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हिमाचल में भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.3 मापी गई तीव्रता

देश के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार तड़के भूकंप आया. हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में शुक्रवार तड़के ये हल्के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.3 रही.

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Published : Oct 9, 2020, 1:50 PM IST

Earthquake in himachal
लाहौल-स्पीति में भूकंप

शिमला : देश के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार तड़के भूकंप आया. हिमाचल के लाहौल-स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. एनसीएस के अनुसार रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक तड़के 2:43 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, किसी तरह के जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है.

वहीं, इसके बाद इसके बाद 3.12 मिनट पर मणिपुर के कमजोंग में 3.4 की तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर सिस्मोलॉजी के अनुसार इसकी गहराई 10 किलीमीटर थी.

बताया जा रहा है कि लोग इस दौरान गहरी नींद में थे, इसलिए भकूंप को महसूस नहीं कर पाए, लेकिन अगर भूकंप के झटके तेज होते तो काफी लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी और जान-माल के नुकसान हो सकता था.

पढ़ें: मुंबई-पालघर में चार घंटे में आए कम तीव्रता वाले आठ भूकंप

भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को चार भूकंपीय जोनों में बांटा है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है. हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 और 4 में है. वहीं, मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि सुबह ही लाहौल-स्पीति में भूकम्प के झटके महसूस किए गए हैं हालांकि भूकंप से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.

शिमला : देश के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार तड़के भूकंप आया. हिमाचल के लाहौल-स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. एनसीएस के अनुसार रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक तड़के 2:43 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, किसी तरह के जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है.

वहीं, इसके बाद इसके बाद 3.12 मिनट पर मणिपुर के कमजोंग में 3.4 की तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर सिस्मोलॉजी के अनुसार इसकी गहराई 10 किलीमीटर थी.

बताया जा रहा है कि लोग इस दौरान गहरी नींद में थे, इसलिए भकूंप को महसूस नहीं कर पाए, लेकिन अगर भूकंप के झटके तेज होते तो काफी लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी और जान-माल के नुकसान हो सकता था.

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भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को चार भूकंपीय जोनों में बांटा है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है. हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 और 4 में है. वहीं, मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि सुबह ही लाहौल-स्पीति में भूकम्प के झटके महसूस किए गए हैं हालांकि भूकंप से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.

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