नई दिल्ली : फल और सब्जियों के मालवहन के लिए भारतीय रेल ने अपनी पहली किसान रेल सेवा शुरू की. रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर महाराष्ट्र के देवलाली से रवाना किया. रेलवे ने कहा कि यह ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में पेश बजट में जल्दी खराब होने वाले फल एवं सब्जियों जैसे उत्पादों के मालवहन के लिए ‘किसान रेल’ चलाने की घोषणा की थी. इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी.
रेल मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि इस साल के बजट में जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की बेहतर आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए किसान रेल चलाने की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुये रेल मंत्रालय ने पहली किसान रेल देवलाली से दानापुर के लिये चलाई. यह रेल साप्ताहिक आधार पर चलेगी.
वक्तव्य में कहा गया है कि यह रेलगाड़ी 1,519 किलोमीटर का सफर करते हुये अगले दिन करीब 32 घंटे बाद शाम पौने सात बजे दानापुर (बिहार) पहुंचेगी.
मध्य रेलवे का भुसावल डिवीजन प्राथमिक तौर पर कृषि आधारित डिवीजन है और नासिक तथा इसके आसपास के इलाकों में बड़ी मात्रा में ताजी सब्जियों, फलों, फूल, प्याज तथा अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन होता है. इन उत्पादों को यदि ठीक से रखरखाव नहीं हो तो ये जल्दी खराब हो जाते हैं.
ये कृषि उत्पाद नासिक के इन इलाकों से बिहार में पटना, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, मध्य प्रदेश के कटनी, सतना तथा अन्य क्षेत्रों को भेजे जाते हैं. किसान रेल इन उत्पादों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेगी। यह रेल नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज छेओकी, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी.
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वातानुकूलन की सुविधा के साथ फल एवं सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी.