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गुपकार के विजयी उम्मीदवारों पर 'अपनी पार्टी' में शामिल होने का दबाव : उमर - jammu kashmir ut administration

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पुलिस का दुरुपयोग कर गुपकार गठबंधन के विजयी उम्मीदवारों पर 'अपनी पार्टी' में शामिल होने का दबाव बना रहा है.

उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला
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Published : Dec 26, 2020, 4:39 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 8:08 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि यूटी प्रशासन पुलिस दुरुपयोग कर गुपकार गठबंधन के विजयी उम्मीदवारों पर 'जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी' में शामिल होने का दबाव बना रहा है.

श्रीनगर में अपने आवास पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा डीडीसी चुनावों पर दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की जीत हुई है, लेकिन दूसरी ओर लोकतंत्र को बदनाम किया जा रहा है.

उमर अब्दुल्ला का बयान

उन्होंने कहा कि शोपियां जिले में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ विजेताओं को श्रीनगर लाया गया और उन पर अपनी पार्टी में शामिल हो जाने का दवाब डाल गया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी चलाई, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस की एक विजयी उम्मीदवार के पति से वादा किया जाता है कि यदि उसकी पत्नी अल्ताफ बुखारी की पार्टी में शामिल हो जाती है तो उसके भाई को तीन दिन के अंदर रिहा कर दिया जाएगा.

'भाजपा को डीडीसी चुनाव के जनादेश स्वीकार करना चाहिए'
उमर ने कहा कि भाजपा, अपनी पार्टी और जम्मू कश्मीर प्रशासन को गुपकार घोषणापत्र जनगठबंधन (पीएजीडी) के पक्ष में जनादेश को स्वीकार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पीएजीडी ने अधिकतर सीटें जीती हैं. भाजपा, अपनी पार्टी, केंद्र और प्रशासन को इसे स्वीकार करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने आज स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम में डीडीसी चुनाव और लोकतंत्र की बात की.

उन्होंने कहा कि हर भाजपा नेता छाती ठोक-ठोक कर कह रहे हैं कि डीडीसी चुनाव लोकतंत्र की जीत है. हम उन्हें कहना चाहते कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न करें.

उमर ने कहा कि यदि यह (निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-बिक्री) नहीं रूकी तो मुझे लगता है कि लोकततंत्र एवं संस्थान बदनाम किये जा रहे हैं। यह लोकतंत्र नहीं बल्कि कुछ और है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद, विधानसभा और पंचायतों में दल-बदल कानून है, यह डीडीसी में भी लागू किया जाए. जो अपना पाला बदलते हैं, वे फिर चुनाव लड़ें, हमें पता चल जाएगा कौन कहा है.

बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली 'जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी' ने शुक्रवार को शोपियां जिले में इमाम साहिब-1 से जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य यासमीन जान के अपने दल में शामिल होने की घोषणा की थी. यासमीन जान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से चुनाव लड़ा था.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि यूटी प्रशासन पुलिस दुरुपयोग कर गुपकार गठबंधन के विजयी उम्मीदवारों पर 'जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी' में शामिल होने का दबाव बना रहा है.

श्रीनगर में अपने आवास पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा डीडीसी चुनावों पर दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की जीत हुई है, लेकिन दूसरी ओर लोकतंत्र को बदनाम किया जा रहा है.

उमर अब्दुल्ला का बयान

उन्होंने कहा कि शोपियां जिले में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ विजेताओं को श्रीनगर लाया गया और उन पर अपनी पार्टी में शामिल हो जाने का दवाब डाल गया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी चलाई, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस की एक विजयी उम्मीदवार के पति से वादा किया जाता है कि यदि उसकी पत्नी अल्ताफ बुखारी की पार्टी में शामिल हो जाती है तो उसके भाई को तीन दिन के अंदर रिहा कर दिया जाएगा.

'भाजपा को डीडीसी चुनाव के जनादेश स्वीकार करना चाहिए'
उमर ने कहा कि भाजपा, अपनी पार्टी और जम्मू कश्मीर प्रशासन को गुपकार घोषणापत्र जनगठबंधन (पीएजीडी) के पक्ष में जनादेश को स्वीकार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पीएजीडी ने अधिकतर सीटें जीती हैं. भाजपा, अपनी पार्टी, केंद्र और प्रशासन को इसे स्वीकार करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने आज स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम में डीडीसी चुनाव और लोकतंत्र की बात की.

उन्होंने कहा कि हर भाजपा नेता छाती ठोक-ठोक कर कह रहे हैं कि डीडीसी चुनाव लोकतंत्र की जीत है. हम उन्हें कहना चाहते कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न करें.

उमर ने कहा कि यदि यह (निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-बिक्री) नहीं रूकी तो मुझे लगता है कि लोकततंत्र एवं संस्थान बदनाम किये जा रहे हैं। यह लोकतंत्र नहीं बल्कि कुछ और है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद, विधानसभा और पंचायतों में दल-बदल कानून है, यह डीडीसी में भी लागू किया जाए. जो अपना पाला बदलते हैं, वे फिर चुनाव लड़ें, हमें पता चल जाएगा कौन कहा है.

बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली 'जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी' ने शुक्रवार को शोपियां जिले में इमाम साहिब-1 से जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य यासमीन जान के अपने दल में शामिल होने की घोषणा की थी. यासमीन जान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से चुनाव लड़ा था.

Last Updated : Dec 26, 2020, 8:08 PM IST
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