श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को ऐसी कामयाबी मिली है, जिसने आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी है. जिस बुरहान वानी को लेकर आतंकी बार-बार कसमें खाते थे, आज उस गैंग का पूरी तरह से सफाया हो गया है. उसके गैंग में 10 आतंकी शामिल थे. पूरे ग्रुप की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच आज मुठभेड़ हुई. शोपियां के इमाम साहब इलाके में हुई आतंकी मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया. सुरक्षाबलों ने कमांडर तारिक मौलवी उर्फ मुफ्ती वकार और लतीफ टाइगर को मार गिराया है. पुलिस के मुताबिक लतीफ टाइगर 2016 में मारे गए आतंकी बुरहान वानी समूह का आखिरी आतंकी था.
तीन आतंकियों के ढेर होने के बाद लोगों ने आतंकियों के समर्थन में अनंतनाग में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरबाजों को हटाने के लिए सुरक्षाबलों को पैलेट गन का इस्तेमार करना पड़ा. इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
मुठभेड़ के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर दीं. जिला प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं.
दरअसल, सुरक्षा बलों को शोपियां जिले के इमाम साहब गांव में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी. खबर मिलते ही सेना ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया. इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं.
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जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलाई और तीन आतंकी को ढेर कर दिया.
आपको बता दें कि मारे गए आतंकियों में लतीफ टाइगर भी शामिल है. टाइगर बुरहान वानी का साथी था. ऐसा माना जाता है कि वह बुरहान के ग्रुप का आखिरी सदस्य था. उसके ग्रुप में 10 आतंकी शामिल थे. हालांकि, कुछ रिपोर्ट के मुताबकि इनकी संख्या 11 बताई जाती है.
लतीफ टाइगर के बारे में कहा जाता है कि बुरहान के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्बॉय बन गया था. टाइगर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था.
बुरहान वानी के समूह के आतंकी तारिक पंडित को सुरक्षाबलों ने 2016 में जिंदा पकड़ा था.
कैसे मारा गया था बुरहान वानी
8 मई 2016 को हिज्बुल का आतंकी बुरहान वानी मारा गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि वह जिस घर में छिपा हुआ था, सुरक्षा बलों ने उसे चारों ओर से घरे लिया था. उसके बाद उसे मार गिराया गया.
एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बुरहान लड़की के चक्कर में यहां पर आया था. यह सूचना सुरक्षा बलों को मिली, उसके बाद आगे की कार्रवाई की गई.
वैसे, कुछ रिपोर्ट ये भी बताते हैं कि जिस वक्त सुरक्षा बलों ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की, उस समय बुरहान नशे की हालत में था.
कम उम्र में ही थाम ली थी बंदूक
कहा जाता है कि बुरहान ने 15 साल की उम्र में ही उसने हथियार उठा लिया था. उसके बाद वह हिजबुल के करीब आया और आतंकी गतिविधि में शामिल हो गया.
सोशल मीडिया को मैनेज किया करता था. वह दूसरे युवाओं को आतंक के रास्ते पर चलने के लिए उकसाता भी रहता था. उसे पाकिस्तान से मदद मिलती थी.