नई दिल्ली : भारतीय सेना एक बड़े परिवर्तनकारी कदम के तहत पेशेवर युवाओं समेत आम नागरिकों को तीन साल के लिए सेना में अधिकारी के रूप में एवं विविध क्षेत्र में अन्य स्तरों पर भर्ती किए जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
शीर्ष सैन्य सूत्रों ने बताया कि सेना सात साल तक की अल्प अवधि के लिए अर्द्धसैनिक बलों तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से भी जवानों को भर्ती करने पर विचार कर रही है. जिसके बाद वह अपने मूल बल में लौट सकेंगे.
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को तीन साल के लिए भर्ती करने के इस प्रस्ताव पर सेना के शीर्ष कमांडर विचार कर रहे हैं और इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को सैन्य जीवन का अनुभव प्रदान करके उन्हें 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली सेना के करीब लाना है.
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो यह स्वैच्छिक भागीदारी वाली प्रक्रिया होगी और चयन मानदंडों को हल्का नहीं किया जाएगा. परियोजना के परीक्षण के लिए शुरुआत में 100 अधिकारियों और 1000 जवानों की भर्ती पर विचार चल रहा है.'
सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव के विस्तृत विवरण पर काम चल रहा है और 'टूअर ऑफ ड्यूटी' (टीओडी) या तीन वर्षीय अल्प सेवा' योजना के तहत भर्ती के प्रमुख मानदंडों में आयु और फिटनेट स्तर जैसे बिंदु होंगे.
एक सूत्र ने कहा कि देश में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना का पुनरुत्थान हो रहा है और यह प्रस्ताव उन युवाओं की भावनाओं को जगह प्रदान करने का प्रयास है जो पेशेवर तौर पर सेना में नहीं आना चाहते बल्कि कुछ समय के लिए सैन्य जीवन का अनुभव लेना चाहते हैं.
सूत्रों ने कहा कि यह प्रस्ताव सेना के व्यापक सुधारों का हिस्सा है जिस पर भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों के एक सम्मेलन में चर्चा होगी और उसके बाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इससे सेना को आर्थिक रूप से भी लाभ मिलेगा.
वर्तमान समय में सेना शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत युवाओं को 10 साल के आरंभिक कार्यकाल के लिए भर्ती करती है जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
प्रस्ताव के अनुसार टीओडी के तहत भर्ती किए जाने वाले लोगों को प्रमुख अग्रिम क्षेत्रों में योद्धा के तौर पर तैनात करने के लिए तैयार किया जाएगा और उनकी भूमिका में कोई पाबंदी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि युवा पेशेवर टीओडी के तहत आवेदन कर सकेंगे.