भोपाल : मध्यप्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव से पहले राजनीति गरमाने लगी है. बीजेपी और कांग्रेस नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने में कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करने से बवाल मच गया है. बीजेपी ने इस वीडियो के जारी होने के बाद अपना विरोध जताया है. प्रदेश की क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय के खिलाफ एफआईर दर्ज कर ली है.
मामले पर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जबसे गुदनी क्षेत्र के आदिवासियों को शिवराज सिंह की सरकार ने ठगा है, उनके कार्यकाल में उनपर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और जब मैंने पत्र लिखकर कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मुझे मजबूरी में आपके घर पर धरना देना पड़ेगा, तो उस बात से बीजेपी तिलमिला गई और उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात से कोई आपत्ति नहीं लेकिन सवाल यह है कि इसे किसने एडिट किया है. सोर्स क्या है. बीजेपी और मोदी शाह भक्त और बीजेपी राहुल गांधी का वीडियो एडिट करके झूठा चलाया. रोज इस प्रकार के झूठे वीडियो डालने पर क्या इनपर कार्रवाई होगी?'
गौरतलब है कि अपनी शिकायत में बीजेपी नेताओं ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की छवि को खराब करने की नीयत से एडिट किया हुआ वीडियो डाला गया है.
प्रदेश के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं द्वारा क्राइम ब्रांच पहुंचकर एसपी साउथ साईं कृष्णा थोटा को शिकायती आवेदन दिया गया था. इसमें कहा गया है कि दिग्विजय सिंह द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 14 जून दोपहर 1:50 बजे एक वीडियो डाला गया है, जिसमें लिखा गया है कि मदिरालय खोल दिए, पर मंदिरों और पूजा स्थलों पर लॉकडाउन, वाह रे मामा, इतना पिलाओ के पड़े रहें, क्या कहने, इस टैगलाइन के साथ उक्त वीडियो को शेयर किया गया है.
वीडियो में दिखाया गया है कि शिवराज सिंह चौहान आबकारी अमले पर भड़के हैं और उक्त वीडियो में शिवराज कह रहे हैं कि दारू इतनी फैला दो कि पिए और पड़े रहें. उक्त वीडियो भी शिकायत के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सौंपा है, इसके अलावा जो ओरिजिनल वीडियो है वह भी पुलिस को दे दिया गया है.
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ओरिजिनल वीडियो के एक हिस्से को किया गया शेयर
मामले को लेकर पूर्व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि जिस वीडियो को एडिट कर डाला गया है वह वीडियो 12 जनवरी 2020 का है. जिसमें पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब शिवराज सिंह चौहान के द्वारा दिया जा रहा है, उस समय कमलनाथ सरकार द्वारा जो आबकारी नीति लागू की गई थी, उसे लेकर शिवराज सिंह चौहान जवाब दे रहे हैं.
भाजपा का आरोप है कि यह वीडियो 2 मिनट 19 सेकंड का है, जिसमें वह आबकारी नीति का विरोध कर रहे हैं. लेकिन जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है वह मात्र 9 सेकंड का है और उसे षडयंत्र पूर्वक एडिट किया गया है. सीएम शिवराज को बदनाम करने की नीयत से इस वीडियो में काट छांट की गई है. जिससे स्पष्ट होता है कि दिग्विजय सिंह और उनके साथियों के द्वारा शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर पर की गई पोस्ट को षडयंत्र पूर्वक चोरी कर वीडियो में छेड़छाड़ कर ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया गया है, ताकि बीजेपी की वर्तमान सरकार और सीएम शिवराज की छवि आम जनता की नजर में धूमिल की जा सके. जिसका अनुचित रूप से लाभ प्राप्त किया जा सके.