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हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार को सलाम, पांच बार डोनेट कर चुके हैं प्लाज्मा - donated plasma

कोरोना के इस संकट काल में दिल्ली पुलिसकर्मी लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं. पुलिसकर्मियों ने अनजान लोगों को प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई है. इन्हीं में एक हैं साउथ वेस्ट दिल्ली के कापासेड़ा थाने में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात कृष्ण कुमार, जिन्होंने वेंटिलेटर से लौटने के बाद पांच बार प्लाज्मा दान किया.

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Published : Dec 5, 2020, 7:08 PM IST

नई दिल्ली : अपराधियों के मन में भय पैदा करने वाली दिल्ली पुलिस का कोरोना काल में मानवीय चेहरा तब दिखाई पड़ा, जब 134 पुलिसकर्मियों ने 350 से ज्यादा अनजान लोगों को प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई. कोरोना के इस संकट काल में पुलिसकर्मी लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं.

लड़ाई अभी बहुत लंबी

दिल्ली में जिस तरह इन दिनों कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि लड़ाई अभी बहुत लंबी है, लेकिन कोरोना से जंग और जिंदगी की जीत के दौर में लोगों को काफी हिम्मत से काम लेना होगा. ऐसे में मिसाल बने हैं दिल्ली पुलिस के 134 जवान, जो डयूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. फिर भी उनके जज्बे में कमी नहीं आई है.

लगभग 350 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने डोनेट किया प्लाज्मा

पढ़ें- कोरोना के कारण प्राथमिक शिक्षा के अभाव में रहेंगे 63 फीसदी छात्र: विश्व बैंक की रिपोर्ट

कोरोना से जंग जीतने के बाद अब वे दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए खुद आगे आकर प्लाजा डोनेट कर रहे हैं. कोरोना से उबर चुके पुलिसकर्मियों द्वारा डोनेट किए गए प्लाज्मा की वजह से डॉक्टरों को अब तक 350 से ज्यादा कोरोना के मरीजों की जान बचाने में मदद मिली है.

सराहना और सम्मान के काबिल हैं कृष्ण कुमार

साउथ वेस्ट दिल्ली के कापासेड़ा थाने में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात कृष्ण कुमार, जो अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोरोना से संक्रमित हो गए थे, लेकिन अब ठीक होने के बाद दूसरे लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. कृष्ण कुमार ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पांच बार जरूरतमंद लोगों को अपना प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई है.

कृष्ण कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने एक मई को अपना कोरोना टेस्ट करवाया था और पांच मई को आई उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. इसके बाद उन्हें तुरंत राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था.

कोरोना के कारण उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि वह वेंटिलेटर पर आ गए, लेकिन इस दौरान उनके एसएचओ और थाने के स्टाफ ने उनकी और उनके परिवार वालों की पूरी तरह से देखभाल की.

पढे़ें-भारत के मरीजों पर प्रभावी है कॉन्वलसेंट प्‍लाज्‍मा थेरेपी : अध्ययन

350 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने डोनेट किया प्लाज्मा
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और डीसीपी डॉ. ईश सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस के 350 अधिकारी और कर्मचारी प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. 134 पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूरी तरह से अनजान लोगों को प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई. इसमें सबसे ऊपर साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक के कापसहेड़ा थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार का नाम है, जो ठीक होने के बाद अब तक पांच बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं.

एक डोनर 400 मिलीमीटर प्लाजा दान कर सकता है

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश ने बताया कि कोरोना से ठीक होने में प्लाजा थेरेपी काफी कारगर है. डॉक्टरों की मानें, तो एक डोनर 400 मिलीमीटर प्लाजा दान कर सकता है और इससे दोनों लोगों की जान बचाई जा सकती है.

प्लाज्मा थेरेपी कोरोना में प्रभावी

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी तो नई नहीं है, लेकिन कोरोना के सेज में भी इसका प्रभावी इस्तेमाल हुआ है. कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा की बेहद जरूरत है. ऐसे में पुलिसकर्मियों ने मिसाल पेश की है.

नई दिल्ली : अपराधियों के मन में भय पैदा करने वाली दिल्ली पुलिस का कोरोना काल में मानवीय चेहरा तब दिखाई पड़ा, जब 134 पुलिसकर्मियों ने 350 से ज्यादा अनजान लोगों को प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई. कोरोना के इस संकट काल में पुलिसकर्मी लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं.

लड़ाई अभी बहुत लंबी

दिल्ली में जिस तरह इन दिनों कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि लड़ाई अभी बहुत लंबी है, लेकिन कोरोना से जंग और जिंदगी की जीत के दौर में लोगों को काफी हिम्मत से काम लेना होगा. ऐसे में मिसाल बने हैं दिल्ली पुलिस के 134 जवान, जो डयूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. फिर भी उनके जज्बे में कमी नहीं आई है.

लगभग 350 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने डोनेट किया प्लाज्मा

पढ़ें- कोरोना के कारण प्राथमिक शिक्षा के अभाव में रहेंगे 63 फीसदी छात्र: विश्व बैंक की रिपोर्ट

कोरोना से जंग जीतने के बाद अब वे दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए खुद आगे आकर प्लाजा डोनेट कर रहे हैं. कोरोना से उबर चुके पुलिसकर्मियों द्वारा डोनेट किए गए प्लाज्मा की वजह से डॉक्टरों को अब तक 350 से ज्यादा कोरोना के मरीजों की जान बचाने में मदद मिली है.

सराहना और सम्मान के काबिल हैं कृष्ण कुमार

साउथ वेस्ट दिल्ली के कापासेड़ा थाने में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात कृष्ण कुमार, जो अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोरोना से संक्रमित हो गए थे, लेकिन अब ठीक होने के बाद दूसरे लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. कृष्ण कुमार ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पांच बार जरूरतमंद लोगों को अपना प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई है.

कृष्ण कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने एक मई को अपना कोरोना टेस्ट करवाया था और पांच मई को आई उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. इसके बाद उन्हें तुरंत राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था.

कोरोना के कारण उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि वह वेंटिलेटर पर आ गए, लेकिन इस दौरान उनके एसएचओ और थाने के स्टाफ ने उनकी और उनके परिवार वालों की पूरी तरह से देखभाल की.

पढे़ें-भारत के मरीजों पर प्रभावी है कॉन्वलसेंट प्‍लाज्‍मा थेरेपी : अध्ययन

350 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने डोनेट किया प्लाज्मा
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और डीसीपी डॉ. ईश सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस के 350 अधिकारी और कर्मचारी प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. 134 पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूरी तरह से अनजान लोगों को प्लाज्मा डोनेट कर उनकी जान बचाई. इसमें सबसे ऊपर साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक के कापसहेड़ा थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार का नाम है, जो ठीक होने के बाद अब तक पांच बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं.

एक डोनर 400 मिलीमीटर प्लाजा दान कर सकता है

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश ने बताया कि कोरोना से ठीक होने में प्लाजा थेरेपी काफी कारगर है. डॉक्टरों की मानें, तो एक डोनर 400 मिलीमीटर प्लाजा दान कर सकता है और इससे दोनों लोगों की जान बचाई जा सकती है.

प्लाज्मा थेरेपी कोरोना में प्रभावी

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी तो नई नहीं है, लेकिन कोरोना के सेज में भी इसका प्रभावी इस्तेमाल हुआ है. कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा की बेहद जरूरत है. ऐसे में पुलिसकर्मियों ने मिसाल पेश की है.

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