नई दिल्ली: विश्विविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर (POJK) के गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश न लें. आयोग के इस कदम पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक समीक्षक से बात की. उन्होंने कहा कि ये कदम काफी पहले लिया जाना चाहिए था.
UGC के पत्र के संबंध में कश्मीर के राजनीतिक समीक्षक सुशील पंडित ने UGC के फैसले पर हैरानी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक छात्रों को उन इलाकों में जाने दिया गया जो गैर कानूनी रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है.
सुशील पंडित ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा 'किसी को भी उनके प्रभाव और उनकी प्रतिक्रिया से हैरान नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि उनके दिल में न भारत और न छात्रों का हित है.
पंडित ने दावा किया कि अलगाववादी कई गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए छात्रों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि ये छात्र अक्सर संदेश और सामानों को लाने-ले जाने का माध्यम बनते हैं.
इससे पहले यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने एक परामर्श में कहा, 'पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. पीओजेके में स्थित शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित हैं न ही यूजीसी, एआईसीटीई और भारतीय चिकित्सा परिषद जैसी वैधानिक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हैं.'
उन्होंने कहा, 'छात्रों को इसलिये सजग किया जाता है और परामर्श दिया जाता है कि तथाकथित आजाद जम्मू कश्मीर, गिलगिट बाल्टिस्तान, जिन्हें भारत द्वारा अभी मान्यता नहीं दी गई है, समेत पाक के अवैध कब्जे वाले किसी क्षेत्र में कॉलेज, विश्विविद्यालय या तकनीकी संस्थानों में प्रवेश न लें.'
पाक अधिकृत कश्मीर भारत के राज्य जम्मू कश्मीर का वह इलाका है जिस पर 1947 में पाक ने कब्जा कर लिया था. इसे दो हिस्सों में विभाजित किया गया था जिन्हें आजाद जम्मू कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान कहा जाता है.