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पहलू खां केस में चार्जशीट : बेटों का छलका दर्द, CM गहलोत ने कहा- राजस्थान सरकार ने नहीं किया नामजद

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Published : Jun 30, 2019, 12:05 AM IST

राजस्थान में लगभग दो साल तीन महीने पहलू खां की मौत हुई थी. मीडिया में इसे अलवर मॉब लिंचिंग जैसी सुर्खियां भी मिली थी. हालांकि, आज राजस्थान के ही एक अदालत में दायर की गई चार्जशीट विवादों में घिरती दिख रही है. पहलू खां के बेटों ने इस पर निराशा जाहिर की है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि उनकी सरकार का इस चार्जशीट से कोई संबंध नहीं है. जानें क्या है पूरा मामला...

पहलू खां और अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को स्पष्ट किया कि अलवर में भीड़ के मारे गए पहलू खान पर उनकी सरकार ने कोई आरोप नहीं लगाया है. गहलोत ने इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी कांग्रेस देश में कहीं भी किसी भी तरह की लापरवाही के खिलाफ प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि ऐसा फिर न हो.

एक अखबार में प्रकाशित खबर का जिक्र करते हुए गहलोत ने ट्वीट किया खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं. उन्होंने कहा कि 2018 दिसंबर में पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में पहलू खान का नाम नहीं था. यह एक अलग मामला है जो पिछली सरकार द्वारा पहलू खान और उसके बेटों आरिफ और इरशाद के खिलाफ दर्ज किया गया था जिसकी पिछली सरकार की देखरेख में जांच हो रही थी.

ashok gehlot on pehlu khan
पहलू खां के मामले पर अशोक गहलोत का ट्वीट

गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि चूंकि आरोप पत्र में अभियुक्त का नाम दिसंबर 2018 में प्रस्तुत किए जाने के समय उपस्थित नहीं था, इसलिए जिला न्यायालय ने 24 मई 2019 को चालान स्वीकार किया. हालांकि, हमारी सरकार यह देखेगी कि जांच पूर्व निर्धारित इरादों के साथ की गई थी या नहीं.

वहीं, बेहरोर के एसएचओ सुगंध सिंह का कहना है कि मृत व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दायर नही की जा सकती. उन्होंने बताया कि इस चार्जशीट में उन सभी लोगों के नाम हैं, जो घटना के वक्त पहलू खान के साथ थे.
जांच के बाद 30 दिसंबर, 2018 को फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई. इस रिपोर्ट को 24 मई को कोर्ट में जमा कर दिया गया.

पहलू खान को आरोपी बनाने के बारे में सुगंध सिंह ने बताया कि इसका बेहतर उत्तर वही दे सकते हैं, जिन्होंने 2018 में इस मामले की जांच की थी.

जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में पुलिस ने इरसाद खिलाफ अपराध धारा 5, 8, 9 RBA एक्ट व मुल्जिम खान मोहम्मद पुत्र अहमद खां निवाशी जयसिंहपुरा जिला नूंह मेवात हरियाणा के अपराध धारा 6 RBA एक्ट में मुल्जिम उच्च न्यायालय राजस्थान के आदेशानुसार जमानत पर बाहर है.

पहलू के परिवार के साथ ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने बातचीत की. पहलू खान के बेटों इरशाद, आरिफ और घटना के दौरान चश्मदीद रहे तमाम लोगों का कहना है कि, ''चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है, लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की, जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है. बीजेपी हो या कांग्रेस सभी सरकारें एक जैसी हैं.''

पहलू खां के बेटे से बातचीत

राजस्थान सरकार ने पहलू खान और उसके बेटे के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से मवेशी ले जाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट की सूचना के बाद से ही देश के तमाम लोग और खास कर पहलू के परिवार के लोग हैरान ने.

40 दिन में ही चार्जशीट होनी चाहिए, अब क्यों?
पहलू खान के बेटे इरशाद, आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे लोगों का कहना है कि, चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है, लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की, जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो, लेकिन सभी सरकारें एक जैसी हैं. इरशाद बोले कि अगर ये दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती.

