मुंबई : महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की घटना में मरने वाले नवजात शिशुओं के सबंधियों ने अस्पताल के कर्मचारियों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
महाराष्ट्र में भंडारा जिला अस्पताल के विशेष नवजात देखरेख इकाई में शुक्रवार को देर रात करीब डेढ़ बजे आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी.
गीता और विश्वनाथ बेहेरे की दो माह की बच्ची आग लगने की घटना में मारे गए दस नवजात शिशुओं में शामिल हैं. बेहरे दंपती के संबंधियों ने अस्पताल प्रशासन पर कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब आग लगी, तब वहां न तो कोई डॉक्टर और न ही नर्स मौजूद था. उन्होंने इस हादसे के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
भंडारा जिले के रावनवाड़ी की रहने वाली वंदना सिदाम ने तीन जनवरी को पहेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्ची को जन्म दिया था, लेकिन बच्ची का वजन सामान्य से कम था लिहाजा उसे जिला अस्पताल इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया था.
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वंदना के परिवार के सदस्यों ने आग लगने के लिए अस्पताल के अधिकारियों को दोषी ठहराया और उन पर सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं, उनका रविवार को भंडारा जाने और अस्पताल के अधिकारियों तथा बच्चों के अभिभावकों से मिलने का कर्यक्रम है.