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पीओके से विस्थापित लोगों ने पाक के खिलाफ मनाया काला दिवस

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Published : Oct 22, 2019, 4:50 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 6:29 PM IST

नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर पीओके से विस्थापित लोगों ने मंगलवार को काला दिवस मनाया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. पीओके विस्थापित लोगों ने सरकार से मांग की, कि उन्हें भी जम्मू कश्मीर के

विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित लोगों ने आज नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर काला दिवस मनाया. यह दिवस 22 अक्टूबर 1947 में पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद जिले में हुई उनपर हिंसक कार्रवाई के विरोध में है. पीओके से विस्थापित लोगों के संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू कश्मीर के इतिहास में कोई काला दिवस है तो 22 अक्टूबर 1947 है जब पाकिस्तान ने हम नर्दोंष लोगों पर हमला किया.

हजारों की संख्या में जंतर मंतर पर इक्टठा हुए लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.

एसओएस इंटरनेशनल (पीओके से विस्थापित लोगों के लिए एक संगठन) के अध्यक्ष राजीव चुनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में हर कोई पीओके को वापस लेने का दावा कर रहा है, लेकिन कोई भी पीओके से विस्थापित लोगों के बारे में नहीं सोच रहा है. विस्थापित लोग 72 सालों से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

नई दिल्ली में पीओके से विस्थापित लोगों ने मनाया काला दिवस

राजीव चुनी ने कहा कि वर्तमान में विस्थापित लोगों की संख्या देश भर में 13 लाख है. सरकार हमें स्थायी जगह न दें लेकिन सहारा तो दे. सत्ता में रहने वाले लोग पीओके को अपना बताते हैं तो उस क्षेत्र के लोग भी तो हुए. तो उन लोगों पर सरकार क्यों मदद नहीं करती है.

जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों में हमारे लिए 24 सीटें रखी हुई है उनमें से 8 सीटें हमें दीजिए और उस पर चुनाव कराइए. इसके लिए हमने 2018 में चुनाव आयोग से भी बात किया था. उन्होंने कहा क्षेत्र तो सीमा पार है. तो हमने कहा देश भर में जितने विस्थापित लोग सब अपनी अपनी जगह से मतदान करेंगे और खाली पड़ी 24 सीटों में से दीजिए.

हमे अपने प्रत्याशी भी नहीं खड़े कर सकते हैं क्योकि विस्थापित लोग देश भर में है. कहीं 100 परिवार तो कही 50 परिवार है.

सुरजीत सिंह ने कहा कि सरकार जो पैकेज जम्मू कश्मीर के लोगों दी रखी है वहीं पैकेज विस्थापित लोगों को दिया जाए जैसे राशन शिक्षा रोजगार आदि सुविधाएं हमें भी दी जाए.

गौरतलब है कि पाकिस्तान से विस्थापित लोग देश के विभिन्न राज्यों में अस्थायी तौर पर रह रहे हैं. उन लोगों का कहना है उन्हें पाकिस्तान स्थित उनके धार्मिक स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाए.

नई दिल्ली : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित लोगों ने आज नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर काला दिवस मनाया. यह दिवस 22 अक्टूबर 1947 में पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद जिले में हुई उनपर हिंसक कार्रवाई के विरोध में है. पीओके से विस्थापित लोगों के संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू कश्मीर के इतिहास में कोई काला दिवस है तो 22 अक्टूबर 1947 है जब पाकिस्तान ने हम नर्दोंष लोगों पर हमला किया.

हजारों की संख्या में जंतर मंतर पर इक्टठा हुए लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.

एसओएस इंटरनेशनल (पीओके से विस्थापित लोगों के लिए एक संगठन) के अध्यक्ष राजीव चुनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में हर कोई पीओके को वापस लेने का दावा कर रहा है, लेकिन कोई भी पीओके से विस्थापित लोगों के बारे में नहीं सोच रहा है. विस्थापित लोग 72 सालों से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

नई दिल्ली में पीओके से विस्थापित लोगों ने मनाया काला दिवस

राजीव चुनी ने कहा कि वर्तमान में विस्थापित लोगों की संख्या देश भर में 13 लाख है. सरकार हमें स्थायी जगह न दें लेकिन सहारा तो दे. सत्ता में रहने वाले लोग पीओके को अपना बताते हैं तो उस क्षेत्र के लोग भी तो हुए. तो उन लोगों पर सरकार क्यों मदद नहीं करती है.

जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों में हमारे लिए 24 सीटें रखी हुई है उनमें से 8 सीटें हमें दीजिए और उस पर चुनाव कराइए. इसके लिए हमने 2018 में चुनाव आयोग से भी बात किया था. उन्होंने कहा क्षेत्र तो सीमा पार है. तो हमने कहा देश भर में जितने विस्थापित लोग सब अपनी अपनी जगह से मतदान करेंगे और खाली पड़ी 24 सीटों में से दीजिए.

हमे अपने प्रत्याशी भी नहीं खड़े कर सकते हैं क्योकि विस्थापित लोग देश भर में है. कहीं 100 परिवार तो कही 50 परिवार है.

सुरजीत सिंह ने कहा कि सरकार जो पैकेज जम्मू कश्मीर के लोगों दी रखी है वहीं पैकेज विस्थापित लोगों को दिया जाए जैसे राशन शिक्षा रोजगार आदि सुविधाएं हमें भी दी जाए.

गौरतलब है कि पाकिस्तान से विस्थापित लोग देश के विभिन्न राज्यों में अस्थायी तौर पर रह रहे हैं. उन लोगों का कहना है उन्हें पाकिस्तान स्थित उनके धार्मिक स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाए.

Intro:New Delhi: Displaced people from Pakistan occupied Kashmir today observed Black Day as a mark of protest against the tribal raid carried out by Pakistan on them in Muzaffarabad district of J&K state on October 22, 1947, when thousands of innocent people were subjected to genocide, abduction and plunder by the attackers.

A large number of PoK displaced persons today assembled here at Jantar Mantar and held a demonstration to mark the day amidst slogans and speeches highlighting grievances of the displaced community.

Rajiv Chuni, Chairman of S.O.S International- An organisation of PoK displaced persons, while talking to ETV Bharat said, "Now when everyone in the present government is boasting of taking back PoK, no one is talking about the displaced people l, who are ultimate suffers of the conflict for more than 70 years."


Body:Rajiv Chuni lambasted at the Centre for their failure to address the grievances of presently 1.3 million displaced people and their permanent settlement. He said those in power were interested only in land of PoK but not in the people of that area.

Surjit Singh, one of the PoK displaced person said government should provide all facilities to PoK displaced persons on par with Kashmir valley migrants like monthly cash relief, free monthly ration, free monthly fuel, interest free loans to unemployed youths, PM package for government jobs to unemployed educated youths and free family health insurance cover for avoiding discrimination between the displaced communities of J&K


Conclusion:Rajiv Chuni said we also demand internally displaced persons status from the government for PoK DPs and 8 assembly seats out of 24 kept reserved for PoK areas in J&K assembly, 1 Lok Sabha and 1 Rajya Sabha seat to PoK DPs.

A number of PoK DPs, who had been set up temporarily by the then government in Punjab, Delhi, Haryana, Rajasthan, UP, Bihar and other states, took part in the demonstration and also demanded to grant permission to visit their Holy religious places located in PoK like Sharda Peeth, Gurudwara Chhati Paatshahi, Mangla Temple and other sacred places.
Last Updated : Oct 22, 2019, 6:29 PM IST
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