ओवैसी का राजस्थान सरकार पर निशाना
मीडिया में चार्जशीट की खबर आते ही असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमला बोल दिया. उन्होंने के लोगों को संबोधित करते हुए पार्टी के ट्विटर हैंड्ल @aimim_national पर एक वीडियो संदेश जारी किया.

ओवैसी ने कहा कि सत्ता पाने के बाद कांग्रेस भी बीजेपी की कॉपी बन गई है. ऐसे लोगों और संगठनों को नकार दीजिए जो कांग्रेस पार्टी के दलाल हैं.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 1 अप्रैल 2018 को दो पिकअप गाड़ी जयपुर से दिल्ली की ओर जा रही थी. जिस पर सूचना मिली की जयपुर की ओर दो पिकअप गाड़ियों में गो तस्करी कर गायों को ले जाया रहा है. इस पर बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र के पास दोनों गाड़ियों को रुकवाकर भारी संख्या में मौजूद लोगों की भीड़ ने गो तस्करों की पिटाई कर घायल कर दिया था. मौके पर पहुंची बहरोड़ पुलिस ने सभी घायलों को बहरोड़ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन इलाज के दौरान पहलू खां की मौत हो गई.

एक अप्रैल, 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने जमकर पिटाई कर दी थी जिसके 3 दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. ये घटना उस समय हुई थी जब वो जयपुर से मवेशी खरीदकर पिकअप गाड़ी से हरियाणा के नुंह अपने घर जा रहे थे. तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था.

पिटाई में लगी चोटों की वजह से अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे, जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंहपुर के आजम तमाम पीड़ितों को भी गंभीर चोटें आई थी. देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए.

पहलू खां के बेटों ने पुलिस को दी ये जानकारी
इस मामले में पहलू खां के बेटों ने पुलिस को बताया था कि गायों को जयपुर के हटवाड़े से घर के लिए दूध पीने के लिए लाए है. पुलिस ने जब जयपुर हटवाड़े से इस मामले के बारे में जानकारी ली तो वहां से कोई गाय नहीं खरीदी गई. साथ ही राज्य से बाहर जाने की अनुमति जयपुर नगर निगम के द्वारा नहीं दी जाने की भी बात सामने आई.

हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थी. एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ, और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी.

वहीं दूसरी ओर वकील हुकमचंद ने बताया कि गो तस्कर पहलू कांड में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है. जिसमें मृतक पहलू खां के दोनों बेटों आरिफ और इरसाद सहित पिकअप चालक खान मोहम्मद को गो तस्करी कर जयपुर से हरियाणा के मेवात सभी गायों को ले जा रहे थे. लेकिन कोर्ट से जमानत लेने के बाद आज तक तीनों आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुए है.

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को स्पष्ट किया कि अलवर में भीड़ के मारे गए पहलू खान पर उनकी सरकार ने कोई आरोप नहीं लगाया है. गहलोत ने इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी कांग्रेस देश में कहीं भी किसी भी तरह की लापरवाही के खिलाफ प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि ऐसा फिर न हो.

एक अखबार में प्रकाशित खबर का जिक्र करते हुए गहलोत ने ट्वीट किया खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं. उन्होंने कहा कि 2018 दिसंबर में पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में पहलू खान का नाम नहीं था. यह एक अलग मामला है जो पिछली सरकार द्वारा पहलू खान और उसके बेटों आरिफ और इरशाद के खिलाफ दर्ज किया गया था जिसकी पिछली सरकार की देखरेख में जांच हो रही थी.

ashok gehlot on pehlu khan
पहलू खां के मामले पर अशोक गहलोत का ट्वीट

गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि चूंकि आरोप पत्र में अभियुक्त का नाम दिसंबर 2018 में प्रस्तुत किए जाने के समय उपस्थित नहीं था, इसलिए जिला न्यायालय ने 24 मई 2019 को चालान स्वीकार किया. हालांकि, हमारी सरकार यह देखेगी कि जांच पूर्व निर्धारित इरादों के साथ की गई थी या नहीं.

वहीं, बेहरोर के एसएचओ सुगंध सिंह का कहना है कि मृत व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दायर नही की जा सकती. उन्होंने बताया कि इस चार्जशीट में उन सभी लोगों के नाम हैं, जो घटना के वक्त पहलू खान के साथ थे.
जांच के बाद 30 दिसंबर, 2018 को फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई. इस रिपोर्ट को 24 मई को कोर्ट में जमा कर दिया गया.

