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केंद्रीय पुलिस संगठनों में प्रमुख का नहीं होना चिंता का विषय : पूर्व डीजीपी

भारत के प्रमुख केंद्रीय पुलिस संगठनों में बीते कुछ समय में नियमित प्रमुख की नियुक्ति नहीं की गई है. इनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) शामिल हैं. इस संबंध में रिटायर्ड डीजीपी प्रकाश सिंह ने नाराजगी जताई है.

central police organisation
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Published : Dec 5, 2020, 1:30 AM IST

नई दिल्ली : भारत में चार महत्वपूर्ण केंद्रीय पुलिस संगठन हैं, जो बिना नियमित प्रमुख के चल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास इसकी उचित जानकारी होने के बावजूद इन महत्वपूर्ण संगठनों में प्रमुख की अनुपस्थिति से भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता खड़ी हो गई है.

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) जैसे केंद्रीय पुलिस संगठन पिछले कुछ समय से नियमित प्रमुखों के बिना चल रहे हैं.

शुक्रवार को ईटीवी भारत ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि राकेश अस्थाना बीएसएफ और एनसीबी की देखरेख कर रहे हैं. तीन अन्य संगठन भी अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिसका मतलब है कि चार संगठनों के नियमित प्रमुख नहीं हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है. सरकार किसी व्यक्ति की सेवानिवृत्ति की तारीख पहले से ही जानती है तो उत्तराधिकारी के लिए योजना बनाना मुश्किल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रुझानों को देखें तो गृह मंत्रालय की ओर से योजना की कमी का पता चलता है. सिंह ने कहा कि अधिकारियों के जन्म की तारीख नहीं बदलती और सब कुछ पहले से पता होता है.

सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक राजेश चंद्र भी नवंबर में अपने पिछले डीजी राजेश रंजन के सेवानिवृत्त होने के बाद सीआईएसएफ की देखरेख कर रहे हैं.

पढ़ें-अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 पुलिस थानों की घोषणा, जानिए कौन है सबसे बेहतर

आईटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल के पास एनएसजी का अतिरिक्त प्रभार है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख राकेश अस्थाना के पास एनसीबी का भी प्रभार है और विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने केंद्रीय पुलिस थिंक टैंक-बीपीआरडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है.

30 सितंबर को देसवाल ने एनएसजी महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला. अगस्त में राकेश अस्थाना ने एनसीबी महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला और जून में वीएसके कौमुदी को BPRD महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया.

पुलिस प्रमुखों की अनुपस्थिति के बहुत सारे नुकसान हैं. यह विभाग के वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल गिरता है. उन्हें लगता है कि सरकार को उनके विभाग की फिक्र नहीं है.

इन केंद्रीय पुलिस संगठनों के अंदरूनी सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महानिदेशक की अनुपस्थिति उनकी गतिविधियों में बाधा डालती है. प्रकाश सिंह ने कहा कि महानिदेशक की नियुक्ति में देरी से चार अधिकारियों की पदोन्नति में भी देरी होती है. उन्होंने कहा कि शीर्ष पर एक अधिकारी किसी भी संगठन के लिए अत्यंत आवश्यक है. बता दें कि प्रकाश सिंह ने बीएसएफ महानिदेशक के रूप में भी काम किया है.

नई दिल्ली : भारत में चार महत्वपूर्ण केंद्रीय पुलिस संगठन हैं, जो बिना नियमित प्रमुख के चल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास इसकी उचित जानकारी होने के बावजूद इन महत्वपूर्ण संगठनों में प्रमुख की अनुपस्थिति से भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता खड़ी हो गई है.

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) जैसे केंद्रीय पुलिस संगठन पिछले कुछ समय से नियमित प्रमुखों के बिना चल रहे हैं.

शुक्रवार को ईटीवी भारत ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि राकेश अस्थाना बीएसएफ और एनसीबी की देखरेख कर रहे हैं. तीन अन्य संगठन भी अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिसका मतलब है कि चार संगठनों के नियमित प्रमुख नहीं हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है. सरकार किसी व्यक्ति की सेवानिवृत्ति की तारीख पहले से ही जानती है तो उत्तराधिकारी के लिए योजना बनाना मुश्किल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रुझानों को देखें तो गृह मंत्रालय की ओर से योजना की कमी का पता चलता है. सिंह ने कहा कि अधिकारियों के जन्म की तारीख नहीं बदलती और सब कुछ पहले से पता होता है.

सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक राजेश चंद्र भी नवंबर में अपने पिछले डीजी राजेश रंजन के सेवानिवृत्त होने के बाद सीआईएसएफ की देखरेख कर रहे हैं.

पढ़ें-अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 पुलिस थानों की घोषणा, जानिए कौन है सबसे बेहतर

आईटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल के पास एनएसजी का अतिरिक्त प्रभार है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख राकेश अस्थाना के पास एनसीबी का भी प्रभार है और विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने केंद्रीय पुलिस थिंक टैंक-बीपीआरडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है.

30 सितंबर को देसवाल ने एनएसजी महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला. अगस्त में राकेश अस्थाना ने एनसीबी महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला और जून में वीएसके कौमुदी को BPRD महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया.

पुलिस प्रमुखों की अनुपस्थिति के बहुत सारे नुकसान हैं. यह विभाग के वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल गिरता है. उन्हें लगता है कि सरकार को उनके विभाग की फिक्र नहीं है.

इन केंद्रीय पुलिस संगठनों के अंदरूनी सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महानिदेशक की अनुपस्थिति उनकी गतिविधियों में बाधा डालती है. प्रकाश सिंह ने कहा कि महानिदेशक की नियुक्ति में देरी से चार अधिकारियों की पदोन्नति में भी देरी होती है. उन्होंने कहा कि शीर्ष पर एक अधिकारी किसी भी संगठन के लिए अत्यंत आवश्यक है. बता दें कि प्रकाश सिंह ने बीएसएफ महानिदेशक के रूप में भी काम किया है.

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