अमरावती : तेलुगु विद्वानों, कवियों और सांस्कृतिक शिक्षाविदों के एक समूह ने आंध्र प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आंध्र सरकार ने आदेश में कहा था कि कक्षा एक से छह तक अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया जाए.
छात्रों को मातृभाषा में शिक्षा देने के महत्व को समझते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश को पहले ही खारिज कर दिया था.
इस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जो अदालत में लंबित है. उस याचिका को आंशिक रूप से सुना भी गया है.
तेलुगु हस्तियों द्वारा दायर याचिका में 8.1 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली शास्त्रीय भारतीय भाषाओं में से एक होने का हवाला दिया गया है. साथ ही तेलुगु भाषा के महत्व को बताया गया है.
याचिका संयुक्त रूप से पूर्व एपी विधानसभा डिप्टी स्पीकर एम बुद्ध, राज्यसभा के पूर्व सदस्य वाईवी राव, जोनाविथुला रामलिंगेश्वर, डीआर डीवी भास्कर आदि द्वारा दायर किया गया है.