सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में किसान रंजीत सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में केसर की खेती की है. उन्होंने अपने मेहनत से अप्रत्याशित परिणाम ला दिया है. रंजीत सिंह खेती के प्रथम चरण में 10 ग्राम केसर की पैदावार हुई है. वहीं आगे केसर के इन पौधों से लगभग 50 ग्राम तक का उत्पादन होने की उम्मीद है.
बल्ह घाटी में रंजीत सिंह ने सब्जियों के बाद अब केसर की खेती कर डाली है. रंजीत सिंह सैनी ढाबण में अपने बेटे सुनील सैनी के साथ कृषि करते हैं. वर्तमान में रंजीत सिंह सैनी ने अपने खेतों में ट्रायल बेस पर बोए गए पांच केसर के पौधों से मात्र 6 माह में 10 ग्राम केसर का उत्पादन भी हो गया है. अभी इन पौधों से और अधिक मात्रा में केसर निकलना बाकी है.
इस संदर्भ में रंजीत सिंह सैनी ने कहा कि वह पिछले लगभग 25 वर्षों से बल्ह घाटी के ढाबण गांव में टमाटर सहित अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं. बीते साल अक्टूबर माह में कंपनी द्वारा उन्हें ट्रायल बेस पर केसर के पौधों का बीज दिया गया था. उन पांच बीजों से अपने खेत में केसर के पांच पौधे उगाए. केसर के पौधों का रखरखाव के लिए किसी भी प्रकार की कोई केमिकल स्प्रे और खाद को प्रयोग नहीं लाया गया.
रंजीत ने कहा कि इन केसर के पौधों को पूर्ण रूप से जैविक तरीके से गोबर की खाद के माध्यम से उगाया गया है. इन केसर के पौधों की देखरेख वह खुद करते हैं. अभी तक इन केसर के पौधों से 10 ग्राम केसर का उत्पादन हो चुका है.
उन्होंने कहा कि अभी इस उत्पादित केसर का टेस्ट कराने के लिए कृषि विश्वविद्यालय में भेजने की तैयारी कर रहे हैं. इन केसर के पौधों से लगभग 50 ग्राम तक केसर का उत्पादन होने की उम्मीद है.