हाथरस : कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करने के लिए तीन मई तक देशव्यापी लॉकडाउन है. इस कारण जिले में रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान श्यामसुंदर शर्मा की फसल बिकने के लिए शहर से बाहर नहीं जा पा रही है. फसल की बिक्री न होने से परेशान किसान श्यामसुंदर का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें लगभग 10 लाख रुपये का होने की आशंका है.
कोरोना महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के कारण किसान बेहद परेशान हैं. नगला मोतीराय निवासी श्याम सुंदर शर्मा परंपरागत खेती से हटकर व्यावसायिक खेती करते हैं. शर्मा ने पिछले साल करीब 40 लाख रुपाये की लागत से पोली हाउस तैयार किया था, जिसमें उन्होंने रंगीन शिमला मिर्च की फसल तैयार की थी. वह इस पोली हाउस से एक फसल ले चुके हैं, लेकिन दूसरी फसल आते ही लॉकडाउन होने की वजह से उनकी इस बार की फसल बाहर नहीं जा पा रही है. स्थानीय मंडी में रंगीन शिमला मिर्च के खरीदार नहीं है, इस कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो रही है.
होटल बंद होने से नहीं हो रही बिक्री
दरअसल रंगीन शिमला मिर्च फाइव स्टार होटलों में इस्तेमाल होती है और इसका बाजार आगरा और दिल्ली में है. लॉकडाउन की वजह से इनकी खपत करने वाले होटल बंद हैं. स्थानीय मार्केट में इनकी बिक्री नहीं होती है, इसलिए श्याम सुंदर शर्मा की फसल बेकार होती जा रही है, जिससे उन्हें करीब 10 लाख रुपये का नुकसान होने की आशंका है.
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शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन कर दिया गया है, इस वजह से उनकी रंगीन शिमला मिर्च की फसल बिकने के लिए बाहर नहीं जा पा रही है. फसल बर्बाद होने से उन्हें करीब दस लाख रुपये का नुकसान होने की आशंका है.