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कर्नाटक की डॉ प्रीति का अमेरिका में सम्मान, भारत में भी हैं कई कोरोना वॉरियर्स - problem for doctors

कर्नाटक के गडगा शहर में दो डॉक्टर, जो JIM कअस्पताल में काम कर रहे हैं, वह पिछले दो महीनों से अपने घर नहीं गए. वह अस्पताल में ही मरीजों के देखभाल में लगे हैं. राज्य से ही जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में कोडागु जिले की डॉ प्रीति को अमेरिका में सम्मानित किया गया है.

डॉ प्रीति सुब्रमणि
डॉ प्रीति सुब्रमणि
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Published : Apr 24, 2020, 9:32 PM IST

Updated : Apr 25, 2020, 10:08 AM IST

बेंगलुरु : जानलेवा बीमारी कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए यह डॉक्टर्स दिन-रात काम कर रहे हैं और मरीजों की जान बचा रहे हैं. लेकिन कोई भी उन डॉक्टरों की पीड़ा नहीं समझ रहा है, जो लोगों का इलाज कर रहे हैं. इसके विपरीत अमेरिका में कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों को सम्मानित किया जा रहा है.

कर्नाटक के गडगा शहर में दो डॉक्टर, जो JIM अस्पताल में काम कर रहे हैं, वह पिछले दो महीनों से अपने घर नहीं गए, किसी को इस बात की पीड़ा नहीं कि वह अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं

इलाज कर रहे हैं दो डॉक्टर

डॉ जगदीश की पत्नी मधु ने डेढ़ महीने पहले नवजात बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन जगदीश ने सीधे अपने बच्चे को नहीं देखा. इस की हताशा से, वह रोजाना वीडियो कॉल के माध्यम से अपने बच्चे के चेहरे को देखकर खुशी पाने की कोशिश करते हैं.

एक अन्य डॉक्टर जयराज जो उसी अस्पताल में काम कर रहे हैं, को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि, वह अपने ढाई महीने के बच्चे को नहीं देख पा रहे हैं, जो घर पर है.

जयराज ने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ घर में रहने के बजाय कोरोना रोगियों को ठीक करने के लिए भी संघर्ष किया.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की दर 20.57 प्रतिशत हुई : स्वास्थ्य मंत्रालय

डॉक्टर्स जिन्हें कोरोना योद्धा कहा जाता था, लॉकडॉन अवधि के दौरान घर में रहने की बजाय समाज के लिए काम कर रहे हैं.

वहीं, अमेरिका में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहे एक एक भारतीय मूल की डॉक्टर डॉ प्रीति सुब्रमणि कोरोगियों की देखभाल करने पर 'अनसंग हीरो' और 'ड्राइव ऑफ ऑनर ' सम्मानित किया है.

भारतीय मूल की डॉक्टर को सम्मान

भारतीय मूल की डॉ. प्रीति सुब्रमणि अमेरिका में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रही हैं. दक्षिण विंडसर अस्पताल में कोरोना के रोगियों का इलाज कर रहीं डॉ प्रीति को उनकी असाधारण सेवा के लिए अमेरिकी लोगों ने डॉ प्रीति को 'अनसंग हीरो' और 'ड्राइव ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया.

बेंगलुरु : जानलेवा बीमारी कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए यह डॉक्टर्स दिन-रात काम कर रहे हैं और मरीजों की जान बचा रहे हैं. लेकिन कोई भी उन डॉक्टरों की पीड़ा नहीं समझ रहा है, जो लोगों का इलाज कर रहे हैं. इसके विपरीत अमेरिका में कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों को सम्मानित किया जा रहा है.

कर्नाटक के गडगा शहर में दो डॉक्टर, जो JIM अस्पताल में काम कर रहे हैं, वह पिछले दो महीनों से अपने घर नहीं गए, किसी को इस बात की पीड़ा नहीं कि वह अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं

इलाज कर रहे हैं दो डॉक्टर

डॉ जगदीश की पत्नी मधु ने डेढ़ महीने पहले नवजात बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन जगदीश ने सीधे अपने बच्चे को नहीं देखा. इस की हताशा से, वह रोजाना वीडियो कॉल के माध्यम से अपने बच्चे के चेहरे को देखकर खुशी पाने की कोशिश करते हैं.

एक अन्य डॉक्टर जयराज जो उसी अस्पताल में काम कर रहे हैं, को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि, वह अपने ढाई महीने के बच्चे को नहीं देख पा रहे हैं, जो घर पर है.

जयराज ने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ घर में रहने के बजाय कोरोना रोगियों को ठीक करने के लिए भी संघर्ष किया.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की दर 20.57 प्रतिशत हुई : स्वास्थ्य मंत्रालय

डॉक्टर्स जिन्हें कोरोना योद्धा कहा जाता था, लॉकडॉन अवधि के दौरान घर में रहने की बजाय समाज के लिए काम कर रहे हैं.

वहीं, अमेरिका में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहे एक एक भारतीय मूल की डॉक्टर डॉ प्रीति सुब्रमणि कोरोगियों की देखभाल करने पर 'अनसंग हीरो' और 'ड्राइव ऑफ ऑनर ' सम्मानित किया है.

भारतीय मूल की डॉक्टर को सम्मान

भारतीय मूल की डॉ. प्रीति सुब्रमणि अमेरिका में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रही हैं. दक्षिण विंडसर अस्पताल में कोरोना के रोगियों का इलाज कर रहीं डॉ प्रीति को उनकी असाधारण सेवा के लिए अमेरिकी लोगों ने डॉ प्रीति को 'अनसंग हीरो' और 'ड्राइव ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया.

Last Updated : Apr 25, 2020, 10:08 AM IST
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