नई दिल्ली: चुनाव आते ही सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट की बाढ़ आ जाती है. इसे लेकर फेसबुक पर काफी दबाव है. संभवतः यही वजह है कि फेसबुक ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है. कांग्रेस से जुड़े 687 पेजों को हटा दिया गया है. इसकी वजह 'इनऑथेंटिक बिहेवियर' यानी अप्रामाणिक जानकारी बताया गया है.
फेसबुक के अनुसार कांग्रेस से जुड़े इन 687 पेजों पर जो सामग्री प्रकाशित की जा रही थी, उसका कोई प्रमाण नहीं है. इस कारण इन पेजों को हटाने का फैसला किया गया.
रॉयटर एजेंसी पर छपी खबर के मुताबिक फेसबुक ने इसकी पुष्टि की है. उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दल बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ दल फेसबुक पर फेक अकाउंट्स बनाकर प्रचार कर रहे हैं.
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर ज्यादा बात करने से इनकार किया. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि हम इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. हम इन समाचार रिपोर्टों की सत्यता की जांच करेंगे. साथ ही, देखेंगे कि ऐसा कोई पेज है जो कांग्रेस से जुड़ा हो और इस तरह के काम में संलग्न है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस समर्थन का दावा करने के लिए 'संदिग्ध तरीकों ' का सहारा ले रही थी. वहीं , कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी और उसके प्रामणिक कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे कोई भी पेज हटाया नहीं गया है.
कांग्रेस ने ट्वीट में कहा , ' हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा कोई भी आधिकारिक पृष्ठ नहीं हटाया गया है. इसके अलावा , हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे सभी पेज पर कोई असर नहीं पड़ा है.... इस बीच , हमें उन सभी पेज / खातों की सूची की प्रतीक्षा कर रहे हैं , जिन्हें हटाया गया है.'
वहीं , दूसरी ओर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस से जुड़े फेसबुक पेज हटाए जाना बहुत ' ऐतिहासिक घटनाक्रम ' है. उन्होंने कहा कि जब जांच पूरी हुई तब पाया गया कि ये लोग कांग्रेस आईटी सेल से जुड़े हुए थे. कांग्रेस हताशा के कारण इस प्रकार के संदिग्ध साधनों का सहारा ले रही है.
फेसबुक के हवाले से कहा गया है कि इन पेजों पर अप्रामाणिक जानकारी परोसी जा रही थी.
फेसबुक के अनुसार कई लोगों ने फेक अकाउंट बना लिए थे. उन्होंने अलग-अलग ग्रुप ज्वाइन कर कई तरह के मैटेरियल को फैलाने लगे. इनमें मुख्य रूप से स्थानीय न्यूज पेपर में छपने वाली खबरें और राजनीतिक विरोधियों की आलोचना (मुख्य रूप से पीएम मोदी, भाजपा के खिलाफ) थीं.
फेसबुक के आईटी सेल ने कहा कि इस तरह का काम करते समय लोगों ने अपनी पहचान छिपा रखी थी. जांच के दौरान ये भी पाया गया कि ये सभी लोग कांग्रेस आईटी सेल से जुड़े थे.
फेसबुक की साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाशनेल ग्लेचियर ने इसकी जानकारी दी.
बता दें, भारत में विश्व में सबसे ज्यादा 30 करोड़ फेसबुक यूजर हैं.