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जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं के साथ दुर्व्यवहार नहीं : DGP दिलबाग सिंह

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि हिरासत में लिए गए राजनीतिक नेताओं के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात सामान्य हो रहे हैं. ज्यादातर दुकानें खुल रही है, सड़कों पर वाहन चल रहे हैं. लेकिन आतंकी वहां लोगों को परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

दिलबाग सिंह
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Published : Nov 20, 2019, 9:55 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:49 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को हिरासत में लिए गए राजनीतिक नेताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों का खंडन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनके साथ ऐसा हुआ है, तो मामले से संबंधित सरकारी विभाग इसकी जांच करेगा.

उन्होंने कहा, 'वे हिरासत में हैं और उनके ठहरने की व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए अधिकारी हैं. उन्हें अब एमएलए हॉस्टल में रखा गया है. वह कोई साधारण जगह नहीं है. यदि उनके साथ कुछ ऐसा हुआ है तो, मुझे लगता है कि संबंधित सरकारी विभाग मामले की जांच करेगा.'

दिलबाग सिंह ने कहा, 'ये दुर्व्यवहार का मामला है पूरी तरह से गलत है. ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. हिरासत में लिए गए नेताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.'

उन्होंने कहा, 'जब आप एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं, तो सामान्य सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है. जोकि सुरक्षा विभाग ने किया होगा. उसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ है.'

गौरतलब है कि आज ही गृह मंत्रालय ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 609 से अधिक लोग हिरासत में है.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में 4 अगस्त के बाद 5000 से ज्यादा लोग गिरफ्तार, 609 नजरबंद : MHA

इस पर डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति पहले से बेहतर है. ज्यादातर दुकानें खुलने लगी है और सड़कों पर वाहन चल रहे हैं. वहां हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन आतंकी प्रदेश के लोगों को तंग करने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमने लोगों को आश्वासन दिया है और वहां के लोगों का जनजीवन सामान्य है.

उन्होंने कहा, 'हमने कुलगाम, बांदीपोरा और हंदवारा का दौरा किया. प्रत्येक जगह बदलाव से हालात अच्छे हो रहे हैं. एकमात्र चिंता यह है कि आतंकवादी अभी भी सामान्य जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हमारा प्रयास उनके प्रयासों को विफल करना है.

जब दिलबाग सिंह से क्षेत्र में मजदूरों की हत्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'सभी घटनाओं का पता लगा लिया गया है. सोपोर मामले में एक आतंकवादी को मारा गया है.

वहीं बिजबेहारा मामले में घटना के एक ही दिन बाद हत्यारे को खत्म कर दिया गया था. जबकि अन्य दो घटनाओं में आतंकवादियों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की गई है.

पढ़ें : लोकसभा में सरकार का बयान - जम्मू-कश्मीर में कम हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं

गौरतलब है कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में पांच गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या कर दी गई थी.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को हिरासत में लिए गए राजनीतिक नेताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों का खंडन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनके साथ ऐसा हुआ है, तो मामले से संबंधित सरकारी विभाग इसकी जांच करेगा.

उन्होंने कहा, 'वे हिरासत में हैं और उनके ठहरने की व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए अधिकारी हैं. उन्हें अब एमएलए हॉस्टल में रखा गया है. वह कोई साधारण जगह नहीं है. यदि उनके साथ कुछ ऐसा हुआ है तो, मुझे लगता है कि संबंधित सरकारी विभाग मामले की जांच करेगा.'

दिलबाग सिंह ने कहा, 'ये दुर्व्यवहार का मामला है पूरी तरह से गलत है. ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. हिरासत में लिए गए नेताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.'

उन्होंने कहा, 'जब आप एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं, तो सामान्य सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है. जोकि सुरक्षा विभाग ने किया होगा. उसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ है.'

गौरतलब है कि आज ही गृह मंत्रालय ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 609 से अधिक लोग हिरासत में है.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में 4 अगस्त के बाद 5000 से ज्यादा लोग गिरफ्तार, 609 नजरबंद : MHA

इस पर डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति पहले से बेहतर है. ज्यादातर दुकानें खुलने लगी है और सड़कों पर वाहन चल रहे हैं. वहां हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन आतंकी प्रदेश के लोगों को तंग करने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमने लोगों को आश्वासन दिया है और वहां के लोगों का जनजीवन सामान्य है.

उन्होंने कहा, 'हमने कुलगाम, बांदीपोरा और हंदवारा का दौरा किया. प्रत्येक जगह बदलाव से हालात अच्छे हो रहे हैं. एकमात्र चिंता यह है कि आतंकवादी अभी भी सामान्य जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हमारा प्रयास उनके प्रयासों को विफल करना है.

जब दिलबाग सिंह से क्षेत्र में मजदूरों की हत्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'सभी घटनाओं का पता लगा लिया गया है. सोपोर मामले में एक आतंकवादी को मारा गया है.

वहीं बिजबेहारा मामले में घटना के एक ही दिन बाद हत्यारे को खत्म कर दिया गया था. जबकि अन्य दो घटनाओं में आतंकवादियों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की गई है.

पढ़ें : लोकसभा में सरकार का बयान - जम्मू-कश्मीर में कम हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं

गौरतलब है कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में पांच गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या कर दी गई थी.

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https://www.aninews.in/news/national/general-news/j-k-dgp-refutes-allegations-of-mishandling-of-political-leaders-in-detention20191120194908/


Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 11:49 PM IST
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