ETV Bharat / bharat

कोरोना टीका 'कोविशील्ड' के आपात उपयोग को सशर्त मंजूरी

'कोविशील्ड' एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सीन है. विशेषज्ञ पैनल ने इसके आपात उपयोग की सशर्त मंजूरी दे दी है.

'कोविशील्ड' के आपात उपयोग की सशर्त मंजूरी
'कोविशील्ड' के आपात उपयोग की सशर्त मंजूरी
author img

By

Published : Jan 1, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 6:20 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार के ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक में कोरोना महामारी से बचाव के लिए विकसित टीके के आपात उपयोग को मंजूरी दे दी गई. विषय विशेषज्ञ पैनल ने आज एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका- 'कोविशील्ड' के आपात उपयोग को सशर्त मंजूरी दे दी.

इससे पहले सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर एक विशेषज्ञ समिति ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सिफारिश करने की तैयारी में है.

दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी

इस टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्रेजेनेका के साथ करार किया है. एसआईआई दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है.

गौरतलब है कि ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी.

बता दें कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को टीके के आपात उपयोग की मंजूरी देने के एसआईआई के आवेदन पर विचार किया था और इस मामले में शुक्रवार को एक बार फिर समीक्षा की. सीडीएससीओ ने एसआईआई से पहले अतिरिक्त सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी जानकारी मांगी थी.

विगत 26 दिसंबर को, एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी ने बताया था कि नए आंकड़ों से पता चला है कि वैक्सीन मॉडर्ना या फाइजर-बायोएनटेक जितनी ही प्रभावशाली थी और इस गंभीर बीमारी के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षात्मक भी थी.

यह भी पढ़ें: जानें 'कोविशील्ड' से जुड़े हर सवाल का जवाब

भारत में कोरोना वैक्सीन के दो दिनों के ड्राय रन के बाद सरकार देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के पहले आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है.

क्या ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन म्यूटेंट वायरस में कारगर है?

शोधकर्ताओं का मानना है कि वैक्सीन का शॉट ब्रिटेन में तेजी से संक्रमण फैलाने वाले वायरस के नए संस्करण में प्रभावी होगा.

ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण परिणामों में दो अलग-अलग रेजिमेंस में 70 प्रतिशत की प्रभावकारिता दर अलग-अलग दिखी. इनमें से एक रेजिमेंस (एक पूर्ण खुराक के बाद एक आधा खुराक) में 90 प्रतिशत प्रभावकारिता दर देखी गई.

यहां तक कि चीन के वॉल्वैक्स बायोटेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन ने एस्ट्राजेनेका पीएलसी के उत्पाद के समान ही प्रारंभिक चरण के कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार बनने के लिए एक संयंत्र पर काम शुरू कर दिया है.

नई दिल्ली : भारत सरकार के ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक में कोरोना महामारी से बचाव के लिए विकसित टीके के आपात उपयोग को मंजूरी दे दी गई. विषय विशेषज्ञ पैनल ने आज एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका- 'कोविशील्ड' के आपात उपयोग को सशर्त मंजूरी दे दी.

इससे पहले सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर एक विशेषज्ञ समिति ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सिफारिश करने की तैयारी में है.

दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी

इस टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्रेजेनेका के साथ करार किया है. एसआईआई दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है.

गौरतलब है कि ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी.

बता दें कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को टीके के आपात उपयोग की मंजूरी देने के एसआईआई के आवेदन पर विचार किया था और इस मामले में शुक्रवार को एक बार फिर समीक्षा की. सीडीएससीओ ने एसआईआई से पहले अतिरिक्त सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी जानकारी मांगी थी.

विगत 26 दिसंबर को, एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी ने बताया था कि नए आंकड़ों से पता चला है कि वैक्सीन मॉडर्ना या फाइजर-बायोएनटेक जितनी ही प्रभावशाली थी और इस गंभीर बीमारी के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षात्मक भी थी.

यह भी पढ़ें: जानें 'कोविशील्ड' से जुड़े हर सवाल का जवाब

भारत में कोरोना वैक्सीन के दो दिनों के ड्राय रन के बाद सरकार देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के पहले आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है.

क्या ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन म्यूटेंट वायरस में कारगर है?

शोधकर्ताओं का मानना है कि वैक्सीन का शॉट ब्रिटेन में तेजी से संक्रमण फैलाने वाले वायरस के नए संस्करण में प्रभावी होगा.

ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण परिणामों में दो अलग-अलग रेजिमेंस में 70 प्रतिशत की प्रभावकारिता दर अलग-अलग दिखी. इनमें से एक रेजिमेंस (एक पूर्ण खुराक के बाद एक आधा खुराक) में 90 प्रतिशत प्रभावकारिता दर देखी गई.

यहां तक कि चीन के वॉल्वैक्स बायोटेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन ने एस्ट्राजेनेका पीएलसी के उत्पाद के समान ही प्रारंभिक चरण के कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार बनने के लिए एक संयंत्र पर काम शुरू कर दिया है.

Last Updated : Jan 1, 2021, 6:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.