पहलू खान को आरोपी बनाने के बारे में सुगंध सिंह ने बताया कि इसका बेहतर उत्तर वही दे सकते हैं, जिन्होंने 2018 में इस मामले की जांच की थी.

जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में पुलिस ने इरसाद खिलाफ अपराध धारा 5, 8, 9 RBA एक्ट व मुल्जिम खान मोहम्मद पुत्र अहमद खां निवाशी जयसिंहपुरा जिला नूंह मेवात हरियाणा के अपराध धारा 6 RBA एक्ट में मुल्जिम उच्च न्यायालय राजस्थान के आदेशानुसार जमानत पर बाहर है.

पहलू के परिवार के साथ ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने बातचीत की. पहलू खान के बेटों इरशाद, आरिफ और घटना के दौरान चश्मदीद रहे तमाम लोगों का कहना है कि, ''चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है, लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की, जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है. बीजेपी हो या कांग्रेस सभी सरकारें एक जैसी हैं.''

पहलू खां के बेटे से बातचीत

राजस्थान सरकार ने पहलू खान और उसके बेटे के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से मवेशी ले जाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट की सूचना के बाद से ही देश के तमाम लोग और खास कर पहलू के परिवार के लोग हैरान ने.

40 दिन में ही चार्जशीट होनी चाहिए, अब क्यों?
पहलू खान के बेटे इरशाद, आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे लोगों का कहना है कि, चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है, लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की, जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो, लेकिन सभी सरकारें एक जैसी हैं. इरशाद बोले कि अगर ये दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती.

ओवैसी का राजस्थान सरकार पर निशाना
मीडिया में चार्जशीट की खबर आते ही असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमला बोल दिया. उन्होंने के लोगों को संबोधित करते हुए पार्टी के ट्विटर हैंड्ल @aimim_national पर एक वीडियो संदेश जारी किया.

ओवैसी ने कहा कि सत्ता पाने के बाद कांग्रेस भी बीजेपी की कॉपी बन गई है. ऐसे लोगों और संगठनों को नकार दीजिए जो कांग्रेस पार्टी के दलाल हैं.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 1 अप्रैल 2018 को दो पिकअप गाड़ी जयपुर से दिल्ली की ओर जा रही थी. जिस पर सूचना मिली की जयपुर की ओर दो पिकअप गाड़ियों में गो तस्करी कर गायों को ले जाया रहा है. इस पर बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र के पास दोनों गाड़ियों को रुकवाकर भारी संख्या में मौजूद लोगों की भीड़ ने गो तस्करों की पिटाई कर घायल कर दिया था. मौके पर पहुंची बहरोड़ पुलिस ने सभी घायलों को बहरोड़ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन इलाज के दौरान पहलू खां की मौत हो गई.

एक अप्रैल, 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने जमकर पिटाई कर दी थी जिसके 3 दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. ये घटना उस समय हुई थी जब वो जयपुर से मवेशी खरीदकर पिकअप गाड़ी से हरियाणा के नुंह अपने घर जा रहे थे. तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था.

पिटाई में लगी चोटों की वजह से अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे, जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंहपुर के आजम तमाम पीड़ितों को भी गंभीर चोटें आई थी. देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए.

पहलू खां के बेटों ने पुलिस को दी ये जानकारी
इस मामले में पहलू खां के बेटों ने पुलिस को बताया था कि गायों को जयपुर के हटवाड़े से घर के लिए दूध पीने के लिए लाए है. पुलिस ने जब जयपुर हटवाड़े से इस मामले के बारे में जानकारी ली तो वहां से कोई गाय नहीं खरीदी गई. साथ ही राज्य से बाहर जाने की अनुमति जयपुर नगर निगम के द्वारा नहीं दी जाने की भी बात सामने आई.

हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थी. एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ, और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी.

