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असहमति पत्र साजिश, पार्टी हो सकती है विभाजित : संजय निरुपम

कांग्रेस पार्टी में चली लंबी खीचतान के बाद निर्णय लिया गया है कि पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव छह महीने के भीतर होगा. तब तक कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बनी रहेंगी. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री ने कांग्रेस नेता संजय निरुपम से खास बातचीत की. आइए जानते हैं कि इस दौरान उन्होंने क्या कुछ कहा...

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Published : Aug 29, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Aug 29, 2020, 5:27 PM IST

संजय निरुपम
संजय निरुपम

नई दिल्ली : कांग्रेस की बागडोर एक बार फिर सोनिया गांधी के हाथों में सौंप दी गई है. इसके साथ ही पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए छह महीने के अंदर चुनाव होगा. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग करने वाला असहमति पत्र राहुल गांधी के खिलाफ एक साजिश है और इस तरह की कवायद के चलते अब पार्टी का विभाजन हो सकता है.

सवाल : कांग्रेस में अब नेतृत्व के मुद्दे पर बहस क्यों हो रही है?

जवाब : नेतृत्व के मुद्दे पर बहस हो रही है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. राहुल ने अपना पक्ष साफ कर दिया था कि वह अब अध्यक्ष के पद पर नहीं रहना चाहते हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व सौंप देना चाहिए. उस उपयुक्त व्यक्ति को खोजने की कवायद चल रही है. इस बीच सोनिया गांधी को अंतरिम प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा गया था. तब से अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पार्टी में बहस छिड़ी हुई है.

कांग्रेस नेता संजय निरुपम से खास बातचीत.

सवाल : कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष और आंतरिक चुनाव की मांग की है. आपने इसे साजिश करार दिया है. क्यों?

जवाब : मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है. किसी भी राजनीतिक दल को मामलों को संभालने के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की आवश्यकता होती है. यह एक अच्छी बात है, लेकिन यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं का उक्त पत्र कांग्रेस और गांधी परिवार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है. राहुल गांधी के खिलाफ ऐसी साजिश पिछले कुछ समय में दिल्ली में कुछ पार्टी नेताओं के आवासों और कार्यालयों में रची गई है. असहमति भरे पत्र ने इस साजिश को सामने ला दिया. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में यह मेरा विचार है कि इस तरह का चुनाव नहीं होना चाहिए.

सवाल : लेकिन क्यों ?

जवाब : क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा चुनाव कई नए गुटों को जन्म देगा, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी नेताओं में कड़वाहट पैदा होगी और दुश्मनी तक हो सकती है, जिसका अंजाम कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो सकता है. मुझे डर है कि इस तरह के चुनाव से पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ जाएगी और उन नेताओं के बीच एक दूसरे से खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने का खेल शुरू हो जाएगा, जो यह दिखाना चाहते हैं कि वे संगठन में उनका कितना प्रभाव है. निश्चित रूप से इस समय इस कवायद की कोई जरूरत नहीं है, जबकि अभी हम सभी को पार्टी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

सवाल : क्या आंतरिक लोकतंत्र को एक बुरा विचार माना जा रहा है?

जवाब : किसी भी लोकतांत्रिक संगठन में आंतरिक लोकतंत्र और आंतरिक पार्टी के चुनाव होने चाहिए, लेकिन मैं आलोचकों से पूछना चाहता हूं कि कितने अन्य राजनीतिक दलों ने इस तरह की कवायद की है. अन्य पार्टियों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जो हमसे सवाल करे. मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कितने सदस्य चुनाव जीत कर आए हैं. उन्हें एक मजबूत विपक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत करना चाहिए और उन मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए, जो पार्टी को विभाजित करेंगे और दल को कमजोर बनाने का काम करेंगे.

सवाल : यदि आज कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव होता है, तो क्या यह राहुल गांधी के खिलाफ जाएगा?

जवाब : देखिए अगर ऐसा कोई चुनाव हो तो मैं आपको इसके नतीजा पहले ही बता सकता हूं. अगर राहुल चुनाव लड़ते हैं, तो वे आसानी से जीत जाएंगे. राहुल पार्टी के युवा विंग जैसे भारतीय युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के बीच एकमात्र विकल्प हैं. आप युवा विंग के बीच एक जनमत सर्वेक्षण कर सकते हैं. आप पार्टी के मुख्यमंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी पूछ सकते हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में किसे देखना चाहते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति केवल इस बात पर जोर देता है कि इस तरह की कवायद अभी होनी चाहिए, तो मुझे नहीं लगता कि यह पार्टी के हित में है.

सवाल : अच्छा तो आज कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

जवाब : पिछले 18 महीने में एक ऐसे पूर्णकालिक नेता की कमी देखी गई है, जो कार्यकर्ताओं को जोश से भर दे. कांग्रेस पार्टी में बहुत सारे प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं, लेकिन वे आज बिखरे हुए हैं. हमें उन्हें ऊर्जावान बनाने की जरूरत है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की तुलना में बहुत मजबूत पार्टी बन गई है. हमें कांग्रेस को और मजबूत बनाने की जरूरत है. एक बार जब राहुल पूरी ताकत के साथ पार्टी की बागडोर संभाल लेंगे तो इसके बाद उन्हें कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए देशभर में यात्रा करनी चाहिए.

सवाल : चुनाव कितना जल्दी हो सकता है?

