज जल्दी बाजारों तक पहुंचे.

तोमर ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि अनंतपुरमू में दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल और सब्जी उगाई जाती है और 'किसान रेल' इस क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी. किसान उड़ान सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी.

गत सात अगस्त को पहली 'किसान रेल' महाराष्ट्र में देवलाली और बिहार में दानापुर के बीच साप्ताहिक सेवा के तौर पर चलाई गई थी. इसे बाद में मांग बढ़ने पर सप्ताह में दो बार कर दिया गया था.

उन्होंने कहा कि अब दूसरी 'किसान रेल' से इसके मार्ग में आने वाले राज्यों को लाभ होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तोमर ने आनलाइन कार्यक्रम में कहा कि 'किसान रेल' और 'किसान उड़ान' की इस वर्ष बजट में घोषणा की गई थी, ताकि कृषि उपज को कम समय में पूरे देश में पहुंचाया जा सके.

तोमर ने आंध्र प्रदेश में नए कृषि अध्यादेश और एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत कोष लागू किए जाने की प्रशंसा की.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि बागवानी राज्य में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है. वहीं राज्य में नारियल, पपीता, टमाटर और मिर्च के उत्पादन में पहले स्थान पर है और आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत में सबसे बड़ा फल उत्पादक राज्य है.

पढ़ें: गरिमामय जीवन जीने को ट्रांसजेंडरों ने शुरू किया 'कोवई ट्रांस किचन'

उन्होंने कहा कि कोविड 19 स्थिति के दौरान कृषि उत्पाद का उत्तर भारत में परिवहन मुश्किल हो गया था. लॉकडाउन के दौरान अनंतपुरम से मुंबई के बीच कई विशेष ट्रेनें चलाई गईं, ताकि बागवानी उत्पाद देश के अन्य हिस्सों में पहुंच सके.

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दूर के स्थानों तक कृषि उपज का परिवहन तेजी से करने में मदद के लिए 'किसान रेल' शुरू की जा रही है.

उन्होंने कहा कि परिवहन समय में कमी के कारण किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकते हैं, जहां उन्हें उत्पाद के बिना खराब हुए, उसका बेहतर मूल्य मिलता है. यह सुविधा कृषि निर्यात बढ़ाने में भी मदद करेगी.

पढ़ें: देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री

किसान रेल को अभी सप्ताह में एक बार चलाने की योजना है, लेकिन जनवरी से मांग के आधार पर इसके फेरे बढ़ाए जा सकते हैं.

अमरावती/नई दिल्ली : रेलवे ने ताजे फल व सब्जियों समेत अन्य कृषि उत्पादों के तीव्र और सुगम परिवहन के लिए बुधवार को एक और किसान रेल चलाई. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्श नगर के लिए रवाना हुई. यह दक्षिण भारत से चलने वाली पहली किसान रेल है. किसानों को कृषि बाजारों से जोड़ने के लिए चलाई गई यह 'किसान रेल' बुधवार को अनंतपुरम से 322 टन ताजे फल व सब्जियां लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी के लिए लेकर रवाना हुई है.

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कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से फल-सब्जी अब आएगी सीधे दिल्ली.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने ‘किसान रेल’ को नई दिल्ली और अमरावती से एक वीडियो लिंक के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह देश की दूसरी ‘किसान रेल’ है.

बता दें कि इस ट्रेन में 14 पार्सल वैन हैं और यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, अनंतपुरमू के सांसद टी रंगैया, दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गजानन माल्या, अनंतपुरमू के जिला कलेक्टर जी. चंद्रुडू, गुंटकल रेल मंडल के प्रबंधक आलोक तिवारी और अन्य इस आयोजन में शामिल हुए.

'किसान रेल' किसानों, विशेष रूप से बागवानी करने वालों के लिए एक वरदान के रूप में आई है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपज जल्दी बाजारों तक पहुंचे.

तोमर ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि अनंतपुरमू में दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल और सब्जी उगाई जाती है और 'किसान रेल' इस क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी. किसान उड़ान सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी.

गत सात अगस्त को पहली 'किसान रेल' महाराष्ट्र में देवलाली और बिहार में दानापुर के बीच साप्ताहिक सेवा के तौर पर चलाई गई थी. इसे बाद में मांग बढ़ने पर सप्ताह में दो बार कर दिया गया था.

उन्होंने कहा कि अब दूसरी 'किसान रेल' से इसके मार्ग में आने वाले राज्यों को लाभ होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तोमर ने आनलाइन कार्यक्रम में कहा कि 'किसान रेल' और 'किसान उड़ान' की इस वर्ष बजट में घोषणा की गई थी, ताकि कृषि उपज को कम समय में पूरे देश में पहुंचाया जा सके.

तोमर ने आंध्र प्रदेश में नए कृषि अध्यादेश और एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत कोष लागू किए जाने की प्रशंसा की.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि बागवानी राज्य में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है. वहीं राज्य में नारियल, पपीता, टमाटर और मिर्च के उत्पादन में पहले स्थान पर है और आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत में सबसे बड़ा फल उत्पादक राज्य है.

पढ़ें: गरिमामय जीवन जीने को ट्रांसजेंडरों ने शुरू किया 'कोवई ट्रांस किचन'

उन्होंने कहा कि कोविड 19 स्थिति के दौरान कृषि उत्पाद का उत्तर भारत में परिवहन मुश्किल हो गया था. लॉकडाउन के दौरान अनंतपुरम से मुंबई के बीच कई विशेष ट्रेनें चलाई गईं, ताकि बागवानी उत्पाद देश के अन्य हिस्सों में पहुंच सके.

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दूर के स्थानों तक कृषि उपज का परिवहन तेजी से करने में मदद के लिए 'किसान रेल' शुरू की जा रही है.

उन्होंने कहा कि परिवहन समय में कमी के कारण किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकते हैं, जहां उन्हें उत्पाद के बिना खराब हुए, उसका बेहतर मूल्य मिलता है. यह सुविधा कृषि निर्यात बढ़ाने में भी मदद करेगी.

पढ़ें: देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री

किसान रेल को अभी सप्ताह में एक बार चलाने की योजना है, लेकिन जनवरी से मांग के आधार पर इसके फेरे बढ़ाए जा सकते हैं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 6:03 PM IST
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