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पीएम मोदी के भाषण से जुड़ा अशोक लवासा का 'असहमति नोट' नहीं होगा सार्वजनिक - डिसेंट नोट

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाली शिकायतों पर किए गए फैसलों पर अशोक लवासा ने असहमति जताई थी.

फाइल फोटो.
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Published : Jun 25, 2019, 10:01 AM IST

Updated : Jun 25, 2019, 11:22 AM IST

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने आरटीआई अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों (असहमति नोट-Dissent note) का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. ईसी का कहना है कि यह छूट प्राप्त ऐसी सूचना है जिससे किसी व्यक्ति का जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

ASHOK LAVASA
अशोक लवासा (फाइल फोटो)


बता दें कि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के ये असहमति नोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण से जुड़े हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के कुछ भाषणों पर कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था.

ANI
एएनआई. ट्वीट. ईसी

इस पर चुनाव आयोग ने साफ तौर कहा कि उसे ऐसी कोई भी सूचमा न देने की छूट मिली है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है. बता दें कि पुणे के एक आरटीआई एक्टिविस्ट विहार धुर्वे ने चुनाव आयोग से अशोक लवासा के असहमति नोट की मांग की थी. चुनाव आयोग ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया है.

पढ़ें: लोकसभा ने बनाया रिकार्ड, एक दिन में पूछे गए 10 सवाल

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के कई भाषणों पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था. हालांकि चुनाव आयोग ने मोदी पर लगे आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी थी. इस पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति जताई थी.

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने आरटीआई अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों (असहमति नोट-Dissent note) का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. ईसी का कहना है कि यह छूट प्राप्त ऐसी सूचना है जिससे किसी व्यक्ति का जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

ASHOK LAVASA
अशोक लवासा (फाइल फोटो)


बता दें कि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के ये असहमति नोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण से जुड़े हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के कुछ भाषणों पर कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था.

ANI
एएनआई. ट्वीट. ईसी

इस पर चुनाव आयोग ने साफ तौर कहा कि उसे ऐसी कोई भी सूचमा न देने की छूट मिली है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है. बता दें कि पुणे के एक आरटीआई एक्टिविस्ट विहार धुर्वे ने चुनाव आयोग से अशोक लवासा के असहमति नोट की मांग की थी. चुनाव आयोग ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया है.

पढ़ें: लोकसभा ने बनाया रिकार्ड, एक दिन में पूछे गए 10 सवाल

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के कई भाषणों पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था. हालांकि चुनाव आयोग ने मोदी पर लगे आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी थी. इस पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति जताई थी.

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Last Updated : Jun 25, 2019, 11:22 AM IST
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