जवाब : 24 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि लगभग छह महीने में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन को आयोजित किया जायेगा. मार्च-अप्रैल 2021 तक मेरे विचार से प्रमुख निकायों के लिए नेतृत्व और चुनाव से संबंधित सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा और राहुल गांधी पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे.

नई दिल्ली : कांग्रेस की बागडोर एक बार फिर सोनिया गांधी के हाथों में सौंप दी गई है. इसके साथ ही पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए छह महीने के अंदर चुनाव होगा. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग करने वाला असहमति पत्र राहुल गांधी के खिलाफ एक साजिश है और इस तरह की कवायद के चलते अब पार्टी का विभाजन हो सकता है.

सवाल : कांग्रेस में अब नेतृत्व के मुद्दे पर बहस क्यों हो रही है?

जवाब : नेतृत्व के मुद्दे पर बहस हो रही है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. राहुल ने अपना पक्ष साफ कर दिया था कि वह अब अध्यक्ष के पद पर नहीं रहना चाहते हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व सौंप देना चाहिए. उस उपयुक्त व्यक्ति को खोजने की कवायद चल रही है. इस बीच सोनिया गांधी को अंतरिम प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा गया था. तब से अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पार्टी में बहस छिड़ी हुई है.

कांग्रेस नेता संजय निरुपम से खास बातचीत.

सवाल : कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष और आंतरिक चुनाव की मांग की है. आपने इसे साजिश करार दिया है. क्यों?

जवाब : मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है. किसी भी राजनीतिक दल को मामलों को संभालने के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की आवश्यकता होती है. यह एक अच्छी बात है, लेकिन यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं का उक्त पत्र कांग्रेस और गांधी परिवार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है. राहुल गांधी के खिलाफ ऐसी साजिश पिछले कुछ समय में दिल्ली में कुछ पार्टी नेताओं के आवासों और कार्यालयों में रची गई है. असहमति भरे पत्र ने इस साजिश को सामने ला दिया. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में यह मेरा विचार है कि इस तरह का चुनाव नहीं होना चाहिए.

सवाल : लेकिन क्यों ?

जवाब : क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा चुनाव कई नए गुटों को जन्म देगा, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी नेताओं में कड़वाहट पैदा होगी और दुश्मनी तक हो सकती है, जिसका अंजाम कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो सकता है. मुझे डर है कि इस तरह के चुनाव से पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ जाएगी और उन नेताओं के बीच एक दूसरे से खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने का खेल शुरू हो जाएगा, जो यह दिखाना चाहते हैं कि वे संगठन में उनका कितना प्रभाव है. निश्चित रूप से इस समय इस कवायद की कोई जरूरत नहीं है, जबकि अभी हम सभी को पार्टी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

सवाल : क्या आंतरिक लोकतंत्र को एक बुरा विचार माना जा रहा है?

जवाब : किसी भी लोकतांत्रिक संगठन में आंतरिक लोकतंत्र और आंतरिक पार्टी के चुनाव होने चाहिए, लेकिन मैं आलोचकों से पूछना चाहता हूं कि कितने अन्य राजनीतिक दलों ने इस तरह की कवायद की है. अन्य पार्टियों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जो हमसे सवाल करे. मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कितने सदस्य चुनाव जीत कर आए हैं. उन्हें एक मजबूत विपक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत करना चाहिए और उन मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए, जो पार्टी को विभाजित करेंगे और दल को कमजोर बनाने का काम करेंगे.

सवाल : यदि आज कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव होता है, तो क्या यह राहुल गांधी के खिलाफ जाएगा?

जवाब : देखिए अगर ऐसा कोई चुनाव हो तो मैं आपको इसके नतीजा पहले ही बता सकता हूं. अगर राहुल चुनाव लड़ते हैं, तो वे आसानी से जीत जाएंगे. राहुल पार्टी के युवा विंग जैसे भारतीय युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के बीच एकमात्र विकल्प हैं. आप युवा विंग के बीच एक जनमत सर्वेक्षण कर सकते हैं. आप पार्टी के मुख्यमंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी पूछ सकते हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में किसे देखना चाहते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति केवल इस बात पर जोर देता है कि इस तरह की कवायद अभी होनी चाहिए, तो मुझे नहीं लगता कि यह पार्टी के हित में है.

सवाल : अच्छा तो आज कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

जवाब : पिछले 18 महीने में एक ऐसे पूर्णकालिक नेता की कमी देखी गई है, जो कार्यकर्ताओं को जोश से भर दे. कांग्रेस पार्टी में बहुत सारे प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं, लेकिन वे आज बिखरे हुए हैं. हमें उन्हें ऊर्जावान बनाने की जरूरत है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की तुलना में बहुत मजबूत पार्टी बन गई है. हमें कांग्रेस को और मजबूत बनाने की जरूरत है. एक बार जब राहुल पूरी ताकत के साथ पार्टी की बागडोर संभाल लेंगे तो इसके बाद उन्हें कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए देशभर में यात्रा करनी चाहिए.

सवाल : चुनाव कितना जल्दी हो सकता है?

जवाब : 24 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि लगभग छह महीने में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन को आयोजित किया जायेगा. मार्च-अप्रैल 2021 तक मेरे विचार से प्रमुख निकायों के लिए नेतृत्व और चुनाव से संबंधित सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा और राहुल गांधी पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे.

Last Updated : Aug 29, 2020, 5:27 PM IST
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