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POJK की संस्थाओं में नामांकन से दूर रहें छात्र, जानें क्या है UGC के परामर्श का कारण - गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश न लें

UGC ने छात्र-छात्राओं को पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर (POJK) के गैर मान्यता प्राप्त संस्थाओं में नामांकन न लेने की सलाह दी है. आयोग का ये फैसला भारत-पाक के संबंधों के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है. जानें क्या है पूरा मामला...

UGC की कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : May 16, 2019, 11:51 PM IST

नई दिल्ली: विश्विविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर (POJK) के गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश न लें. आयोग के इस कदम पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक समीक्षक से बात की. उन्होंने कहा कि ये कदम काफी पहले लिया जाना चाहिए था.

UGC के पत्र के संबंध में कश्मीर के राजनीतिक समीक्षक सुशील पंडित ने UGC के फैसले पर हैरानी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक छात्रों को उन इलाकों में जाने दिया गया जो गैर कानूनी रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है.

सुशील पंडित ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा 'किसी को भी उनके प्रभाव और उनकी प्रतिक्रिया से हैरान नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि उनके दिल में न भारत और न छात्रों का हित है.

सुशील पंडित से बातचीत.

पंडित ने दावा किया कि अलगाववादी कई गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए छात्रों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि ये छात्र अक्सर संदेश और सामानों को लाने-ले जाने का माध्यम बनते हैं.

सुशील पंडित से बातचीत.

इससे पहले यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने एक परामर्श में कहा, 'पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. पीओजेके में स्थित शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित हैं न ही यूजीसी, एआईसीटीई और भारतीय चिकित्सा परिषद जैसी वैधानिक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हैं.'

etvbharat ugc
यूजीसी ने जारी किया नामांकन न लेने का पत्र.

उन्होंने कहा, 'छात्रों को इसलिये सजग किया जाता है और परामर्श दिया जाता है कि तथाकथित आजाद जम्मू कश्मीर, गिलगिट बाल्टिस्तान, जिन्हें भारत द्वारा अभी मान्यता नहीं दी गई है, समेत पाक के अवैध कब्जे वाले किसी क्षेत्र में कॉलेज, विश्विविद्यालय या तकनीकी संस्थानों में प्रवेश न लें.'

पाक अधिकृत कश्मीर भारत के राज्य जम्मू कश्मीर का वह इलाका है जिस पर 1947 में पाक ने कब्जा कर लिया था. इसे दो हिस्सों में विभाजित किया गया था जिन्हें आजाद जम्मू कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान कहा जाता है.

नई दिल्ली: विश्विविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर (POJK) के गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश न लें. आयोग के इस कदम पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक समीक्षक से बात की. उन्होंने कहा कि ये कदम काफी पहले लिया जाना चाहिए था.

UGC के पत्र के संबंध में कश्मीर के राजनीतिक समीक्षक सुशील पंडित ने UGC के फैसले पर हैरानी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक छात्रों को उन इलाकों में जाने दिया गया जो गैर कानूनी रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है.

सुशील पंडित ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा 'किसी को भी उनके प्रभाव और उनकी प्रतिक्रिया से हैरान नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि उनके दिल में न भारत और न छात्रों का हित है.

सुशील पंडित से बातचीत.

पंडित ने दावा किया कि अलगाववादी कई गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए छात्रों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि ये छात्र अक्सर संदेश और सामानों को लाने-ले जाने का माध्यम बनते हैं.

सुशील पंडित से बातचीत.

इससे पहले यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने एक परामर्श में कहा, 'पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. पीओजेके में स्थित शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित हैं न ही यूजीसी, एआईसीटीई और भारतीय चिकित्सा परिषद जैसी वैधानिक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हैं.'

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यूजीसी ने जारी किया नामांकन न लेने का पत्र.

उन्होंने कहा, 'छात्रों को इसलिये सजग किया जाता है और परामर्श दिया जाता है कि तथाकथित आजाद जम्मू कश्मीर, गिलगिट बाल्टिस्तान, जिन्हें भारत द्वारा अभी मान्यता नहीं दी गई है, समेत पाक के अवैध कब्जे वाले किसी क्षेत्र में कॉलेज, विश्विविद्यालय या तकनीकी संस्थानों में प्रवेश न लें.'

पाक अधिकृत कश्मीर भारत के राज्य जम्मू कश्मीर का वह इलाका है जिस पर 1947 में पाक ने कब्जा कर लिया था. इसे दो हिस्सों में विभाजित किया गया था जिन्हें आजाद जम्मू कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान कहा जाता है.

Intro:With political slugfest intensifying after Union Grants Commission's warning to students against taking admission in educational institutions in Pakistan Occupied Kashmir region, political analyst Sushil Pandit has welcomed the move claiming that these gestures have been misused by Pakistan to run separatists agenda in the valley.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, the Kashmiri political analyst expressed shock over the delay in the decision and said that throughout these years, students from Kashmir were allowed to go to a territory which is illegally under occupation of Pakistan.

Slamming separatist leader and Chairman of Hurriyat Conference Mirwaiz Umar Farooq's remark who called UGC's decision and unreasonable diktat, Sushil Pandit said, 'one shouldn't be surprised or impacted by their response. They don't have interest of students or India in their heart.'

Sushil Pandit didn't stop there, he claimed that separatists use these students as their cronies to carry out several illegal activities. He asserted, 'very often these students become couriers for messages and substances from both sides.'






Conclusion:The Union Grants Commission's May 8 notification stated, 'since Pakistan Occupied Jammu and Kashmir is an integral part of Union of India and educational institutions including universities, medical colleges and other institutions located in Pol are neither established by Government of India nor recognised by statutory authorities such as UGC, All India Council of Technical Education (AICTE) etc.
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