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कोरोना जांच पर सवाल : पटना में निधन के बाद संक्रमित बुजुर्ग की रिपोर्ट नेगेटिव!

बिहार के वैशाली के एक बुजुर्ग की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई. मौत के दो दिन पहले तक वह कोरोना पॉजिटिव थे. वहीं मौत के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. पढ़ें पूरी खबर...

जांच रिपोर्ट
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Published : Apr 21, 2020, 10:34 AM IST

पटना : बिहार में कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें एक मुंगेर तो दूसरा वैशाली का रहने वाला था. लेकिन कोरोना से हुई दूसरी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं पटना के खाजपुरा के एक युवक की पहले और बाद में आई रिपोर्ट ने जांच प्रक्रिया पर गड़बड़ी जैसा मामला सामने ला दिया है.

दरअसल, वैशाली के जिस बुजुर्ग की मौत हुई. उनकी मौत से पहले जांच रिपोर्ट पॉजिटिव थी. बुजुर्ग में कई बीमारियां थीं. लेकिन बाद में आई जांच रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई. दूसरी ओर पटना के खाजपुरा में भी एक युवक की जांच रिपोर्ट पहले पॉजिटिव आई. लेकिन बाद में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद से जांच प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

यहां चल रही जांच
राज्य में कुल 6 जगहों पर कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. RMRIMS पटना, IGIMS पटना, PMCH, एम्स-पटना, DMCH-दरभंगा, SKMCH-मुजफ्फरपुर में कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के जारी आंकड़ों को देखा जाए, तो अब तक प्रदेश के 11 हजार 401 संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया गया है. इनमें से 490 की रिपोर्ट आनी बाकी है. अब तक की जांच रिपोर्ट में 96 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

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बिहार में कोरोना के मामले

क्या है पूरा मामला
वैशाली के राघोपुर में एक बुजुर्ग का पटना के एम्स में इलाज चल रहा था. उन्हें ब्रेन ट्यूमर के साथ-साथ कई और गंभीर बीमारियां थीं. 15 तारीख को लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव थे. इसके बाद 17 को उनकी मौत हुई. लेकिन मौत से पहले उनका उसी दिन उनका जो सैंपल लिया गया, उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव रही. आखिर दो दिनों में ही पेशेंट की रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव कैसी हो गई? इस बारे में ईटीवी भारत ने डॉक्टरों से जानने की कोशिश की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

...इसलिए रिपोर्ट नेगेटिव हो सकती है
कोरोना वायरस की स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर रागिनी मिश्रा का मानना है कि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई. वह कहती है चूंकि की मृतक को कई तरह की गंभीर बीमारी थी. इस अवस्था में उसका सही तरीके से इलाज भी कर पाना काफी मुश्किल था. डॉ. मिश्रा का मानना है कि हो सकता है कि दो दिनों के इलाज के दौरान मरीज के शरीर पर वायरस का प्रभाव कम हो गया हो, जिसके कारण दोबारा लिए गए सैंपल में कोरोना नेगेटिव पाया गया.

सावधानी बरतने की आवश्यकता
वहीं, इस मामले में वरिष्ठ आयुष डॉक्टर सुरेश प्रसाद का मानना है कि जिस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है, वह चिंताजनक है. सुरेश प्रसाद राजधानी पटना के जाने-माने होम्योपैथ डॉक्टर हैं. वह कहते हैं कि कोरोना वायरस की जांच को लेकर काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. जिस तरह से पॉजिटिव मरीज अगले 72 घंटे में नेगेटिव हो जा रहा है, वह सिस्टम पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. अगर रिपोर्ट ही सही नहीं आएगी, तो डॉक्टर इलाज किस तरह कर सकेंगे. डॉ. सुरेश प्रसाद तो यहां तक कहते हैं कि इस तरह की खबरें कभी भी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए, नहीं तो आम जनता में भय का माहौल बढ़ेगा.

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कोरोना टेस्ट स्टेटस

पढ़ें-भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 559 मौतें, जानें राज्यवार आंकड़े

चल रही है जांच - रचना कुमारी
इसी मामले पर सचिवालय के स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त वरिष्ठ डॉक्टर रचना कुमारी का मानना है कि पटना के आरएमआरआई और एम्स एक विश्वसनीय संस्थान है. इसमें जांच करने में गड़बड़ी की संभावना बहुत कम है. लेकिन जिस तरह से सभी डॉक्टर इस महामारी से उत्पन्न संकट से लड़ने में जुटे हैं. उसके बावजूद रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना बड़ा सवाल खड़ा करती है. यह जांच का विषय है और जांच की जा रही है. डॉ. रचना कुमारी का मानना है क्योंकि मरीज इलाजरत था, हो सकता है कि लिए गए सैंपल में रिपोर्ट नेगेटिव आया हो.

