नई दिल्ली : मंत्रियों के समूह (जीओएम) को जानकारी दी गई कि घरेलू उद्योगों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है और अब देश में प्रतिदिन लगभग ढाई लाख निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा सकते हैं. निकट भविष्य में कोविड-19 महामारी की चुनौती से निपटने के लिए इसे पर्याप्त बताया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में जीओएम की मंगलवार को 14वीं बैठक में मंत्री समूह ने आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के प्रदर्शन, असर और लाभों से जुड़े विभिन्न आयामों पर चर्चा की.
इसमें पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों की गुणवत्ता और नियंत्रण प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.
मंत्री समूह को बताया गया कि चार मई तक करीब नौ करोड़ उपभोक्ताओं ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, 'लोगों ने एप पर अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जिससे कोविड-19 के किसी लक्षण से पीड़ित लोगों का पता लगाने में मदद मिली.'
हर्षवर्धन ने कहा कि संक्रामक बीमारी को रोकने में तकनीक का इस्तेमाल आवश्यक है तथा यह राज्यों को और अधिक प्रभावी तरीके से इस जानलेवा बीमारी को रोकने में मदद कर रहा है.
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बैठक में कोविड-19 के लिए खासतौर पर अस्पताल बनाने के वास्ते पर्याप्त संसाधन जुटाने समेत राज्यों की क्षमता को मजबूत करने, चिकित्सा संस्थानों को पीपीई, वेंटीलेटर्स तथा अन्य आवश्यक उपकरणों से लैस करने पर भी चर्चा की गई.
मंत्री समूह को यह भी बताया गया कि कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर करीब 3.2 प्रतिशत जबकि स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 25 प्रतिशत से अधिक है जिसे देशव्यापी लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव के तौर पर देखा जा सकता है.
अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मंत्री समूह को बताया कि वह वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों से सामने आए रणनीतिक मुद्दों की निगरानी कर रहे हैं.