नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने दिल्ली सरकार की महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना को गलत बताया है. श्रीधरन ने अपनी चिट्ठी में पीएम से इस योजना को खारिज करने की अपील भी की है.
श्रीधरन ने 10 जून को लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी से कहा है कि दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों. समाज के एक हिस्से को रियायत दी जाएगी तो बाद में दूसरे इससे भी रियायत देने की मांग करेंगे जैसे कि छात्र, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक आदि. जो कि इस रियायत के ज़्यादा हकदार हैं. यह बीमारी देश की दूसरी मेट्रो में भी फैलती जाएगी.
उन्होंने लिखा कि इस कदम से दिल्ली मेट्रो कंगाल हो जाएगी. अगर दिल्ली सरकार महिला यात्रियों की मदद करना ही चाहती है तो उनके खातों में सीधा पैसा डाल दे. श्रीधरन ने चिट्ठी में लिखा है कि मेट्रो कर्मचारी भी टिकट लेकर यात्रा करते हैं. इस योजना को लागू करने में 1000 करोड़ रुपये सालाना का खर्चा आएगा और यह बढ़ता ही जाएगा, क्योंकि मेट्रो बढ़ेगी और किराए बढ़ेंगे.
उन्होंने लिखा कि जब मेट्रो शुरू हुई थी तब किसी को भी यात्रा के लिए मेट्रो में रियायत नहीं देने का निर्णय लिया गया था. इस फैसले का खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का ज्वॉइंट वेंचर है. कोई एक हिस्सेदार समाज के किसी एक हिस्से को रियायत देने का एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है.