ETV Bharat / bharat

मिशन चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती शुरू, 15 जुलाई को चंद्रमा पर गूंजेगा 'जय हिंद'

author img

By

Published : Jul 14, 2019, 12:08 AM IST

चंद्रमा पर 15 जुलाई को 'जय हिंद' गूंजेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के मिशन चंद्रयान-2 की उल्‍टी गिनती शुरू हो चुकी है. ये मिशन 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च होगा. ईटीवी भारत ने इसे लेकर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और जोधपुर (राजस्थान) में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक से खास बातचीत की.

डिजाइन इमेज.

जोधपुर. 15 जुलाई को भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रमा के लिए अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान-2 विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा. यह दुनिया का पहला मिशन होगा. जिसका यान चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा. इसरो के इस मिशन में भी इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला जो जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक हैं. उनकी भी भागीदारी है.

देखें वीडियो.

ईटीवी भारत की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक से खास बातचीत
प्रोफेसर कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीकी से बना है. इसमें किसी भी तरह की विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है या मिशन बर्फ पानी की खोज के साथ-साथ जिस जगह पर उतरेगा क्योंकि पहली बार कोई यान साउथ पोल उतर रहा है तो वहां क्रेटर पर किसी भी तरह के फॉसिल्स (जीवाश्म) का भी अध्ययन करेगा. जो दुनिया में पहली बार होगा. नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर सुने पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला से खास बातचीत.

पढ़ें: कोलकाता के नंदराम मार्केट में लगी भीषण आग

जोधपुर ICRS सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया
प्रोफेसर कल्ला के मुताबिक चंद्रयान -2 पर भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजर रहेगी. उन्हें पूरा विश्वास है कि इसरो के वैज्ञानिक इस अभियान में सफल रहेंगे. उन्होंने बताया कि जोधपुर के आईसीएसआर सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया था. जिनमें से 4 को मंजूरी मिली है. वहां से मिलने वाले डाटा के आधार पर इस पर शोध कार्य होगा. जिससे इस महान मिशन में जोधपुर की भी भागीदारी बनी रहेगी. साथ ही प्रोफेसर कल्ला ने बताया कि इस मिशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में भारत का चंद्रमा पर मानव को भेजने का प्रोजेक्ट भी सपना साकार होगा.

जोधपुर. 15 जुलाई को भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रमा के लिए अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान-2 विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा. यह दुनिया का पहला मिशन होगा. जिसका यान चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा. इसरो के इस मिशन में भी इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला जो जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक हैं. उनकी भी भागीदारी है.

देखें वीडियो.

ईटीवी भारत की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक से खास बातचीत
प्रोफेसर कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीकी से बना है. इसमें किसी भी तरह की विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है या मिशन बर्फ पानी की खोज के साथ-साथ जिस जगह पर उतरेगा क्योंकि पहली बार कोई यान साउथ पोल उतर रहा है तो वहां क्रेटर पर किसी भी तरह के फॉसिल्स (जीवाश्म) का भी अध्ययन करेगा. जो दुनिया में पहली बार होगा. नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर सुने पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला से खास बातचीत.

पढ़ें: कोलकाता के नंदराम मार्केट में लगी भीषण आग

जोधपुर ICRS सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया
प्रोफेसर कल्ला के मुताबिक चंद्रयान -2 पर भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजर रहेगी. उन्हें पूरा विश्वास है कि इसरो के वैज्ञानिक इस अभियान में सफल रहेंगे. उन्होंने बताया कि जोधपुर के आईसीएसआर सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया था. जिनमें से 4 को मंजूरी मिली है. वहां से मिलने वाले डाटा के आधार पर इस पर शोध कार्य होगा. जिससे इस महान मिशन में जोधपुर की भी भागीदारी बनी रहेगी. साथ ही प्रोफेसर कल्ला ने बताया कि इस मिशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में भारत का चंद्रमा पर मानव को भेजने का प्रोजेक्ट भी सपना साकार होगा.

Intro:


Body:जोधपुर 15 जुलाई को भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रमा के लिए अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान 2 विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा यह दुनिया का पहला मिशन होगा जिसका यान चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा इसरो के इस मिशन में भी इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कला जो जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक हैं उनकी भी भागीदारी है प्रोफेसर कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीकी से बना है इसमें किसी भी तरह की विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है या मिशन बर्फ पानी की खोज के साथ-साथ जिस जगह पर उतरेगा क्योंकि पहली बार कोई यान साउथ पोल उत्तर रहा है तो वहां क्रेटर पर किसी भी तरह के फॉसिल्स का भी अध्ययन करेगा जो दुनिया में पहली बार होगा प्रोफेसर कला के मुताबिक chandrayaan-2 पर भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजर रहेगी उन्हें पूरा विश्वास है कि इसरो के वैज्ञानिक इस अभियान में सफल रहेंगे उन्होंने बताया कि जोधपुर के आईसीएसआर सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया था जिनमें से 4 को मंजूरी मिली है वहां से मिलने वाले डाटा के आधार पर इस पर शोध कार्य होगा जिससे इस महान मिशन में जोधपुर की भी भागीदारी बनी रहेगी। साथ ही प्रोफेसर कल्ला ने बताया कि इस मिशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में भारत का चंद्रमा पर मानव को भेजने का प्रोजेक्ट भी सपना साकार होगा।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.