बहरहाल, जो कुछ भी हो, कोरोना वायरस की अब तक सटीक दवा नहीं बन पाई है. इस बीमारी का कोई तोड़ भी नहीं निकल सका है. ऐसे में डॉक्टर परेशान हैं और दिन-रात लोगों को बीमारी से बचाने में लगे हुए हैं.

पटना : बिहार में कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें एक मुंगेर तो दूसरा वैशाली का रहने वाला था. लेकिन कोरोना से हुई दूसरी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं पटना के खाजपुरा के एक युवक की पहले और बाद में आई रिपोर्ट ने जांच प्रक्रिया पर गड़बड़ी जैसा मामला सामने ला दिया है.

दरअसल, वैशाली के जिस बुजुर्ग की मौत हुई. उनकी मौत से पहले जांच रिपोर्ट पॉजिटिव थी. बुजुर्ग में कई बीमारियां थीं. लेकिन बाद में आई जांच रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई. दूसरी ओर पटना के खाजपुरा में भी एक युवक की जांच रिपोर्ट पहले पॉजिटिव आई. लेकिन बाद में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद से जांच प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

यहां चल रही जांच
राज्य में कुल 6 जगहों पर कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. RMRIMS पटना, IGIMS पटना, PMCH, एम्स-पटना, DMCH-दरभंगा, SKMCH-मुजफ्फरपुर में कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के जारी आंकड़ों को देखा जाए, तो अब तक प्रदेश के 11 हजार 401 संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया गया है. इनमें से 490 की रिपोर्ट आनी बाकी है. अब तक की जांच रिपोर्ट में 96 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

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बिहार में कोरोना के मामले

क्या है पूरा मामला
वैशाली के राघोपुर में एक बुजुर्ग का पटना के एम्स में इलाज चल रहा था. उन्हें ब्रेन ट्यूमर के साथ-साथ कई और गंभीर बीमारियां थीं. 15 तारीख को लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव थे. इसके बाद 17 को उनकी मौत हुई. लेकिन मौत से पहले उनका उसी दिन उनका जो सैंपल लिया गया, उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव रही. आखिर दो दिनों में ही पेशेंट की रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव कैसी हो गई? इस बारे में ईटीवी भारत ने डॉक्टरों से जानने की कोशिश की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

...इसलिए रिपोर्ट नेगेटिव हो सकती है
कोरोना वायरस की स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर रागिनी मिश्रा का मानना है कि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई. वह कहती है चूंकि की मृतक को कई तरह की गंभीर बीमारी थी. इस अवस्था में उसका सही तरीके से इलाज भी कर पाना काफी मुश्किल था. डॉ. मिश्रा का मानना है कि हो सकता है कि दो दिनों के इलाज के दौरान मरीज के शरीर पर वायरस का प्रभाव कम हो गया हो, जिसके कारण दोबारा लिए गए सैंपल में कोरोना नेगेटिव पाया गया.

सावधानी बरतने की आवश्यकता
वहीं, इस मामले में वरिष्ठ आयुष डॉक्टर सुरेश प्रसाद का मानना है कि जिस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है, वह चिंताजनक है. सुरेश प्रसाद राजधानी पटना के जाने-माने होम्योपैथ डॉक्टर हैं. वह कहते हैं कि कोरोना वायरस की जांच को लेकर काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. जिस तरह से पॉजिटिव मरीज अगले 72 घंटे में नेगेटिव हो जा रहा है, वह सिस्टम पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. अगर रिपोर्ट ही सही नहीं आएगी, तो डॉक्टर इलाज किस तरह कर सकेंगे. डॉ. सुरेश प्रसाद तो यहां तक कहते हैं कि इस तरह की खबरें कभी भी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए, नहीं तो आम जनता में भय का माहौल बढ़ेगा.

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पढ़ें-भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 559 मौतें, जानें राज्यवार आंकड़े

चल रही है जांच - रचना कुमारी
इसी मामले पर सचिवालय के स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त वरिष्ठ डॉक्टर रचना कुमारी का मानना है कि पटना के आरएमआरआई और एम्स एक विश्वसनीय संस्थान है. इसमें जांच करने में गड़बड़ी की संभावना बहुत कम है. लेकिन जिस तरह से सभी डॉक्टर इस महामारी से उत्पन्न संकट से लड़ने में जुटे हैं. उसके बावजूद रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना बड़ा सवाल खड़ा करती है. यह जांच का विषय है और जांच की जा रही है. डॉ. रचना कुमारी का मानना है क्योंकि मरीज इलाजरत था, हो सकता है कि लिए गए सैंपल में रिपोर्ट नेगेटिव आया हो.

बहरहाल, जो कुछ भी हो, कोरोना वायरस की अब तक सटीक दवा नहीं बन पाई है. इस बीमारी का कोई तोड़ भी नहीं निकल सका है. ऐसे में डॉक्टर परेशान हैं और दिन-रात लोगों को बीमारी से बचाने में लगे हुए हैं.

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