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पुलिस को मिली सफलता, नौ दिनों में रोके आठ बाल विवाह - वेल्लोर में लगातार होते बाल विवाह

पुलिस ने जिला कल्याण विभाग के गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों के साथ मिलकर वेल्लोर और रानीपेट क्षेत्र में होने वाले बाल विवाह को रोका. इस क्षेत्र में पुलिस द्वारा नौ दिनों में कुल आठ बाल विवाह को रोका गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Child marriage woes continues
पुलिस ने रोका बाल विवाह
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Published : Jul 11, 2020, 1:34 PM IST

चेन्नई : वेल्लोर और रानीपेट क्षेत्र के आसपास के चार स्थानों पर शुक्रवार को होने वाले बाल विवाह को रोकने में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. उसने जिला कल्याण विभाग ने गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों के साथ मिलकर ये बाल विवाह रोके.

पुलिस को अज्ञात आदमी द्वारा वेल्लोर और रानीपेट क्षेत्र के कटपडी, करनपट्टू, वलजापेट, शोणिंगुर में होने वाले बाल विवाह के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद सतर्क जिला समाज कल्याण अधिकारी के आधार पर इन विवाहों को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ चार टीमों का गठन किया गया था. टीम ने मौके पर पहुंचकर चार बच्चों को बचाया.

बचाई गई चार लड़कियों को सरकारी आश्रय गृहों में भेजा गया है. जहां उनका कोविड-19 परीक्षण किया गया. समाज कल्याण और पुलिस विभाग इन नाबालिग लड़कियों के बाल विवाह करने वाले माता-पिता की जांच कर रहा है. लॉकडाउन में लगाए गए प्रतिबंध के कारण कई माता-पिता को अपनी नाबालिग लड़कियों की शादी वेल्लोर जिले में करने के लिए मजबूर किया. पिछले नौ दिनों में अधिकारियों ने वेल्लोर जिले में आठ बाल विवाह रोके हैं.

पढ़ें- लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव की संभावना, जानें शादी और उम्र से जुड़े तथ्य

विशेषज्ञों का कहना है कि अज्ञात मामलों सहित ऐसे विवाह की कुल संख्या बहुत अधिक हो सकती है. अधिकारियों का कहना है कि जिन बच्चों को बचाया गया है, उन्हें स्थानीय ग्रामीणों और माता-पिता की ओर से जबर्दस्ती और धमकी की गई थी.

चेन्नई : वेल्लोर और रानीपेट क्षेत्र के आसपास के चार स्थानों पर शुक्रवार को होने वाले बाल विवाह को रोकने में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. उसने जिला कल्याण विभाग ने गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों के साथ मिलकर ये बाल विवाह रोके.

पुलिस को अज्ञात आदमी द्वारा वेल्लोर और रानीपेट क्षेत्र के कटपडी, करनपट्टू, वलजापेट, शोणिंगुर में होने वाले बाल विवाह के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद सतर्क जिला समाज कल्याण अधिकारी के आधार पर इन विवाहों को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ चार टीमों का गठन किया गया था. टीम ने मौके पर पहुंचकर चार बच्चों को बचाया.

बचाई गई चार लड़कियों को सरकारी आश्रय गृहों में भेजा गया है. जहां उनका कोविड-19 परीक्षण किया गया. समाज कल्याण और पुलिस विभाग इन नाबालिग लड़कियों के बाल विवाह करने वाले माता-पिता की जांच कर रहा है. लॉकडाउन में लगाए गए प्रतिबंध के कारण कई माता-पिता को अपनी नाबालिग लड़कियों की शादी वेल्लोर जिले में करने के लिए मजबूर किया. पिछले नौ दिनों में अधिकारियों ने वेल्लोर जिले में आठ बाल विवाह रोके हैं.

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विशेषज्ञों का कहना है कि अज्ञात मामलों सहित ऐसे विवाह की कुल संख्या बहुत अधिक हो सकती है. अधिकारियों का कहना है कि जिन बच्चों को बचाया गया है, उन्हें स्थानीय ग्रामीणों और माता-पिता की ओर से जबर्दस्ती और धमकी की गई थी.

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