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कोरोना वायरस : ईरान से लौटेंगे भारतीय - ईरानी दूतावास

देखते-देखते ही कोरोना वायरस ने दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. एशिया के कई मुल्कों के साथ-साथ भारत भी इसकी चपेट में आ चुका है. अलग-अलग देशों में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं. ईरान में भी कई भारतीय फंसे हैं, जिन्हें सरकार जल्द ही वापस लाने के प्रयास कर रही है.

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Mar 7, 2020, 12:58 PM IST

Updated : Mar 7, 2020, 3:58 PM IST

कोरोना वायरस के बढ़ेत प्रकोप से पूरी दुनिया में चिंता का माहौल है. अलग-अलग देशों में भारत के कई नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं. वे भारत आने का इंतजार कर रहे हैं. ईरान से आज भारतीयों का एक दल लौटने वाला है. वे तेहरान एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए विमान पकड़ेंगे. ईरान ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भेजने से पहले उनकी जांच कर ली जाए. ईरान द्वारा भारतीय मेडिकल अनुसंधान परिषद के छह विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के लिए वीजा जारी किया गया, ताकि वे फंसे हुए भारतीयों की मेडिकल जांच कर सकें.

उनकी मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने पर उन्हें भारत आने दिया जाएगा. जिनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकलेगी, उन्हें ईरान में ही भर्ती कराया जाएगा. कोरोना के मरीजों के लिए ईरान ने अलग से अस्पताल में व्यवस्था की है.

26 फरवरी को भारत ने ईरान से आने वाली फ्लाइट सेवा को इजाजत नहीं देने का निर्णय किया. इसके बाद दोनों देशों ने फंसे हुए अपने-अपने नागरिकों के लिए विशेष विमान सेवा बहाली पर सहमत हुए. इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि मेडिकल जांच के बाद ही नागरिकों को भेजा जाएगा.

तेहरान से आने वाली फ्लाइट पर ही ईरानी नागरिक दिल्ली से लौट सकेंगे. दोनों देशों में इस पर बात चल रही है कि नई दिल्ली और मुंबई से ईरान जाने वाली फ्लाइट सेवा को बहाल किया जाए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों को परेशानी ना हो. वे अपने-अपने देश लौट सकें. अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. बातचीत जारी है.

ईरानी दूतावास ने कहा कि दोनों देशों के फंसे हुए नागरिकों के लिए जो भी आवश्यक है, उस पर कदम उठाया जाएगा. उनके लिए व्यवस्था की जाएगी. इसमें मुख्य रूप से पर्यटक, छात्र और व्यवसायी शामिल हैं. ईरानी दूतावास ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें बताया गया था कि कोरोना से प्रभावित भारतीयों को ईरान जबरदस्ती नई दिल्ली भेजेगा.

यह भी पढ़ें- अमेरिका-तालिबान डील से भारतीय सीमाओं पर पाक को न मिले मुक्त शासन : पूर्व राजदूत

आपको बता दें कि इस सप्ताह ईरान और भारत के बीच उस वक्त तनाव देखने को मिला था, जब ईरान के विदेश मंत्री जारिफ और बाद में उनके सुप्रीम नेता आयातुल्ला खुमैनी ने दिल्ली हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों की ह्त्या की गई है. नाराज नई दिल्ली ने ईरान के राजदूत को तलब कर विरोध भी दर्ज कराया था.

(स्मिता शर्मा)

कोरोना वायरस के बढ़ेत प्रकोप से पूरी दुनिया में चिंता का माहौल है. अलग-अलग देशों में भारत के कई नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं. वे भारत आने का इंतजार कर रहे हैं. ईरान से आज भारतीयों का एक दल लौटने वाला है. वे तेहरान एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए विमान पकड़ेंगे. ईरान ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भेजने से पहले उनकी जांच कर ली जाए. ईरान द्वारा भारतीय मेडिकल अनुसंधान परिषद के छह विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के लिए वीजा जारी किया गया, ताकि वे फंसे हुए भारतीयों की मेडिकल जांच कर सकें.

उनकी मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने पर उन्हें भारत आने दिया जाएगा. जिनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकलेगी, उन्हें ईरान में ही भर्ती कराया जाएगा. कोरोना के मरीजों के लिए ईरान ने अलग से अस्पताल में व्यवस्था की है.

26 फरवरी को भारत ने ईरान से आने वाली फ्लाइट सेवा को इजाजत नहीं देने का निर्णय किया. इसके बाद दोनों देशों ने फंसे हुए अपने-अपने नागरिकों के लिए विशेष विमान सेवा बहाली पर सहमत हुए. इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि मेडिकल जांच के बाद ही नागरिकों को भेजा जाएगा.

तेहरान से आने वाली फ्लाइट पर ही ईरानी नागरिक दिल्ली से लौट सकेंगे. दोनों देशों में इस पर बात चल रही है कि नई दिल्ली और मुंबई से ईरान जाने वाली फ्लाइट सेवा को बहाल किया जाए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों को परेशानी ना हो. वे अपने-अपने देश लौट सकें. अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. बातचीत जारी है.

ईरानी दूतावास ने कहा कि दोनों देशों के फंसे हुए नागरिकों के लिए जो भी आवश्यक है, उस पर कदम उठाया जाएगा. उनके लिए व्यवस्था की जाएगी. इसमें मुख्य रूप से पर्यटक, छात्र और व्यवसायी शामिल हैं. ईरानी दूतावास ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें बताया गया था कि कोरोना से प्रभावित भारतीयों को ईरान जबरदस्ती नई दिल्ली भेजेगा.

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आपको बता दें कि इस सप्ताह ईरान और भारत के बीच उस वक्त तनाव देखने को मिला था, जब ईरान के विदेश मंत्री जारिफ और बाद में उनके सुप्रीम नेता आयातुल्ला खुमैनी ने दिल्ली हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों की ह्त्या की गई है. नाराज नई दिल्ली ने ईरान के राजदूत को तलब कर विरोध भी दर्ज कराया था.

(स्मिता शर्मा)

Last Updated : Mar 7, 2020, 3:58 PM IST
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