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बेंगलुरु : कब्बन पार्क बचाने की मुहिम, ट्रैफिक रोकने की मांग

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित कब्बन पार्क को बचाने के लिए रविवार को अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. पार्क एसोसिएशन ने मांग की है कि पार्क को प्रदूषण से बचाने के लिए ट्रैफिक को प्रतिबंधित किया जाए.

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Published : Aug 30, 2020, 8:56 PM IST

Cubbon Park bengaluru
कब्बन पार्क

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी में स्थित कब्बन पार्क को बचाने के लिए मुहिम शुरू की गई है. पार्क में ट्रैफिक को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है. ट्रैफिक सस्पेंड करने की मांग को लेकर पार्क एसोसिएशन ने कब्बन पार्क के पास प्रदर्शन किया. नगर निगम पार्षद अनंत कुमार और स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया.

कब्बन पार्क में प्रत्येक रविवार और सरकारी अवकाश के दिन लोगों के आने पर प्रतिबंध था. रोजाना सुबह 10 बजे से रात आठ बजे तक ट्रैफिक पर प्रतिबंध था. प्रत्येक दिन यहां चार से पांच हजार लोग आते हैं. हर कोई इस स्थान को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहता है.

प्रदर्शन करने वाले पार्क एसोसिएशन के सदस्यों का आरोप है कि राज्य सरकार रविवार को भी लोगों के आने की अनुमति दे रही है. लोगों का कहना है कि वाहनों के कारण पूरे शहर में बहुत ज्यादा प्रदूषण है. इसलिए स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि कब्बन पार्क को दूषित न किया जाए.

कब्बन पार्क को बचाने की मुहिम व बहस पर कर्नाटक के बागवानी मंत्री नारायण गौड़ा ने कहा कि यह कर्नाटक सरकार के उद्यान (संरक्षण) अधिनियम, 1975 के दायरे में आता है. इसलिए पार्क में वाहनों के आवागमन पर रोक लगाना जरूरी है. उन्होंने ट्रैफिक पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से भी अपील की.

पढ़ेंः तमिलनाडु : वलिनोक्कम तट पर मृत मिली सात टन की ब्लू व्हेल

गौड़ा ने पर्यावरण प्रेमियों से आग्रह किया गया है कि वे राजधानी के केंद्र में स्थित कब्बन पार्क में ट्रैफिक को कम करें. कब्बन पार्क भी कर्नाटक सरकार उद्यान (संरक्षण) अधिनियम, 1975 के दायरे में है. यही कारण है कि 197 एकड़ भूमि पर यातायात पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है.

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी में स्थित कब्बन पार्क को बचाने के लिए मुहिम शुरू की गई है. पार्क में ट्रैफिक को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है. ट्रैफिक सस्पेंड करने की मांग को लेकर पार्क एसोसिएशन ने कब्बन पार्क के पास प्रदर्शन किया. नगर निगम पार्षद अनंत कुमार और स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया.

कब्बन पार्क में प्रत्येक रविवार और सरकारी अवकाश के दिन लोगों के आने पर प्रतिबंध था. रोजाना सुबह 10 बजे से रात आठ बजे तक ट्रैफिक पर प्रतिबंध था. प्रत्येक दिन यहां चार से पांच हजार लोग आते हैं. हर कोई इस स्थान को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहता है.

प्रदर्शन करने वाले पार्क एसोसिएशन के सदस्यों का आरोप है कि राज्य सरकार रविवार को भी लोगों के आने की अनुमति दे रही है. लोगों का कहना है कि वाहनों के कारण पूरे शहर में बहुत ज्यादा प्रदूषण है. इसलिए स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि कब्बन पार्क को दूषित न किया जाए.

कब्बन पार्क को बचाने की मुहिम व बहस पर कर्नाटक के बागवानी मंत्री नारायण गौड़ा ने कहा कि यह कर्नाटक सरकार के उद्यान (संरक्षण) अधिनियम, 1975 के दायरे में आता है. इसलिए पार्क में वाहनों के आवागमन पर रोक लगाना जरूरी है. उन्होंने ट्रैफिक पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से भी अपील की.

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गौड़ा ने पर्यावरण प्रेमियों से आग्रह किया गया है कि वे राजधानी के केंद्र में स्थित कब्बन पार्क में ट्रैफिक को कम करें. कब्बन पार्क भी कर्नाटक सरकार उद्यान (संरक्षण) अधिनियम, 1975 के दायरे में है. यही कारण है कि 197 एकड़ भूमि पर यातायात पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है.

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