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मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें मीडिया की देन है: दिग्विजय

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मै सरकार के कामों में दखल नहीं दे सकता हूं. क्योंकि मैं राज्यसभा का सदस्य हूं. मैं प्रदेश की कांग्रेस सरकार का अंग नहीं हूं. इसलिये प्रदेश में मेरे दस्तखत से कोई सरकारी काम नहीं होता है.

दिग्विजय सिंह
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Published : Sep 7, 2019, 6:43 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 7:26 PM IST

इंदौरः मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उठापटक की खबरें आ रही है. इसी बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों में न तो पहले कोई गुटबाजी थी, न आज है. ये सब खबरें मीडिया की उपज हैं.

प्रदेश कांग्रेस की कलह को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन के स्तर पर रिपोर्ट सौंपे जाने की खबरों पर दिग्विजय ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है.
सूबे में तबादलों और अन्य लंबित कामों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के कैबिनेट सहयोगियों को चिट्ठियां लिखे जाने पर खड़े हुए विवाद को लेकर दिग्विजय ने नाराजगी जतायी.

उन्होंने इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर प्रतिप्रश्न करते हुए गुस्से में कहा, क्या आपने पढ़ा है कि मैंने इन पत्रों में क्या लिखा था? अगर आपने मुझे कोई कागज (सरकारी काम से जुड़ा आवेदन) दिया है, तो मैं इसे आगे बढ़ाऊंगा या नहीं?

सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों के समर्थकों के बीच जारी 'पोस्टर युद्ध' पर दिग्विजय ने कहा, मैंने स्थायी तौर पर कह रखा है कि कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे समर्थन में न तो पोस्टर-बैनर चिपकाये, न ही नारे लगाये.

प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले के एक मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सीबीआई द्वारा जनवरी में क्लीन चिट दिये जाने पर दिग्विजय ने सवाल उठाये और शर्मा को इस घोटाले का अपराधी कहा है.

पढ़ेः दिग्विजय का तंज- बोले, गिर रही देश की अर्थव्यवस्था और पीएम कर रहे फिट इंडिया की बात

राज्यसभा सांसद ने कहा, मामाजी (पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लोकप्रिय उपनाम) की पूर्ववर्ती सरकार में शर्मा व्यापमं घोटाले में पकड़े गये थे. लेकिन सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया. मैं इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये उच्चतम न्यायालय जाऊंगा और शर्मा के खिलाफ दोबारा केस चलाये जाने की गुहार करूंगा. अपराधी तो वह हैं.

इंदौरः मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उठापटक की खबरें आ रही है. इसी बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों में न तो पहले कोई गुटबाजी थी, न आज है. ये सब खबरें मीडिया की उपज हैं.

प्रदेश कांग्रेस की कलह को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन के स्तर पर रिपोर्ट सौंपे जाने की खबरों पर दिग्विजय ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है.
सूबे में तबादलों और अन्य लंबित कामों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के कैबिनेट सहयोगियों को चिट्ठियां लिखे जाने पर खड़े हुए विवाद को लेकर दिग्विजय ने नाराजगी जतायी.

उन्होंने इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर प्रतिप्रश्न करते हुए गुस्से में कहा, क्या आपने पढ़ा है कि मैंने इन पत्रों में क्या लिखा था? अगर आपने मुझे कोई कागज (सरकारी काम से जुड़ा आवेदन) दिया है, तो मैं इसे आगे बढ़ाऊंगा या नहीं?

सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों के समर्थकों के बीच जारी 'पोस्टर युद्ध' पर दिग्विजय ने कहा, मैंने स्थायी तौर पर कह रखा है कि कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे समर्थन में न तो पोस्टर-बैनर चिपकाये, न ही नारे लगाये.

प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले के एक मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सीबीआई द्वारा जनवरी में क्लीन चिट दिये जाने पर दिग्विजय ने सवाल उठाये और शर्मा को इस घोटाले का अपराधी कहा है.

पढ़ेः दिग्विजय का तंज- बोले, गिर रही देश की अर्थव्यवस्था और पीएम कर रहे फिट इंडिया की बात

राज्यसभा सांसद ने कहा, मामाजी (पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लोकप्रिय उपनाम) की पूर्ववर्ती सरकार में शर्मा व्यापमं घोटाले में पकड़े गये थे. लेकिन सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया. मैं इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये उच्चतम न्यायालय जाऊंगा और शर्मा के खिलाफ दोबारा केस चलाये जाने की गुहार करूंगा. अपराधी तो वह हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 17:10 HRS IST




             
  • मप्र कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें मीडिया के दिमाग की उपज: दिग्विजय



इंदौर, सात सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उठापटक की खबरों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को दावा किया कि सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों में कोई गुटबाजी नहीं है।



दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, "प्रदेश कांग्रेस में न तो पहले कोई गुटबाजी थी, न ही आज है। इस बारे में मीडिया के लोग ही खबरें चलाते रहते हैं।"



प्रदेश कांग्रेस की कलह को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन के स्तर पर रिपोर्ट सौंपे जाने की खबरों पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।



सूबे में तबादलों और अन्य लंबित कामों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के कैबिनेट सहयोगियों को चिट्ठियां लिखे जाने पर खड़े हुए विवाद को लेकर दिग्विजय ने नाराजगी जतायी। उन्होंने इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर प्रतिप्रश्न करते हुए गुस्से में कहा, "क्या आपने पढ़ा है कि मैंने इन पत्रों में क्या लिखा था? अगर आपने मुझे कोई कागज (सरकारी काम से जुड़ा आवेदन) दिया है, तो मैं इसे आगे बढ़ाऊंगा या नहीं?"



पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार के काम-काज में दखल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। मैं प्रदेश की कांग्रेस सरकार का अंग नहीं हूं। इसलिये प्रदेश में मेरे दस्तखत से कोई सरकारी काम नहीं होता है।"



सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों के समर्थकों के बीच जारी "पोस्टर युद्ध" पर दिग्विजय ने कहा, "मैंने स्थायी तौर पर कह रखा है कि कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे समर्थन में न तो पोस्टर-बैनर चिपकाये, न ही नारे लगाये।"



प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले के एक मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सीबीआई द्वारा जनवरी में क्लीन चिट दिये जाने पर दिग्विजय ने सवाल उठाये और शर्मा को इस घोटाले का "अपराधी" कहा।



राज्यसभा सांसद ने कहा, "मामाजी (पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लोकप्रिय उपनाम) की पूर्ववर्ती सरकार में शर्मा व्यापमं घोटाले में पकड़े गये थे। लेकिन सीबीआई ने उन्हें छोड़ दिया। मैं इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये उच्चतम न्यायालय जाऊंगा और शर्मा के खिलाफ दोबारा केस चलाये जाने की गुहार करूंगा। अपराधी तो वह हैं।"


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 7:26 PM IST
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