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जबरन वसूली के मामले में दिल्ली पुलिस का एएसआई गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने रंगदारी मांगने के मामले में दिल्ली पुलिस के एएसआई को गिरफ्तार किया है, आरोप है कि एएसआई ने हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ मिलकर रंगदारी मांगी है.

ASI arrested
एएसआई गिरफ्तार
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Published : Nov 23, 2020, 10:31 AM IST

नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के हौजखास क्षेत्र में दर्ज किये गये जबरन वसूली के एक मामले में कथित मुख्य आरोपी दिल्ली पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि एएसआई को निलंबित कर दिया गया है और उसको बर्खास्त करने की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि, आरोपी की पहचान राजबीर सिंह के रूप में की गयी है. इनके अलावा चार अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

बता दें कि, सिंह को 2019 में उत्कृष्ट सेवा के लिये पुलिस पदक भी प्रदान किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि, एसएसआई राजबीर सिंह जैसे लोगों की बल में कोई जगह नहीं है, जो कथित रूप से गंभीर आपराधिक मामले में शामिल पाए गए हैं. हमें कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा. दिल्ली पुलिस उसे प्रदान किये गए पदक वापस लेने पर विचार कर रही है.

पढ़ें: मुंबई पुलिस ने कंगना रनौत, उनकी बहन रंगोली को तीसरी बार किया तलब

साथ ही कहा गया कि सिंह को निलंबित कर दिया गया है और बर्खास्त करने की कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है. यह सभी के लिये कड़ा संदेश है कि सतर्क हो जाए और अवांछित गतिविधियों में संलिप्त न हों.

पुलिस के अनुसार हौज खास थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि, 28 जून 2020 को उसके पिता को एक फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को गैंगस्टर काला बताते हुए उन्हें धमकी दी एवं उन्हें दो करोड़ रुपये देने को कहा.

पुलिस के अनुसार, काला ने धमकी दी थी कि यदि उसकी मांग नहीं मानी गयी तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच के दौरान पता चला कि जबरन वसूली का कॉल करने के लिए उपयोग में लाये गये सिम कार्ड और मोबाइल फोन कथित रूप से 27 जून को रोहतक में राम मूर्ति नामक एक व्यक्ति से कथित रूप से छीने गये थे.

अधिकारी के मुताबिक, छीने गये मोबाइल से फोन नहीं किया गया, बल्कि उसके सिम को दूसरे मोबाइल में डालकर फोन किया गया. दूसरा हैंडसेट मुकेश नामक एक व्यक्ति ने सावन से लिया था, दोनों ही गोयला डेयरी के पंकज गार्डन के रहने वाले हैं और इस मामले में आरोपी हैं.

पढ़ें: कर्नाटक : आईएमए पोंजी घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री के घर पर CBI का छापा

अधिकारी के अनुसार मुकेश ने उस मोबाइल फोन को झज्जर जिले के प्रमोद उर्फ काला को दे दिया, जिसने राजस्थान के भिवाड़ी से फोन किया. तब पुलिस द्वारा तीन आरोपी मुकेश, सावन और सन्नी उर्फ शूटर गिरफ्तार किये गये.

अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान यह सामने आया कि, प्रमोद तीन मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, जब इन नंबरों का विश्लेषण किया गया तब पता चला कि पीसीआर के दक्षिण पश्चिम जोन में तैनात एएसआई राजबीर सिंह निरंतर प्रमोद के संपर्क में था. पुलिस के अनुसार, सिंह शिकायतकर्ता को भी जानता था और उसने प्रमोद को उसके बारे में बताया, वह कई बार प्रमोद से मिला भी है.

नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के हौजखास क्षेत्र में दर्ज किये गये जबरन वसूली के एक मामले में कथित मुख्य आरोपी दिल्ली पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि एएसआई को निलंबित कर दिया गया है और उसको बर्खास्त करने की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि, आरोपी की पहचान राजबीर सिंह के रूप में की गयी है. इनके अलावा चार अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

बता दें कि, सिंह को 2019 में उत्कृष्ट सेवा के लिये पुलिस पदक भी प्रदान किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि, एसएसआई राजबीर सिंह जैसे लोगों की बल में कोई जगह नहीं है, जो कथित रूप से गंभीर आपराधिक मामले में शामिल पाए गए हैं. हमें कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा. दिल्ली पुलिस उसे प्रदान किये गए पदक वापस लेने पर विचार कर रही है.

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साथ ही कहा गया कि सिंह को निलंबित कर दिया गया है और बर्खास्त करने की कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है. यह सभी के लिये कड़ा संदेश है कि सतर्क हो जाए और अवांछित गतिविधियों में संलिप्त न हों.

पुलिस के अनुसार हौज खास थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि, 28 जून 2020 को उसके पिता को एक फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को गैंगस्टर काला बताते हुए उन्हें धमकी दी एवं उन्हें दो करोड़ रुपये देने को कहा.

पुलिस के अनुसार, काला ने धमकी दी थी कि यदि उसकी मांग नहीं मानी गयी तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच के दौरान पता चला कि जबरन वसूली का कॉल करने के लिए उपयोग में लाये गये सिम कार्ड और मोबाइल फोन कथित रूप से 27 जून को रोहतक में राम मूर्ति नामक एक व्यक्ति से कथित रूप से छीने गये थे.

अधिकारी के मुताबिक, छीने गये मोबाइल से फोन नहीं किया गया, बल्कि उसके सिम को दूसरे मोबाइल में डालकर फोन किया गया. दूसरा हैंडसेट मुकेश नामक एक व्यक्ति ने सावन से लिया था, दोनों ही गोयला डेयरी के पंकज गार्डन के रहने वाले हैं और इस मामले में आरोपी हैं.

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अधिकारी के अनुसार मुकेश ने उस मोबाइल फोन को झज्जर जिले के प्रमोद उर्फ काला को दे दिया, जिसने राजस्थान के भिवाड़ी से फोन किया. तब पुलिस द्वारा तीन आरोपी मुकेश, सावन और सन्नी उर्फ शूटर गिरफ्तार किये गये.

अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान यह सामने आया कि, प्रमोद तीन मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, जब इन नंबरों का विश्लेषण किया गया तब पता चला कि पीसीआर के दक्षिण पश्चिम जोन में तैनात एएसआई राजबीर सिंह निरंतर प्रमोद के संपर्क में था. पुलिस के अनुसार, सिंह शिकायतकर्ता को भी जानता था और उसने प्रमोद को उसके बारे में बताया, वह कई बार प्रमोद से मिला भी है.

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