नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष निर्णय लेने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक आगामी 15 से 17 मार्च तक बेंगलुरु में प्रस्तावित है. इस बैठक में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा और नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के मुद्दों के हावी रहने की उम्मीद है.
प्रतिनिधि सभा आरएसएस के सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है. जो भविष्य की कार्रवाई का निर्णय लेने के लिए वर्ष में एक बार बैठक करती है.
आरएसएस के एक सूत्र ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने की उम्मीद है.
अधिकारी ने कहा कि संघ की दिल्ली इकाई को हिंसा पर एक विस्तृत प्रस्तुति देने के लिए कहा जा सकता है.
वार्षिक बैठक में संघ के प्रचार और संघ द्वारा अनछुई जगहों तक पहुंंचाने के तरीकों पर भी चर्चा होगी.
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बैठक में संघ के काम के विस्तार और समेकन के लिए योजना बनाना, केंद्र में सुधार और प्रशिक्षण शिविरों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी.
राष्ट्र सेविका समिति की महिला प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. संघ ने कहा इस तीन दिवसीय बैठक के दौरान, पूरे देश से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव भी पारित करेंगे.