नई दिल्ली : बीते दिन दिल्ली से बिहार गई श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी के किराए को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. दिल्ली सरकार यह दावा कर रही है कि दिल्ली सरकार ने मजदूरों के किराए का पूरा खर्च उठाया है. बिहार के तमाम नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने पैसा तो दिया, लेकिन इसके लिए पहले ही बिहार को रीइंबर्समेंट के लिए पत्र लिख दिया गया था. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय से खास बातचीत की.
हर राज्य को लिखा पत्र
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उन सभी राज्यों को पत्र लिखा था जहां-जहां ट्रेन जानी थी. इसी क्रम में बिहार को भी यह पत्र लिखा गया था लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि सात मई के इस पत्र का कोई जवाब नहीं आने पर भी सरकार ने ही इस गाड़ी का पूरा खर्चा दिया है. इसमें अब कोई और सवाल ही नहीं बनता.
दिल्ली सरकार ने दिया किराया
राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ट्रेन का किराया दे चुकी है और बिहार सरकार से इसकी कोई राशि नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिस राज्य में गाड़ी जा रही है. उसी राज्य को मजदूरों के किराए का खर्चा वहन करना पड़ता है. यदि कोई राज्य इस बात से इनकार करता है तो मजदूरों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
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