ETV Bharat / bharat

पायलट, चालक दल के सदस्यों के लिए 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' अनिवार्य

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सभी पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए श्वास परीक्षण अनिवार्य कर दिया है. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसे रोक दिया गया था मगर अब फिर से इसे शुरू किया गया है. इस परीक्षण से यह पता चलता है कि क्रू मेंबर्स ने शराब का सेवन किया है या नहीं.

author img

By

Published : Sep 5, 2020, 9:38 PM IST

क्रू मेंबर्स के लिए श्वास परीक्षण अनिवार्य
क्रू मेंबर्स के लिए श्वास परीक्षण अनिवार्य

नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान कंपनियों को उड़ान के पहले पायलटों और चालक दल के सदस्यों का ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ बहाल करने का आदेश दिया है.

कोविड-19 महामारी के कारण असाधारण स्थिति और दिल्ली तथा केरल उच्च न्यायालयों द्वारा जारी निर्देश को देखते हुए विमानन नियामक ने इस साल 29 मार्च को पायलट, चालक दल के सदस्यों, ग्राउंड हैंडलिंग कर्मियों, वायु यातायात नियंत्रकों जैसे सभी विमानन कर्मियों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच स्थगित करने का फैसला किया था.

नियामक ने चार सितंबर की तारीख वाले एक आदेश में कहा है, डीजीसीए के 29 मार्च के आदेश में आंशिक बदलाव के मद्देनजर सूचित किया जाता है कि नियोक्ता सुनिश्चित करेंगे कि उड़ान के पहले विमान के पायलट समेत चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच की जाए.

इसका मतलब है कि पायलट और चालक दल के सदस्यों के अलावा अन्य विमानन कर्मियों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच पर रोक जारी रहेगी.

डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू उड़ान परिचालन में रोजाना प्रति उड़ान के हिसाब से 10 प्रतिशत पायलटों और चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें - 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्पेशल ट्रेन, 10 से होगा रिजर्वेशन

डीजीसीए ने कहा, सभी अंतरराष्ट्रीय परिचालन में रोजाना प्रति उड़ान के हिसाब से ‘ब्रेथ एनालाइजर’ की शत-प्रतिशत जांच होनी चाहिए।’’ साथ ही कहा गया है कि 29 मार्च के आदेश के अन्य प्रावधान सभी विमानन कर्मियों पर लागू होंगे ।

डीजीसीए के 29 मार्च के आदेश में कहा गया था कि प्रत्येक विमानन कर्मी को एक शपथ पत्र देना होगा कि वह नशे में नहीं है और उसने ड्यूटी पर आने से कम से कम 12 घंटे के दरम्यान शराब या मादक द्रव्य का सेवन नहीं किया है.

नियामक ने कहा था कि विमानन कर्मचारी द्वारा शपथ पत्र देने के बाद नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तीन साल के लिए लाइसेंस या मंजूरी निलंबित कर दी जाएगी.

नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान कंपनियों को उड़ान के पहले पायलटों और चालक दल के सदस्यों का ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ बहाल करने का आदेश दिया है.

कोविड-19 महामारी के कारण असाधारण स्थिति और दिल्ली तथा केरल उच्च न्यायालयों द्वारा जारी निर्देश को देखते हुए विमानन नियामक ने इस साल 29 मार्च को पायलट, चालक दल के सदस्यों, ग्राउंड हैंडलिंग कर्मियों, वायु यातायात नियंत्रकों जैसे सभी विमानन कर्मियों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच स्थगित करने का फैसला किया था.

नियामक ने चार सितंबर की तारीख वाले एक आदेश में कहा है, डीजीसीए के 29 मार्च के आदेश में आंशिक बदलाव के मद्देनजर सूचित किया जाता है कि नियोक्ता सुनिश्चित करेंगे कि उड़ान के पहले विमान के पायलट समेत चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच की जाए.

इसका मतलब है कि पायलट और चालक दल के सदस्यों के अलावा अन्य विमानन कर्मियों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच पर रोक जारी रहेगी.

डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू उड़ान परिचालन में रोजाना प्रति उड़ान के हिसाब से 10 प्रतिशत पायलटों और चालक दल के सदस्यों की ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें - 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्पेशल ट्रेन, 10 से होगा रिजर्वेशन

डीजीसीए ने कहा, सभी अंतरराष्ट्रीय परिचालन में रोजाना प्रति उड़ान के हिसाब से ‘ब्रेथ एनालाइजर’ की शत-प्रतिशत जांच होनी चाहिए।’’ साथ ही कहा गया है कि 29 मार्च के आदेश के अन्य प्रावधान सभी विमानन कर्मियों पर लागू होंगे ।

डीजीसीए के 29 मार्च के आदेश में कहा गया था कि प्रत्येक विमानन कर्मी को एक शपथ पत्र देना होगा कि वह नशे में नहीं है और उसने ड्यूटी पर आने से कम से कम 12 घंटे के दरम्यान शराब या मादक द्रव्य का सेवन नहीं किया है.

नियामक ने कहा था कि विमानन कर्मचारी द्वारा शपथ पत्र देने के बाद नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तीन साल के लिए लाइसेंस या मंजूरी निलंबित कर दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.