ETV Bharat / bharat

किसानों पर थोपे गए कृषि विधेयक, बनेंगे गले की फांस : योगेंद्र यादव

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा है कि कृषि विधेयक मील के पत्थर नहीं, बल्कि किसानों के गले की फांस साबित होंगे. बेंगलुरु में ईटीवी भारत के संवाददाता प्रशोभ देवनल्ली से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि देशभर के किसान खुद सड़कों पर उतर कर कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके भविष्य को प्रभावित करने जा रहा है.

Yogendra Yadav
सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव
author img

By

Published : Sep 21, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 5:25 PM IST

बेंगलुरु : स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि विधेयकों को ऐतिहासिक कदम बताने पर कटाक्ष किया है. बेंगलुरु में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कृषि विधेयक मील के पत्थर नहीं, बल्कि किसानों पर थोपे गए हैं. यह विधेयक किसानों के गले की फांस साबित होंगे.

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव से बातचीत

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में किसान न सिर्फ कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि राज्य में लाए गए भूमि सुधार बिल का विरोध कर रहे हैं, जो वास्तव में लैंड डिफार्म बिल है. यह दर्शाता है कि सिर्फ हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में नाराज नहीं, बल्कि देशभर के किसान सरकार की नीतियों से नाराज हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों के प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा समर्थित हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यहां मौजूद किसानों में कांग्रेस का एक भी व्यक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि देशभर के किसान खुद सड़कों पर उतर कर कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके भविष्य को प्रभावित करने जा रहा है.

यह भी पढ़ें- कृषि अध्यादेश पर नरेश गुजराल को याद आए वाजपेयी, कहा- दबाई गई आवाज

योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान इसलिए इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे कृषि क्षेत्र में कंपनी राज की शुरुआत हो रही है, जिसे किसान नहीं चाहते हैं. इसीलिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (जो 200 से अधिक किसान संगठनों का गठबंधन है) ने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. इस दिन देशभर में किसान एक साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार को बताएंगे कि वह क्या चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल नहीं है, बल्कि भारत के किसानों के लिए ऐतिहासिक गलती है. उन्होंने कहा कि नए नियम से किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम दाम भी नहीं मिलेगा, जो उन्हें वर्तमान में मिल रहा है. यही वजह है कि सभी किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

योगेंद्र यादव ने कहा कि देश के सभी किसान संगठन यह कह रहे हैं कि हमें ऐसा गिफ्ट नहीं चाहिए. किसानों का कहना है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को गारंटी प्राइस के रूप में दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं तो उन्हें एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब तक इन किसान विरोधी विधेयकों को सरकार वापस नहीं लेती है, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.

बेंगलुरु : स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि विधेयकों को ऐतिहासिक कदम बताने पर कटाक्ष किया है. बेंगलुरु में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कृषि विधेयक मील के पत्थर नहीं, बल्कि किसानों पर थोपे गए हैं. यह विधेयक किसानों के गले की फांस साबित होंगे.

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव से बातचीत

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में किसान न सिर्फ कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि राज्य में लाए गए भूमि सुधार बिल का विरोध कर रहे हैं, जो वास्तव में लैंड डिफार्म बिल है. यह दर्शाता है कि सिर्फ हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में नाराज नहीं, बल्कि देशभर के किसान सरकार की नीतियों से नाराज हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों के प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा समर्थित हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यहां मौजूद किसानों में कांग्रेस का एक भी व्यक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि देशभर के किसान खुद सड़कों पर उतर कर कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके भविष्य को प्रभावित करने जा रहा है.

यह भी पढ़ें- कृषि अध्यादेश पर नरेश गुजराल को याद आए वाजपेयी, कहा- दबाई गई आवाज

योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान इसलिए इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे कृषि क्षेत्र में कंपनी राज की शुरुआत हो रही है, जिसे किसान नहीं चाहते हैं. इसीलिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (जो 200 से अधिक किसान संगठनों का गठबंधन है) ने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. इस दिन देशभर में किसान एक साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार को बताएंगे कि वह क्या चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल नहीं है, बल्कि भारत के किसानों के लिए ऐतिहासिक गलती है. उन्होंने कहा कि नए नियम से किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम दाम भी नहीं मिलेगा, जो उन्हें वर्तमान में मिल रहा है. यही वजह है कि सभी किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

योगेंद्र यादव ने कहा कि देश के सभी किसान संगठन यह कह रहे हैं कि हमें ऐसा गिफ्ट नहीं चाहिए. किसानों का कहना है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को गारंटी प्राइस के रूप में दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं तो उन्हें एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब तक इन किसान विरोधी विधेयकों को सरकार वापस नहीं लेती है, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.

Last Updated : Sep 21, 2020, 5:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.