वहीं दूसरी ओर वकील हुकमचंद ने बताया कि गो तस्कर पहलू कांड में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है. जिसमें मृतक पहलू खां के दोनों बेटों आरिफ और इरसाद सहित पिकअप चालक खान मोहम्मद को गो तस्करी कर जयपुर से हरियाणा के मेवात सभी गायों को ले जा रहे थे. लेकिन कोर्ट से जमानत लेने के बाद आज तक तीनों आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुए है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहलू खान के परिवार से बातचीत

बहरोड़ अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना में तथाकथित गौरक्षकों द्वारा पीट - पीट मौत के घाट उतारे गए पहलू खान निवासी जयसिंह पुर की घटना राजस्थान पुलिस की चार्जशीट दाखिल होते ही एक बार फिर परिवार के जहन में पैदा हो गई। पहलू खान के बेटे इरशाद , आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे सभी ने कहा कि चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है , लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की , जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो , लेकिन सभी एक जैसी हैं। इरशाद बोले कि अगर यह दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती। कुल मिलाकर राजस्थान पुलिस की चार्जशीट ने वर्ष 2017 में हुई यह घटना एक बार फिर मीडिया की सुर्ख़ियों में है।
आपको बता दें कि पहलू खान अपने बेटे और अन्य लोगों के साथ पिक अप में दुधारू गाय लेकर आ रहे थे। बहरोड़ अलवर के समीप कुछ तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था। पिटाई में लगी चोटों के कारण अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे , जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंह पुर के आजम इत्यादि को भी गंभीर चोटें आई थी। देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए। आख़िरकार एक बार फिर पहलू घटना ने एक नया मोड़ ले लिया है। जिससे परिवार के लोग भयभीत हैं।

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संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहलू खान के परिवार से बातचीत

बहरोड़ अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना में तथाकथित गौरक्षकों द्वारा पीट - पीट मौत के घाट उतारे गए पहलू खान निवासी जयसिंह पुर की घटना राजस्थान पुलिस की चार्जशीट दाखिल होते ही एक बार फिर परिवार के जहन में पैदा हो गई। पहलू खान के बेटे इरशाद , आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे सभी ने कहा कि चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है , लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की , जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो , लेकिन सभी एक जैसी हैं। इरशाद बोले कि अगर यह दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती। कुल मिलाकर राजस्थान पुलिस की चार्जशीट ने वर्ष 2017 में हुई यह घटना एक बार फिर मीडिया की सुर्ख़ियों में है।
आपको बता दें कि पहलू खान अपने बेटे और अन्य लोगों के साथ पिक अप में दुधारू गाय लेकर आ रहे थे। बहरोड़ अलवर के समीप कुछ तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था। पिटाई में लगी चोटों के कारण अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे , जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंह पुर के आजम इत्यादि को भी गंभीर चोटें आई थी। देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए। आख़िरकार एक बार फिर पहलू घटना ने एक नया मोड़ ले लिया है। जिससे परिवार के लोग भयभीत हैं।

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संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहलू खान के परिवार से बातचीत

बहरोड़ अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना में तथाकथित गौरक्षकों द्वारा पीट - पीट मौत के घाट उतारे गए पहलू खान निवासी जयसिंह पुर की घटना राजस्थान पुलिस की चार्जशीट दाखिल होते ही एक बार फिर परिवार के जहन में पैदा हो गई। पहलू खान के बेटे इरशाद , आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे सभी ने कहा कि चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है , लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की , जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो , लेकिन सभी एक जैसी हैं। इरशाद बोले कि अगर यह दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती। कुल मिलाकर राजस्थान पुलिस की चार्जशीट ने वर्ष 2017 में हुई यह घटना एक बार फिर मीडिया की सुर्ख़ियों में है।
आपको बता दें कि पहलू खान अपने बेटे और अन्य लोगों के साथ पिक अप में दुधारू गाय लेकर आ रहे थे। बहरोड़ अलवर के समीप कुछ तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था। पिटाई में लगी चोटों के कारण अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे , जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंह पुर के आजम इत्यादि को भी गंभीर चोटें आई थी। देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए। आख़िरकार एक बार फिर पहलू घटना ने एक नया मोड़ ले लिया है। जिससे परिवार के लोग भयभीत हैं।

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