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दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर बहुत खराब श्रेणी में पहुंची, भारी नमी का असर

राजधानी दिल्ली में लोग धूप निकलने और हवा की गति में सुधार आने के बाद पिछले तीन दिनों में कम प्रदूषित हवा में सांस ले रहे थे, लेकिन गुरुवार को हल्की बारिश के चलते नमी बढ़ने प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है. देखें तस्वीरें

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Published : Nov 8, 2019, 7:59 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता एक बार फिर बहुत खराब की श्रेणी में आ गई हल्की बारिश के चलते नमी बढ़ने से ऐसा हुआ. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

दिल्लीवासी धूप निकलने और हवा की गति में सुधार आने के बाद पिछले तीन दिनों में कम प्रदूषित हवा में सांस ले रहे थे लेकिन गुरुवार को नमी बढ़ने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया.

रविवार को भी हल्की बारिश ने नमी बढ़ा दी थी जिससे शहर की आबोहवा दमघोंटू हो गयी थी.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि भारी नमी और हल्की हवाओं के चलते प्रदूषकों का फैलाव बढ़ा और इसके चलते अधिक संख्या में द्वितीयक कणों के निर्माण को बढ़ावा मिला.

द्वितीयक कण वे हैं जो प्राथमिक प्रदूषकों और अन्य वायुमंडलीय घटकों जैसे सल्फर-डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के साथ जटिल रासायनिक प्रभाव से पैदा होते हैं. ये वायुमंडलीय घटक आग जलने और वाहनों के धुएं से निकलते हैं.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

द्वितीयक कणों में सल्फेट्स, नाइट्रेट्स, ओजोन और ऑर्गेनिक एरोसोल शामिल हैं.

दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 309 था. ये बुधवार रात साढ़े नौ बजे 342 पहुंच गया.

पड़ोसी नोएडा (366), गाजियाबाद (365), ग्रोटर नोएडा (352) और फरीदाबाद (342) में भी वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

एक्यूआई 0-50 के बीच अच्छा, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच अत्यंत खराब, 401-500 के बीच गंभीर और 500 के पार बेहद गंभीर माना जाता है.

सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा सफर के प्रमुख गुफरान बेग ने कहा कि ठंडे मौसम में छिटपुट बारिश हमेशा ही नुकसानदेह होती है क्योंकि इससे नमी बढ़ती है, जिससे द्वितीयक कण सृजित होते हैं.

हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा और पंजाब में अच्छी बारिश हुई है, इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का प्रभाव कम होगा.

नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली : हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे हो रहा सुधार

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पालावत ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि बर्फबारी के चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से ठंडी, सूखी हवाएं चलेंगी. सूखी हवा से नमी में कमी आएगी. अगले 24 घंटे के बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार होने लगेगा.'

उन्होंने कहा बताया कि 9 और 10 नवंबर को हवा की गति 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें : दिल्ली को घेरता 'मौत का धुआं'

इस बीच, दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के कामों में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के चलते गुरुवार को दो अधिकारियों तथा कई सफाई कर्मियों को निलंबित कर दिया.

अधिकारियों ने तीन सहायक सैनिटरी इंस्पेक्टरों से स्पष्टीकरण भी मांगा है कि अपनी ड्यूटी अच्छी तरह न निभाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता एक बार फिर बहुत खराब की श्रेणी में आ गई हल्की बारिश के चलते नमी बढ़ने से ऐसा हुआ. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

दिल्लीवासी धूप निकलने और हवा की गति में सुधार आने के बाद पिछले तीन दिनों में कम प्रदूषित हवा में सांस ले रहे थे लेकिन गुरुवार को नमी बढ़ने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया.

रविवार को भी हल्की बारिश ने नमी बढ़ा दी थी जिससे शहर की आबोहवा दमघोंटू हो गयी थी.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि भारी नमी और हल्की हवाओं के चलते प्रदूषकों का फैलाव बढ़ा और इसके चलते अधिक संख्या में द्वितीयक कणों के निर्माण को बढ़ावा मिला.

द्वितीयक कण वे हैं जो प्राथमिक प्रदूषकों और अन्य वायुमंडलीय घटकों जैसे सल्फर-डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के साथ जटिल रासायनिक प्रभाव से पैदा होते हैं. ये वायुमंडलीय घटक आग जलने और वाहनों के धुएं से निकलते हैं.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

द्वितीयक कणों में सल्फेट्स, नाइट्रेट्स, ओजोन और ऑर्गेनिक एरोसोल शामिल हैं.

दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 309 था. ये बुधवार रात साढ़े नौ बजे 342 पहुंच गया.

पड़ोसी नोएडा (366), गाजियाबाद (365), ग्रोटर नोएडा (352) और फरीदाबाद (342) में भी वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

एक्यूआई 0-50 के बीच अच्छा, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच अत्यंत खराब, 401-500 के बीच गंभीर और 500 के पार बेहद गंभीर माना जाता है.

सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा सफर के प्रमुख गुफरान बेग ने कहा कि ठंडे मौसम में छिटपुट बारिश हमेशा ही नुकसानदेह होती है क्योंकि इससे नमी बढ़ती है, जिससे द्वितीयक कण सृजित होते हैं.

हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा और पंजाब में अच्छी बारिश हुई है, इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का प्रभाव कम होगा.

नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी.

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता

विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली : हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे हो रहा सुधार

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पालावत ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि बर्फबारी के चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से ठंडी, सूखी हवाएं चलेंगी. सूखी हवा से नमी में कमी आएगी. अगले 24 घंटे के बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार होने लगेगा.'

उन्होंने कहा बताया कि 9 और 10 नवंबर को हवा की गति 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ेगी.

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इस बीच, दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के कामों में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के चलते गुरुवार को दो अधिकारियों तथा कई सफाई कर्मियों को निलंबित कर दिया.

अधिकारियों ने तीन सहायक सैनिटरी इंस्पेक्टरों से स्पष्टीकरण भी मांगा है कि अपनी ड्यूटी अच्छी तरह न निभाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.

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DL-3RDLD AIR QUALITY
Delhi's air 'very poor' again due to high humidity
(Eds: Updates data)
         New Delhi, Nov 7 (PTI) After a brief relief, the national capital's air quality plunged to the "very poor" category again on Thursday because of high humidity due to light rain, officials said.
         Delhi had been breathing relatively less polluted air for three days after a bright sun and improved wind speed pulled the city out of the grip of a dense haze that had been lingering over it since October 29. But the increased humidity on Thursday pushed the pollution levels up.
         On Sunday, too, a drizzle resulted in an increase in humidity, triggering a massive pollution spike.
         Weather experts said high humidity and slower winds hamper dispersion of pollutants and lead to the formation of more harmful secondary particles.
         Secondary particles are products of complicated atmospheric reactions between primary particles, such as particulate matter, sulphur dioxide and nitrogen dioxide directly emitted by stubble burning and vehicles, in the presence of other factors such as sunlight and moisture.
         Examples of secondary particles include sulphates, nitrates, ozone and organic aerosols.
         Delhi's overall air quality index read 309 at 4pm and 342 at 9.30 pm on Thursday.
         The air quality also took a hit in neighbouring Noida (366), Ghaziabad (365), Greater Noida (352), and Faridabad (342).
         An AQI between 201 and 300 is 'poor', 301-400 'very poor' and 401-500 'severe'. An AQI above 500 falls in the severe plus category.
         Gufran Beig, the head of the government's air quality monitoring and forecasting service SAFAR, said scanty rain in cold weather is always harmful as it leads to high humidity which, in turn, creates secondary particulate matter.
         However, the weather experts said, Haryana and Punjab received good rainfall which will reduce the impact of stubble burning in Delhi's pollution.
         NASA's satellite imagery also showed a considerable reduction in the number of farm fires.
         The wind speed will increase again Friday evening onwards, flushing out pollutants, the experts said.
         Mahesh Pawalat, a senior scientist at Skymet Weather - a private forecaster, said, "We are expecting cold, dry winds to blow from Jammu and Kashmir and Himachal Pradesh due to snowfall. Dry winds will reduce humidity. The air quality will start improving again after 24 hours."
         Kuldeep Srivastava, the head of the Regional Weather Forecasting Centre, said, "Light rainfall increases moisture content and water droplets suspended in the air make pollutants heavier which do not get dispersed easily even a with moderate wind speed."
         "On Wednesday, the visibility is likely reduce due to fog, but the situation will improve during the day. The cloud cover will dissipate and there will be sunlight which is crucial for improvement in air quality," he said.
         The wind speed will increase to 20-25 kmph on November 9 and 10, he said.
         A SAFAR report said around 3,500 farm fires were recorded on Wednesday in neighbouring states, but "the wind direction is not favourable for any stubble fire plume intrusion".
         It said the share of stubble burning in Delhi's PM2.5 pollution on Thursday reduced to just 2 per cent as easterly and south easterly winds negated its impact. It is likely to be 3 percent on Friday.
         A change in the wind direction (to north-westerly) and plume intrusion is expected only on Saturday which may lead to a marginal deterioration of air quality, SAFAR said.
         Meanwhile, the South Delhi Municipal Corporation suspended two officials and as many sanitation workers on Thursday for alleged negligence of duties in carrying out activities meant for curbing pollution, officials said.
         The authorities have also sought explanation from three assistant sanitary inspectors (ASIs) as to why action should not be taken against them for not properly discharging their duties. PTI GVS KND GVS
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