नई दिल्ली: भारत सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने पर खुशी जाहिर की है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे भारत का कूटनीति दबाव और नीति की जीत करार दिया. बता दें कि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया.
दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक प्रेस वार्ता में जैश सरगना मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर प्रतिक्रिया दी. संयुक्त राष्ट्र (UN) की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि UN ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी और आतंक के मास्टरमाइंड मसूद अज़हर वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. ये जो भी हुआ वो भारत की कूटनीति की बड़ी जीत है.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि देश में हुई कई आतंकी घटनाओं में मसूद अजहर का हाथ था. उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया 2009 से ही शुरू हो गई थी, लेकिन टेक्निकल ऑब्जेक्शन की वजह से ये सफल नहीं हो रहा था.
जेटली ने कहा कि भारत और मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलता की वजह से ये 2019 संभव हो पाया है. उन्होंने इस मामले में चीन के रुख पर भी टिप्पणी की. जेटली ने कहा कि चीन हमेशा से इसमें अड़ंगे डालता रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल तैयार किया, इसी वैश्विक दबाव के कारण ही चीन पीछे हटा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि जब किसी मुद्दे पर अंतराष्ट्रीय जीत होती है तो ये परंपरा रही थी कि विपक्ष साथ होता था, लेकिन आज विपक्ष टिप्पणियां कर रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ये तय करना चाहिए कि क्रेडिट किसे मिले. कांग्रेस ने शुरू किया था, लेकिन सफलता हमारी सरकार के प्रयास से मिली है.
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ईटीवी भारत के सवाल पर जेटली ने कहा कि अगर राष्ट्रवाद मुद्दा है तो अच्छी बात है. कांग्रेस इसकी आलोचना क्यों कर रही है. जब विश्व हिंदू परिषद कहता है कि गर्व से कहो हम हिन्दू हैं तो यही विपक्षी पार्टियां आलोचना करती हैं, लेकिन 2019 के चुनाव में कई लोग चुनावी हिन्दू बने दिखे. जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह के मंदिर जाने पर भी तंज कसा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्षी पार्टियां इस सफलता में शामिल नहीं हो रही हैं. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.