नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जहां सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों को लेकर भद्दे कमेंट आ रहे थे. वहीं दिल्ली के एक सिख युवक ने इस दौरान पुणे में फंसी 32 कश्मीरी लड़कियों के सामने मसीहा बनकर आए.
उन्होंने सोशल मीडिया से ही मुहिम चलाकर इन लड़कियों के लिए एयर टिकट की व्यवस्था की और उनको सकुशल उनके घर पहुंचाया. इस काम ने उन्हें दिल्ली के दो और सिखों ने ही उनकी मदद की.
पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर इलाके में रहने वाले हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया जो पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन इनकी रगों में सेना का जज्बा है. दरअसल इनके दादा और पिता सेना में थे.
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फेसबुक लाइव कर दिया मैसेज
बता दें कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ठीक एक दिन पहले सेना की हलचल बढ़ने पर हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया ने फेसबुक लाइव किया और उन्होंने कहा कि भारत में कहीं भी परेशानी में फंसने वाले कश्मीरी लोग पास के गुरुद्वारे में चले जाए. तभी अगले दिन जब अनुच्छेद 370 हटा तो इनके फोन पर पुणे में जम्मू के अलग-अलग दूर दराज इलाके से नर्सिंग कोर्स के लिए गई लड़कियों के सुपरवाइजर का फोन आया. सभी लड़कियां डरी हुई थी क्योंकि घरवालों से बात नहीं हो पा रही थी और फेसबुक पर भी भद्दे कमेंट आ रहे थे.
हरमिंदर सिंह ने सबको मदद का दिया भरोसा
ऐसे में हरमिंदर सिंह अहलूवालिया ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और उन्होंने कश्मीरी लड़कियों के टिकट के लिए सिख संगत से सोशल मीडिया पर ही मदद मांगी. तब टिकट के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये भी इकट्ठे हो गए, जिसमें उनकी मदद फाइनेंसर जगतार सिंह जग्गा ने की. जिसके बाद हरमिंदर सिंह ने लड़कियों के लिए पुणे से श्रीनगर की टिकट कराई. जिसमें दिल्ली के सिख युवक अरमीत सिंह खानपूरी और बलजीत सिंह, बबलू ने मदद की.
फौज ने भी की मदद
इतना ही नहीं इन तीनों युवकों ने उन लड़कियों को उनके घर तक छोड़कर आए. जहां पहुंचना चुनौती थी. इस काम में सेना की तरफ से कर्नल एएस मलिक, 2 RR, सिख रेजीमेंट ने भी उनकी मदद की. हरमिंदर सिंह का कहना है कि 84 के दंगे के बाद उन्हें लगा कि कोई भी घटना के बाद कम्युनिटी को टारगेट नहीं करना चाहिए. पुलवामा के बाद भी कुछ हद तक ऐसे हालात हुए थे. उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर मदद की पोस्ट डाली थी.
'ऐसे नेक काम करता रहूंगा'
हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनके घरवाले शुरू में कश्मीर का माहौल देख डरे थे. लेकिन, हरमिंदर का कहना था कि उनके साथ उनके वाहेगुरु का आशीर्वाद है और नेक काम के बाद दुआएं, और इसी वजह से वे आगे भी ऐसे काम करते रहेंगे.