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छह साल की आर्थिक बर्बादी का नतीजा है आज का आर्थिक संकट : येचुरी

सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले छह सालों से जो आर्थिक बर्बादी देश में चल रही है, उसी का यह नतीजा है कि आज विश्व के 20 बड़े देशों में जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट भारत की है.

sitaram yechuri
सीताराम येचुरी
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Published : Sep 5, 2020, 4:58 PM IST

नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश की जीडीपी में बड़ी गिरावट और इस आर्थिक संकट के लिए मोदी सरकार पर हमला बोला है. शनिवार को सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले छह सालों से जो आर्थिक बर्बादी देश में चल रही है, उसी का यह नतीजा है कि आज विश्व के 20 बड़े देशों में जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट भारत की है.

गौरतलब है कि आर्थिक वर्ष 2020-21 के पहले तिमाही में जीडीपी में 23.9% की गिरावट दर्ज की गई है. कोरोना महामारी से उत्पन्न हुए संकट को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, क्योंकि अन्य देशों की अर्थव्यवस्था में भी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन बाकी देशों की तुलना में भारत में यह गिरावट सबसे ज्यादा है. आंकड़ों के सामने आने के बाद अब मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

सीताराम येचुरी

कोरोना संकट पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया
सीताराम येचुरी ने कोरोना संकट पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि मोदी सरकार महामारी को रोकने में विफल रही है. आज सबसे ज्यादा कोरोना मरीज वाले देश में भारत सबसे ऊपर है और यह शर्म की बात है. मानो सरकार ने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है और कह दिया है कि हम कुछ नहीं कर सकते. आज दुनिया में सबसे तेजी से यह महामारी भारत में बढ़ रही है. जबकि हमारे पास इसे रोकने की क्षमता भी है और साधन भी.

पीएम केयर्स फंड का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए येचुरी ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई के नाम पर लोगों से हज़ारों करोड़ रुपया प्रधानमंत्री ने अपने प्राइवेट ट्रस्ट में वसूल लिया, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है और उसकी कोई ऑडिट भी नहीं की जा सकती. फंड में पैसे इकट्ठे करने के लिए लोगों की तनख्वाह काटी गई, काॅर्पोरेट को टैक्स में छूट देकर उनसे पैसे लिए गए. अब सरकार को चाहिए कि वो पैसे लोगों को दे और उन्हें आर्थिक संकट और महामारी से बचाए. येचुरी ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड जनता के बीच खर्च करने के मांग पर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर दबाव बनाती रहेंगी.

नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश की जीडीपी में बड़ी गिरावट और इस आर्थिक संकट के लिए मोदी सरकार पर हमला बोला है. शनिवार को सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले छह सालों से जो आर्थिक बर्बादी देश में चल रही है, उसी का यह नतीजा है कि आज विश्व के 20 बड़े देशों में जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट भारत की है.

गौरतलब है कि आर्थिक वर्ष 2020-21 के पहले तिमाही में जीडीपी में 23.9% की गिरावट दर्ज की गई है. कोरोना महामारी से उत्पन्न हुए संकट को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, क्योंकि अन्य देशों की अर्थव्यवस्था में भी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन बाकी देशों की तुलना में भारत में यह गिरावट सबसे ज्यादा है. आंकड़ों के सामने आने के बाद अब मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

सीताराम येचुरी

कोरोना संकट पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया
सीताराम येचुरी ने कोरोना संकट पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि मोदी सरकार महामारी को रोकने में विफल रही है. आज सबसे ज्यादा कोरोना मरीज वाले देश में भारत सबसे ऊपर है और यह शर्म की बात है. मानो सरकार ने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है और कह दिया है कि हम कुछ नहीं कर सकते. आज दुनिया में सबसे तेजी से यह महामारी भारत में बढ़ रही है. जबकि हमारे पास इसे रोकने की क्षमता भी है और साधन भी.

पीएम केयर्स फंड का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए येचुरी ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई के नाम पर लोगों से हज़ारों करोड़ रुपया प्रधानमंत्री ने अपने प्राइवेट ट्रस्ट में वसूल लिया, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है और उसकी कोई ऑडिट भी नहीं की जा सकती. फंड में पैसे इकट्ठे करने के लिए लोगों की तनख्वाह काटी गई, काॅर्पोरेट को टैक्स में छूट देकर उनसे पैसे लिए गए. अब सरकार को चाहिए कि वो पैसे लोगों को दे और उन्हें आर्थिक संकट और महामारी से बचाए. येचुरी ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड जनता के बीच खर्च करने के मांग पर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर दबाव बनाती रहेंगी.

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