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सात दिन की बच्ची में पाया गया कोरोना एंटीबॉडी

गुजरात के सूरत में एक सात साल की बच्ची में कोरोना एंटीबॉडी पाया गया है. दरअसल बच्ची के पैदा होने के समय उसकी मां कोरोना से संक्रमित थी. पढ़ें पूरी खबर...

कोरोना एंटीबॉडी
कोरोना एंटीबॉडी
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Published : Oct 1, 2020, 11:11 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के सूरत में एक सात साल की बच्ची में कोरोना एंटीबॉडी पाया गया है. दरअसल एमआईएससी (MIS-C) बीमारी के कुछ मामले सूरत में देखने को मिल रहे हैं. वहीं शहर में रहने वाली सात दिन की बच्ची में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं.

बच्ची के शरीर में मिले कोरोना एंटीबॉडी

बच्ची को पैदा होने के तीन दिन बाद से बुखार आने लगा था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उपचार के बाद भी बच्ची का बुखार कम नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उसका कोरोना परीक्षण किया. इस दौरान पता चला की बच्ची को कोरोनरी हार्ट डिजीज है, जिससे उसे एमआईएससी (MIS-C) बीमारी होने की शंका जताई गई.

इसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची और उसकी मां की कोविड एंटीबॉडी की जांच की. दोनों एंटीबॉडी पॉजिटिव पाए गए. डॉक्टर ने बताया कि किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जब मां जब गर्भवती थी, तब वह कोरोना से संक्रमित थी. मां के कोरोना निगेटिव होने के बाद यह एक एंटीबॉडी के रूप में बच्चे के शरीर में चला गया.

पढ़ें :- सर्वे : कोरोना से खतरनाक 15 बीमारियों की हुई पहचान

डॉक्टर ने बताया कि इतनी कम उम्र में एंटीबॉडीज के संपर्क में आने वाली यह पहली बच्ची है, इसलिए उन्होंने इस सात दिन की बच्ची का उसी तरह से इलाज करना शुरू किया, जिस तरह से उन्होंने अब तक MIS-C शिशुओं का इलाज किया था. फिलहाल बच्ची ठीक है और घर लौट गई है.

अहमदाबाद : गुजरात के सूरत में एक सात साल की बच्ची में कोरोना एंटीबॉडी पाया गया है. दरअसल एमआईएससी (MIS-C) बीमारी के कुछ मामले सूरत में देखने को मिल रहे हैं. वहीं शहर में रहने वाली सात दिन की बच्ची में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं.

बच्ची के शरीर में मिले कोरोना एंटीबॉडी

बच्ची को पैदा होने के तीन दिन बाद से बुखार आने लगा था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उपचार के बाद भी बच्ची का बुखार कम नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उसका कोरोना परीक्षण किया. इस दौरान पता चला की बच्ची को कोरोनरी हार्ट डिजीज है, जिससे उसे एमआईएससी (MIS-C) बीमारी होने की शंका जताई गई.

इसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची और उसकी मां की कोविड एंटीबॉडी की जांच की. दोनों एंटीबॉडी पॉजिटिव पाए गए. डॉक्टर ने बताया कि किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जब मां जब गर्भवती थी, तब वह कोरोना से संक्रमित थी. मां के कोरोना निगेटिव होने के बाद यह एक एंटीबॉडी के रूप में बच्चे के शरीर में चला गया.

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डॉक्टर ने बताया कि इतनी कम उम्र में एंटीबॉडीज के संपर्क में आने वाली यह पहली बच्ची है, इसलिए उन्होंने इस सात दिन की बच्ची का उसी तरह से इलाज करना शुरू किया, जिस तरह से उन्होंने अब तक MIS-C शिशुओं का इलाज किया था. फिलहाल बच्ची ठीक है और घर लौट गई है.

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