नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती पर बड़ी कार्रवाई की है. आयोग ने योगी के चुनाव प्रचार करने पर तीन दिनों के लिए रोक लगा दी है. मायावती पर दो दिनों का बैन लगाया गया है. प्रतिबंध की अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रभावी होगी.
भाजपा ने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की
आयोग के फैसले के बाद भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने चुनाव आयोग से फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है. उन्होंने कहा कि भाजपा निर्वाचन आयोग के हर निर्णय का सम्मान करती है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने ना तो धार्मिक भावनाओं को भड़काया है, और ना ही धार्मिक उन्माद फैलाने वाला बयान दिया है. बकौल पाण्डेय मुख्यमंत्री ने सिर्फ अपने आराध्य का नाम लिया है.
बीजेपी ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे के प्रतिबंध पर पुनर्विचार करते हुए प्रतिबंध को समाप्त किया जाए.
ये फैसला मंगलवार- 16 अप्रैल से प्रभावी होगा. इसके तहत योगी सुबह छह बजे से अगले 72 घंटे तक के लिये किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
बता दें कि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 'अली—बजरंग बली' वाली टिप्पणी को लेकर पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगाई है.
आपको बता दें कि यह मामला इन दोनों नेताओं ने अपने-अपने सभाओं में ऐसी बातें कही थीं, जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा था. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर उनके पास अली हैं, तो हमारे पास बजरंग बली हैं.
इसी तरह से मायावती ने कहा था कि मुसलमानों को अपना वोट जाया नहीं करना चाहिए. उन्हें सपा-बसपा गठबंधन को ही मतदान करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि कांग्रेस को वोट देगे, तो यह बर्बाद होगा.
ये भी पढ़ें: चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध से भड़कीं मायावती, कहा- EC के इतिहास का काला दिन
इसके बाद दोनों नेताओं के खिलाफ शिकायत की गई. हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि आगे से वह ऐसा बयान नहीं देंगे. मायावती ने भी आयोग को जवाब दिया था.