नई दिल्ली : राजस्थान में सचिन पायलट के खेमे के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस जारी किया है. नोटिस मिलने के बाद बागी विधायकों ने कोर्ट का रुख किया है. इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस की राजस्थान इकाई में जमकर हंगामा हुआ है. इसी बीच सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व युवा नेता सचिन पायलट की वापसी के लिए पूरे प्रयास कर रहा है.
दरअसल, शुक्रवार को लीक हुए एक ऑडियो टेप के बाद राज्य में सरकार को गिराने की एक और साजिश का खुलासा हुआ. इससे पहले राजस्थान कांग्रेस पार्टी ने अपने दो विधायकों को निलंबित कर दिया था. इसी बीच सूत्रों के अनुसार, ऑडियो टेप लीक होने के बाद कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को सचिन पायलट पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचने का निर्देश दिया है.
शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला से पूछा गया कि कांग्रेस द्वारा पायलट के खिलाफ क्यों कार्रवाई की गई है ? इस पर सुरजेवाला ने कहा 'हमने पार्टी से केवल उन लोगों को निलंबित किया है, जिनके खिलाफ हमारे पास सबूत हैं.'
सुरजेवाला ने यह भी दोहराया कि कांग्रेस ने अभी भी पायलट के लिए दरवाजे खोल रखे हैं और अगर वह चाहें, तो वापस आ सकते हैं. इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के महासचिव अविनाश पांडे ने भी अपने ट्वीट में यही बयान दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक नेता को बुलाकर सुझाव दिया कि मीडिया के सामने कोई भी कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बारे में नकारात्मक टिप्पणी न करे. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को लेकर नरम पड़ रहा है. इसी कारण कांग्रेस में पायलट की वापसी के लिए एक खिड़की खुली रखी गई है.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पायलट के संपर्क में हैं, और वह पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच के मुद्दों को सुलझाने की कोशिशें कर रही हैं.
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गहलोत और पायलट के बीच मतभेद सुलझाने के लिए कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल को भी नियुक्त किया है. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान की राजनीतिक खींचतान के बीच वेणुगोपाल जयपुर में ही मौजूद हैं और लगातार पायलट के संपर्क में हैं.
मामले के हाईकोर्ट में पहुंचने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम भी काफी हैरान हैं. ईटीवी भारत से चिदंबरम ने कहा कि सचिन पायलट ने गुरुवार रात को उन्हें फोन कर सलाह मांगी थी. चिदंबरम ने पायलट को शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व से चर्चा करने की सलाह दी, क्योंकि पार्टी ने उन्हें सार्वजनिक रूप से सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. बता दें कि कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी पायलट को अपने रुख पर पुनर्विचार करने की सलाह दे रहे हैं.