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बंगाल : चुनाव आयोग ने मंत्री हकीम को लेकर मुख्य सचिव से मांगी जानकारी

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या बंगाल के मंत्री फरहाद हकीम के पास लाभ के दो पद हैं. बता दें कि हकीम कोलकाता नगर निगम बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 12, 2020, 9:02 PM IST

rajeev sinha
राजीव सिन्हा

कोलकाता : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर यह जानना चाहा है कि क्या राज्य के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम के पास लाभ के दो पद हैं. दरअसल, हकीम कोलकाता नगर निगम (केएमसी) बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.

इस महीने की शुरुआत में सिन्हा को भेजे गए पत्र में चुनाव आयोग के निदेशक ने यह भी जानना चाहा है कि हकीम की विधानसभा की सदस्यता क्यों नहीं समाप्त कर दी जानी चाहिए.

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हां, हमें इस सिलसिले में एक पत्र मिला है. हम इस विषय को देख रहे हैं. सही वक्त आने पर हम जवाब देंगे.'

संपर्क किए जाने पर हकीम ने कहा कि वह नगर निकाय के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर कोई वेतन या भत्ता नहीं ले रहे हैं.

सचिवालय सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपने पत्र में नौ सवाल पूछे हैं, जिनमें दो सवाल केएमसी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में हकीम की जिम्मेदारियों एवं पारिश्रमिक के बारे में हैं.

पत्र में हकीम की नियुक्ति प्रक्रिया का ब्योरा, नियुक्ति आदेश की प्रति और उन्हें मुहैया की गई सुविधाओं के बारे में तथा किसी आदेश या अधिनियम के तहत उनके पद को मिली छूट की भी जानकारी मांगी गई है.

पढ़ें- प्रवासी मजदूरों पर बोलीं ममता- 'हमें लोगों की परवाह, बंगाल से बाहर कोई नहीं गया'

यह भी बताने को कहा गया है कि इस पद के सृजन के लिए किस तारीख को अधिसूचना जारी की गई और क्या यह राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में किया गया.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश तिवारी द्वारा चुनाव आयोग को 22 जून को पत्र लिखे जाने के बाद आयोग ने यह पत्र भेजा है.

आयोग को लिखे पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के पास कुछ ऐसे पत्र आए हैं, जिनमें हकीम पर लाभ के दो पदों पर आसीन होने के आरोप हैं. साथ ही, संविधान के अनुच्छेद 191 (1)(ए) का हवाला देते हुए विधानसभा की उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 2007 में लाभ का पद सूची में 115 पदों को शामिल किया था. इसके बाद 2011 में सूची में संशोधन किया गया और ऐसे पदों की संख्या बढ़ा कर 126 कर दी गई.

केएमसी प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष का पद इस साल की शुरुआत में सृजित किया गया. कोविड-19 महामारी के चलते नगर निकाय चुनाव टलने के बाद यह कदम उठाया गया. हालांकि, यह पद इस सूची में नहीं है.

हकीम कोलकाता के मेयर भी रह चुके हैं. हकीम ने कहा, 'राज्यपाल भाजपा के साथ साठगांठ कर खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा और राज्यपाल संयुक्त रूप से हमें (तृणमूल कांग्रेस सरकार को) परेशान करना चाहते हैं. अदालत ने मुझसे अपनी ड्यूटी जारी रखने को कहा है और मैं इसी के मुताबिक काम करूंगा.'

कोलकाता : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर यह जानना चाहा है कि क्या राज्य के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम के पास लाभ के दो पद हैं. दरअसल, हकीम कोलकाता नगर निगम (केएमसी) बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.

इस महीने की शुरुआत में सिन्हा को भेजे गए पत्र में चुनाव आयोग के निदेशक ने यह भी जानना चाहा है कि हकीम की विधानसभा की सदस्यता क्यों नहीं समाप्त कर दी जानी चाहिए.

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हां, हमें इस सिलसिले में एक पत्र मिला है. हम इस विषय को देख रहे हैं. सही वक्त आने पर हम जवाब देंगे.'

संपर्क किए जाने पर हकीम ने कहा कि वह नगर निकाय के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर कोई वेतन या भत्ता नहीं ले रहे हैं.

सचिवालय सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपने पत्र में नौ सवाल पूछे हैं, जिनमें दो सवाल केएमसी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में हकीम की जिम्मेदारियों एवं पारिश्रमिक के बारे में हैं.

पत्र में हकीम की नियुक्ति प्रक्रिया का ब्योरा, नियुक्ति आदेश की प्रति और उन्हें मुहैया की गई सुविधाओं के बारे में तथा किसी आदेश या अधिनियम के तहत उनके पद को मिली छूट की भी जानकारी मांगी गई है.

पढ़ें- प्रवासी मजदूरों पर बोलीं ममता- 'हमें लोगों की परवाह, बंगाल से बाहर कोई नहीं गया'

यह भी बताने को कहा गया है कि इस पद के सृजन के लिए किस तारीख को अधिसूचना जारी की गई और क्या यह राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में किया गया.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश तिवारी द्वारा चुनाव आयोग को 22 जून को पत्र लिखे जाने के बाद आयोग ने यह पत्र भेजा है.

आयोग को लिखे पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के पास कुछ ऐसे पत्र आए हैं, जिनमें हकीम पर लाभ के दो पदों पर आसीन होने के आरोप हैं. साथ ही, संविधान के अनुच्छेद 191 (1)(ए) का हवाला देते हुए विधानसभा की उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 2007 में लाभ का पद सूची में 115 पदों को शामिल किया था. इसके बाद 2011 में सूची में संशोधन किया गया और ऐसे पदों की संख्या बढ़ा कर 126 कर दी गई.

केएमसी प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष का पद इस साल की शुरुआत में सृजित किया गया. कोविड-19 महामारी के चलते नगर निकाय चुनाव टलने के बाद यह कदम उठाया गया. हालांकि, यह पद इस सूची में नहीं है.

हकीम कोलकाता के मेयर भी रह चुके हैं. हकीम ने कहा, 'राज्यपाल भाजपा के साथ साठगांठ कर खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा और राज्यपाल संयुक्त रूप से हमें (तृणमूल कांग्रेस सरकार को) परेशान करना चाहते हैं. अदालत ने मुझसे अपनी ड्यूटी जारी रखने को कहा है और मैं इसी के मुताबिक काम करूंगा.'

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