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शुगर मरीजों के लिए खुशखबरी, झारखंड में की जा रही है शुगर फ्री आलू की खेती - देवघर मे शुगर फ्री आलू की खेती

देवघर में इन दिनों शुगर फ्री आलू की खेती लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस शुगर फ्री आलू की खेती करने वाले यह दावा कर रहे हैं कि इसका सेवन शुगर के मरीज आराम से कर पाएंगे. इसकी जानकारी मिलने से मरीज काफी उत्साहित हैं.

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शुगर फ्री आलू
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Published : Jan 17, 2020, 7:20 PM IST

देवघरः आम तौर पर हर वर्ष जाड़े की मौसम में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इस बार बाबानगरी में कुछ किसानों ने प्रयोग के तौर पर शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. दावा किया जा रहा है कि इस आलू का सेवन शुगर के मरीज भी आराम से कर पाएंगे.

शुगर मरीजों में खुशी की लहर

शुगर के कारण आलू से दूरी बनाकर चलने वाले मरीजों के लिए इस वेरायटी की आलू की खेती अच्छी खबर है, जिसकी जानकारी मिलने से काफी उत्साहित है. स्थानीय लोग भी इस तरीके से देश मे शुगर से झेल रहे परेशानियों में कमी आने की बात कर रहे है. दरअसल, शिमला स्थित सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट ने हाल ही में आलू की एक शुगर फ्री भेरायटी विकसित की है. देवघर में कुछ प्रगतिशिल किसानों ने पहली बार प्रयोग के तौर पर इस शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. पहली बार इसकी खेती कर रहे किसान के अनुसार आम आलू की तरह ही इस खास किस्म की आलू की भी खेती की जा रही है, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज किस तरह की हो रही है उसपर इसकी कीमत निर्भर करेगी. फिर भी आलू की इन नई किस्म की खेती और इसकी पहली उपज को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं.

और पढ़ें- दुमकाः साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने 5 नक्सलियों को किया बरी, फिर भी खानी होगी जेल की हवा

कम स्टार्च और कॉलेस्ट्रोल ना के बराबर

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिसद के तहत शिमला के कार्यरत सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा आलू की यह नई किस्म विकसित की गई है. दावा किया जा रहा है कि आम आलू की तुलना में इस नई विकसित किस्म की स्टार्च और कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा नही के बराबर होती है. इस लिए शुगर के मरीज भी इसका आसानी से सेवन कर पाएंगे.

देवघरः आम तौर पर हर वर्ष जाड़े की मौसम में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इस बार बाबानगरी में कुछ किसानों ने प्रयोग के तौर पर शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. दावा किया जा रहा है कि इस आलू का सेवन शुगर के मरीज भी आराम से कर पाएंगे.

शुगर मरीजों में खुशी की लहर

शुगर के कारण आलू से दूरी बनाकर चलने वाले मरीजों के लिए इस वेरायटी की आलू की खेती अच्छी खबर है, जिसकी जानकारी मिलने से काफी उत्साहित है. स्थानीय लोग भी इस तरीके से देश मे शुगर से झेल रहे परेशानियों में कमी आने की बात कर रहे है. दरअसल, शिमला स्थित सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट ने हाल ही में आलू की एक शुगर फ्री भेरायटी विकसित की है. देवघर में कुछ प्रगतिशिल किसानों ने पहली बार प्रयोग के तौर पर इस शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. पहली बार इसकी खेती कर रहे किसान के अनुसार आम आलू की तरह ही इस खास किस्म की आलू की भी खेती की जा रही है, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज किस तरह की हो रही है उसपर इसकी कीमत निर्भर करेगी. फिर भी आलू की इन नई किस्म की खेती और इसकी पहली उपज को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं.

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कम स्टार्च और कॉलेस्ट्रोल ना के बराबर

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिसद के तहत शिमला के कार्यरत सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा आलू की यह नई किस्म विकसित की गई है. दावा किया जा रहा है कि आम आलू की तुलना में इस नई विकसित किस्म की स्टार्च और कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा नही के बराबर होती है. इस लिए शुगर के मरीज भी इसका आसानी से सेवन कर पाएंगे.

Intro:देवघर शुगर मरीजो के लिए खुशखबरी, किसान कर रहे शुगर फ्री आलू की खेती।


Body:एंकर देवघर आम तौर पर हर वर्ष जाड़े की मौसम में आलू की खेती बड़े पैमाने पे की जाती है। लेकिन इस बार देवघर में कुछ किसानों ने प्रयोग के तौर पर शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है। दावा किया जा रहा है कि इस आलू का सेवन शुगर के मरीज भी आराम से कर पाएंगे। शुगर के कारण आलू से दूरी बनाकर चलने वाले मरीजो के लिए अब एक अच्छी खबर है। जिसकी जानकारी मिलने से काफी उत्साहित है। तो स्थानीय लोग भी इस ईजाद से देश मे शुगर से झेल रहे परेशानियो में कमी आने की बात कर रहे है। दरअसल शिमला स्थित सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट ने हाल ही में आलू की एक शुगर फ्री भेरायटी विकसित की है। देवघर में कुछ प्रगतिशिल किसानों ने पहली बार प्रयोग के तौर पर इस शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है। पहली बार इसकी खेती कर रहे किसान के अनुसार आम आलू की तरह ही इस खास किस्म की आलू की भी खेती की जा रही है। लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज किस तरह की हो रही है उसपर इसकी कीमत निर्भर करेगी। फिर भी आलू की इन नही किस्म की खेती और इसकी पहली उपज को लेकर किसान काफी उत्साहित है। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिसद के तहत शिमला के कार्यरत सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा आलू की यह नई किस्म विकसित की गई है। दावा किया जा रहा है कि आम आलू की तुलना में इस नई विकसित किस्म की स्टार्च और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नही के बराबर होती है। इस लिए शुगर के मरीज भी इसका आसानी से सेवन कर पाएंगे।


Conclusion:बहरहाल,शुगर फ्री आलू की विकसित की गई इन नई किस्म की खेती अगर सफल हुई तो यह न सिर्फ शुगर मरीज के लिए आलू का स्वाद फिर से ताजा करने में मददगार साबित होगी बल्कि किसान के लिए भी उनकी आय का एक और अच्छा जरिया बन सकेगी।

बाइट पी के शानिग्रही,कृषि वैज्ञानिक,कृषि विज्ञान केंद्र देवघर।
बाइट वकील यादव,किसान।
बाइट प्रकाश राम,शुगर मरीज।
बाइट विवेक दुबे,स्थानीय।
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