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निर्भया मामला : चारों दोषियों के पुतलों को तिहाड़ में फांसी दी गई

तिहाड़ जेल में सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाये चार दोषियों के पुतलों को फांसी दी गई. यह फांसी देने वालें वाले उपकरणों की जांच का तीसरा मामला था.

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Published : Jan 28, 2020, 8:28 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:54 AM IST

नई दिल्ली : तिहाड़ जेल में सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाय चार दोषियों को फांसी देने की औपचारिकता पूरी की गई. जेल प्रशासन ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा तीसरी बार दोषियों की डमी (पुतला) को फांसी दी गई है.

अधिकारियों ने बताया ये पूरी प्रकिया सोमवार को दोपहर में की गई और अगले कुछ दिनों तक इसे दोहराया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि फांसी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मंगाई गई है.

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैदियों के वजन के अनुसार बोरों में गेहूं और बालू भरकर पुतले बनाए गए थे.

दिल्ली की एक अदालत ने 17 जनवरी को विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (26) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था. लंबित याचिकाओं के कारण 22 जनवरी को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया था.

पढ़ें- निर्भया केस : दोषी मुकेश की याचिका पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

उन्होंने बताया, 'हम फांसी से पहले उसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं. तीन दिन के बाद जल्लाद को भी बुला लिया जाएगा. दोषियों के पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने के बारे में निर्णय करने के लिए तीन-चार दिन का समय है.'

सूत्रों ने बताया कि दिन में अक्षय कुमार सिंह की पत्नी, मां और भतीजा जेल में उससे मिलने आए.

उन्होंने बताया कि फांसी से पहले अब तक उनके पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका है.

नई दिल्ली : तिहाड़ जेल में सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाय चार दोषियों को फांसी देने की औपचारिकता पूरी की गई. जेल प्रशासन ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा तीसरी बार दोषियों की डमी (पुतला) को फांसी दी गई है.

अधिकारियों ने बताया ये पूरी प्रकिया सोमवार को दोपहर में की गई और अगले कुछ दिनों तक इसे दोहराया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि फांसी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मंगाई गई है.

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैदियों के वजन के अनुसार बोरों में गेहूं और बालू भरकर पुतले बनाए गए थे.

दिल्ली की एक अदालत ने 17 जनवरी को विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (26) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था. लंबित याचिकाओं के कारण 22 जनवरी को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया था.

पढ़ें- निर्भया केस : दोषी मुकेश की याचिका पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

उन्होंने बताया, 'हम फांसी से पहले उसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं. तीन दिन के बाद जल्लाद को भी बुला लिया जाएगा. दोषियों के पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने के बारे में निर्णय करने के लिए तीन-चार दिन का समय है.'

सूत्रों ने बताया कि दिन में अक्षय कुमार सिंह की पत्नी, मां और भतीजा जेल में उससे मिलने आए.

उन्होंने बताया कि फांसी से पहले अब तक उनके पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका है.

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निर्भया मामला: चारों दोषियों के पुतलों को तिहाड़ी में फांसी दी गई 

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) तिहाड़ जेल में सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाये चार दोषियों के पुतलों को फांसी देने की औपचारिकता पूरी की गई. जेल प्रशासन ने यह जानकारी दी.



उन्होंने बताया कि दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा तीसरी बार पुतलों को फांसी दी गई है.



अधिकारियों ने बताया ये पूरी प्रकिया सोमवार को दोपहर में की गई और अगले कुछ दिनों तक इसे दोहराया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि फांसी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मंगाई गई है.



जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैदियों के वजन के अनुसार बोरों में गेहूं और बालू भरकर पुतले बनाए गए थे.



दिल्ली की एक अदालत ने 17 जनवरी को विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (26) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था. लंबित याचिकाओं के कारण 22 जनवरी को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया था.



उन्होंने बताया, “ हम फांसी से पहले उसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं. तीन दिन के बाद जल्लाद को भी बुला लिया जाएगा. दोषियों के पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने के बारे में निर्णय करने के लिए तीन-चार दिन का समय है.



सूत्रों ने बताया कि दिन में अक्षय कुमार सिंह की पत्नी, मां और भतीजा जेल में उससे मिलने आए.



उन्होंने बताया कि फांसी से पहले अभी तक उनके पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका है.


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Last Updated : Feb 28, 2020, 5:54 AM IST
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