नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनावों में दोबारा मतगणना की मांग करने वाले छह उम्मीदवारों के आवेदनों को अस्वीकार कर दिया है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 11 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत और हार के बीच अंतर 1,000 वोटों से कम था. इन 11 उम्मीदवारों में से छह मतगणना से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने रिटर्निंग अधिकारियों के फैसलों को चुनौती दी है.
10 नवंबर को अपने मीडिया ब्रीफिंग में चुनाव आयोग ने दोबारा मतगणना के लिए नियम के बारे में स्पष्ट किया था. नियम के अनुसार, यदि रिजेक्टेड पोस्टल बैलट वोटों की संख्या जीत और हार के बीच अंतर से कम हैं, तो दोबारा मतगणना हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल के शक्ति सिंह यादव ने चुनाव आयोग से ईवीएम, वीवीपैट और डाक मतपत्रों की दोबारा मतगणना की मांग की थी. वह जनता दल-यूनाइटेड के कृष्ण मुरारी शरण से केवल 12 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए.
मटिहानी से उम्मीदवार नरेंद्र सिंह उर्फ बोगो ने लोक जनशक्ति पार्टी के राज कुमार सिंह से 333 मतों के अंतर से पराजित होने के बाद चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने सभी ईवीएम, वीवीपैट और पोस्टल की दोबारा मतगणना के लिए कहा है.
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के सुधाकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अंबिका सिंह को 189 मतों से हराया. अंबिका ने चुनाव आयोग से दोबारा मतगणना की मांग की है. परबत्ता, दिहारी और कुरहनी विधानसभा क्षेत्रों के दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों ने भी शिकायत दर्ज कराई है.
बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 नवंबर को प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 35 राउंड में हुई और अधिकतम 51 राउंड तक हुई.