अमरावती: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की परेशानी और बढ़ गई है. दरअसल, अमरावती में नायडू की बनाई गई बिल्डिंग 'प्रजा वेदिका' को तोड़ा जा रहा है. इस बिल्डिंग में चंद्रबाबू नायडू अधिकारियों, पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग करने के अलावा जनता दरबार लगाते थे.
इसका निर्माण चंद्रबाबू नायडू ने सरकार में रहते हुए कराया था. आरोप है कि इस आवास का बड़ा हिस्सा अवैध है. जानकारी के मुताबिक निगम के दस्ते ने प्रजा वेदिका के बाहरी हिस्से में काफी तोड़फोड़ की है.
'प्रजा वेदिका' चंद्रबाबू नायडू के बंगले से सटा है. इसे वो अपने मुख्यमंत्री काल में कार्यालय की तरह इस्तेमाल करते थे और जनता के साथ-साथ अधिकारियों से रूबरू होते थे. इसे अमरावती कैपटल डेवलपमेंट ऑथोरिटी ने बनवाया था और अब जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इसे तोड़ने का फैसला किया क्योंकि इसका निर्माण नदी तट पर 'ग्रीन' नियमों के खिलाफ हुआ है.
मंगलवार देर रात तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही चंद्रबाबू नायडू के समर्थक वहां एकत्र हो गए और इसका विरोध शुरू कर दिया. हालांकि भारी संख्या में पुलिस बल ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और निगम का दस्ता अवैध निर्माण को तोड़ता रहा.
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इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने 'प्रजा वेदिका' को विपक्ष के नेता का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मांग को ठुकरा दिया था.
बताया जा रहा है कि नायडू परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए थे और बुधवार को ही वापिस आये हैं.
गौरतलब है कि, लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए थे, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) की करारी हार हुई है. राज्य की जनता ने वाईएसआर को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता सौंपी है. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू के बीच राजनीतिक रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं.
सीएम रेड्डी ने नायडू की सरकारी सुविधाओं में भारी कटौती कर दी है. हाल ही में आंध्र प्रदेश के एयरपोर्ट पर चंद्रबाबू को वीआईपी सुविधा से वंचित करते हुए आम यात्री की तरह सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा था. चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है. पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है.