बेंगलुरु: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि लोकतंत्रिक देश स्वतंत्रता की कीमत निरंतर निगरानी के रूप में चुकाते हैं.
अरोड़ा ने कहा कि यह बात उभरते लोकतांत्रिक देशों के लिए विशेष रूप से सत्य है, जहां नागरिकों की राजनीतिक इच्छा के बावजूद मौजूदा तंत्र
पारदर्शिता के साथ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष और सहभागी चुनाव कराने में समस्या का सामना करते हैं.
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एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक अरोड़ा ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चुनाव कुप्रबंधन के प्रति आगाह किया, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति अविश्वास का बीज बो सकती है.