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कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच बात होनी चाहिए: फारूक अब्दुल्ला - कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच बात होनी चाहिए

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अजमेर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर अपनी हाजिरी दी. इस दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी सूरत में भारत और पाकिस्तान के बीच बात होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले के सुलझने से इन दो देश को ही नहीं पूरे विश्व को फायदा होगा. जानें क्या है पूरा मामला...

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला
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Published : Jul 24, 2019, 9:51 AM IST

अजमेर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला एक दिन के दौरे पर अजमेर पहुंचे हैं. अजमेर पहुंचकर पहले उन्होंने सर्किट हाउस पर विश्राम किया. उसके बाद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंच गए. यहां उन्होंने ख्वाजा साहब की मजार पर मखमली चादर और अकीदत के फूलों का नजराना पेश किया.

वहीं फारूक अब्दुल्ला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर भारत में चल रहे विवाद पर भी अपनी राय रखी.

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कश्मीर मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता कि कौन से मंत्री ने उस दावे को खारिज किया है या नहीं लेकिन मैं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना चाहूंगा कि उन्होंने भारत और पाक के मसले को सुलझाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं और वह भी चाहते हैं कि दोनों देश आपस में अपने मसले को सुलझा लें.'

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कश्मीर मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

वहीं अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 70 साल से कई मंत्रियों ने प्रयास किए मगर अभी तक सफल नहीं हो पाए. एक दौर ऐसा भी आता है कि तीसरे देश को बीच में आना ही पड़ता है. जिसे लेकर अगर अमेरिका प्रयास करता है तो यह एक अच्छी बात है और हम तो यह चाहते हैं कि बस भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला सुलझा जाए. उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े.

पढ़ें: युवक ने दीवार पर लिखा- 'जब तक अन अधिकृत कश्मीर मुद्दे का हल नहीं होगा, उधार बंद है'

फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि इन दोनों देशों के मसले सुलझने से सिर्फ इन दो देशों को ही नहीं पूरे विश्व को फायदा होगा क्योंकि यह दोनों देश ही एटॉमिक पावर हैं.

अब्दुल्ला ने बताया कि अगर दुनिया में अमन आएगा तो सबके लिए ही अच्छा होगा. तीसरे पक्ष को बीच में आना इसलिए जरूरी है क्योंकि 70 साल में आज तक यह दोनों देश नहीं मिले और कभी-कभी वह वक्त आ जाता है, जब कोई और भी हो और मसले को हल करें.

उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत और पाकिस्तान दोनों ही एटॉमिक पावर है और हम वह लड़ाई देखना नहीं चाहते और खुदा ना करें कि वह वक्त कभी आए और मैं आज इसीलिए जियारत पर आया हूं और दुआ करता हूं.

कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बेतुके बयान को लेकर भी अब्दुल्ला ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने बयान दिया और उस बयान को वापस भी ले लिया. हम यहीं उम्मीद करते हैं कि सत्यपाल मलिक आगे एहतियात से बात करें. उन्होंने कहा कि सत्यपाल मलिक का काम रियासत को अमन और चैन देने का है.. बयान देने का नहीं.

अजमेर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला एक दिन के दौरे पर अजमेर पहुंचे हैं. अजमेर पहुंचकर पहले उन्होंने सर्किट हाउस पर विश्राम किया. उसके बाद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंच गए. यहां उन्होंने ख्वाजा साहब की मजार पर मखमली चादर और अकीदत के फूलों का नजराना पेश किया.

वहीं फारूक अब्दुल्ला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर भारत में चल रहे विवाद पर भी अपनी राय रखी.

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कश्मीर मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता कि कौन से मंत्री ने उस दावे को खारिज किया है या नहीं लेकिन मैं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना चाहूंगा कि उन्होंने भारत और पाक के मसले को सुलझाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं और वह भी चाहते हैं कि दोनों देश आपस में अपने मसले को सुलझा लें.'

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कश्मीर मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

वहीं अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 70 साल से कई मंत्रियों ने प्रयास किए मगर अभी तक सफल नहीं हो पाए. एक दौर ऐसा भी आता है कि तीसरे देश को बीच में आना ही पड़ता है. जिसे लेकर अगर अमेरिका प्रयास करता है तो यह एक अच्छी बात है और हम तो यह चाहते हैं कि बस भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला सुलझा जाए. उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े.

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फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि इन दोनों देशों के मसले सुलझने से सिर्फ इन दो देशों को ही नहीं पूरे विश्व को फायदा होगा क्योंकि यह दोनों देश ही एटॉमिक पावर हैं.

अब्दुल्ला ने बताया कि अगर दुनिया में अमन आएगा तो सबके लिए ही अच्छा होगा. तीसरे पक्ष को बीच में आना इसलिए जरूरी है क्योंकि 70 साल में आज तक यह दोनों देश नहीं मिले और कभी-कभी वह वक्त आ जाता है, जब कोई और भी हो और मसले को हल करें.

उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत और पाकिस्तान दोनों ही एटॉमिक पावर है और हम वह लड़ाई देखना नहीं चाहते और खुदा ना करें कि वह वक्त कभी आए और मैं आज इसीलिए जियारत पर आया हूं और दुआ करता हूं.

कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बेतुके बयान को लेकर भी अब्दुल्ला ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने बयान दिया और उस बयान को वापस भी ले लिया. हम यहीं उम्मीद करते हैं कि सत्यपाल मलिक आगे एहतियात से बात करें. उन्होंने कहा कि सत्यपाल मलिक का काम रियासत को अमन और चैन देने का है.. बयान देने का नहीं.

Intro:अजमेर कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह आज 1 दिन के दौरे पर अजमेर पहुंचे। अजमेर पहुंचकर पहले उन्होंने सर्किट हाउस पर विश्राम किया उसके बाद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंच गए। फारूक अब्दुल्ला ने ख्वाजा साहब की मजार पर मखमली चादर और अकीदत के फूलों का नजराना पेश किया.।

Body:फारूक अब्दुल्लाह में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर भारत में चल रहे विवाद पर भी कहा कि वह नहीं जानते कि कौन से मंत्री ने उस दावे को खारिज किया है या नहीं पर मैं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना चाहूंगा कि उन्होंने भारत और पाक के मसले को सुलझाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं और वह भी चाहते हैं कि दोनों देश आपस में अपने मसले को सुलझा ले ।



वही अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 70 साल से कई मंत्रियों ने प्रयास किए मगर अभी तक सफल नहीं हो पाए और एक दौर ऐसा भी आता है कि तीसरे देश को बीच में आना ही पड़ता है जिसको लेकर अगर अमेरिका प्रयास करता है तो यह एक अच्छी बात है और हम तो यह चाहते हैं कि बस भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला सुलझा जाए उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। वहीं फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि इन दोनों देशों के मसले सुलझने से सिर्फ इन दो देशों को ही नहीं पूरे विश्व को फायदा होगा क्योंकि यह दोनों देश ही एटॉमिक पावर हैं.। 


Conclusion:फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि इस मसले के कारण ही देश में हिंदू मुस्लिम के बीच में नफरत पैदा होती है जो हमारे वतन के लिए खतरा है अगर इस खतरे को दूर करना है तो हमें इस मसले को हल ही करना पड़ेगा ।लोग कहेंगे कि बंदूके चल रही है पर मुझे बताइए क्या अफगानिस्तान में बंदूकें नहीं चल रही क्या वहा रोज बम नहीं फटते क्या अमेरिका रूस और चीन वहां अमन की बात नहीं करवा रहा ।




अगर दुनिया में अमन आएगा तो सबके लिए ही अच्छा होगा तीसरे पक्ष को बीच में आना इसलिए जरूरी है क्योंकि 70 साल में आज तक यह दोनों देश नहीं मिले और कभी-कभी वह वक्त आ जाता है जब कोई और भी हो और मसले को हल करें ।हमें इसे गलत नहीं कहना चाहिए क्यों गलत है यह अगर ऐसा है तो फिर शास्त्री जी भी गलत थे। आज के समय में  भारत और पाकिस्तान दोनों ही एटॉमिक पावर है  और हम वह लड़ाई देखना नहीं चाहते  और खुदा ना करे कि वह वक्त कभी आए और मैं आज इसीलिए जियारत पर आया हूं ओर दुआ करता हूँ



खवाज साहब से कि दोनों मुल्कों में अमन आए और देश में रह रहे हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,इसाई ,बुध सभी का रिश्ता अच्छा रहे जो कि काफी समय से बिगड़ रहा है ।



वही अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि आपस में लड़ने से देश को काफी खतरा है। कश्मीर के राज्यपाल मलिक के बेतुके बयान को लेकर भी अब्दुल्ला ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने बयान दिया और उस बयान को वापस भी ले लिया हम यही उम्मीद करते हैं कि सत्यपाल मलिक आगे एतिहाद से बात करें । सत्यपाल मेलिख का काम रियासत को अमन और चैन देने का है बयान देने का नही। वहीं डीजीपी के बयान को लेकर भी फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह गलत बयान दे रहे हैं वह क्या लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं उनका काम डराना नहीं खामोशी से काम करना है यात्रा चल रही है और अमन से चल रही है दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं


कश्मीरी मुसलमान उनकी पूरी मदद करता है घोड़े वाला से लेकर वहां काम कर रहा हर आदमी मुसलमान है ।फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अमरनाथ यात्रा से मुसलमानों को रोजगार मिलता है और मुसलमान भी यही चाहते हैं कि यह यात्रा अमन और चैन से रहे क्योंकि यह उन्हें रोजगार देता है।



बाइट - फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री कश्मीर

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